यह तो हम सभी जानते हैं कि नींद आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। जब आप शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त नींद लेते हैं तो इससे व्यक्ति को अपना ध्यान केन्द्रित करने और अलर्ट रहने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, दिन भर की थकान के बाद जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो इससे आपकी बॉडी रिचार्ज होती है। हम सभी ने अक्सर नींद की कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मोटापा व मधुमेह आदि के बारे में सुना है।
हालांकि, इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप घंटों तक सोते ही रहें। जिस तरह नींद की कमी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है, ठीक उसी तरह आवश्यकता से अधिक सोना भी सेहत के लिए हानिकारक है। तो चलिए आज इसा लेख में हम आपको ओवर स्लीपिंग से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में बता रहे हैं-
हो सकती हैं हार्ट प्रॉब्लम
अमूमन लोग मानते हैं कि कम सोने से व्यक्ति को हद्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा सोना भी हृदय रोग के जोखिम में जुड़ा है। 2013 में अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित के एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक सोने से बाएं वेंट्रिकुलर मास में वृद्धि होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे-जैसे दिल का बायां वेंट्रिकल थिक होता जाता है, इससे हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, न्यूरोलॉजी में प्रकाशित 2015 के एक अध्ययन में भी पाया गया कि जहां कम नींद स्ट्रोक के जोखिम को 18 प्रतिशत बढ़ाता है, वहीं अधिक नींद लेने से स्ट्रोक के जोखिम में 46 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
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डिप्रेशन की हो सकती है समस्या
आपको सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन लगातार जरूरत से ज्यादा सोने से आपके मूड पर असर पड़ता है। यहां तक कि इससे व्यक्ति को डिप्रेशन भी हो सकता है। दरअसल, नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है। बहुत अधिक नींद लेने से व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने के लिए व्यक्ति का फिजिकल रूप से एक्टिव होना बेहद आवश्यक है। इससे आपके मूड भी बेहतर होता है।
हो सकती है मोटापे की समस्या
नींद और मोटापे के बीच सीधा संबंध है। शरीर की जरूरत से बहुत कम या बहुत अधिक नींद लेने से व्यक्ति कोे मोटापा हो सकता है। दरअसल, जब आप बहुत अधिक सोते हैं तो इसका अर्थ है कि आपका शरीर लंबे समय के लिए शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं। कम शारीरिक गतिविधि के कारण आपका शरीर कम कैलोरी बर्न करता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। 2010 में सोशल साइंस एंड मेडिसिन में प्रकाशित के एक अध्ययन में यह पाया गया कि एक दिन में 8 घंटे से अधिक नींद लेने से व्यक्ति को मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
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बढ़ जाता है डायबिटीज का रिस्क
जरूरत से ज्यादा सोना आपके ब्लड शुगर लेवल के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। दरअसल, जब आप अधिक नींद लेते हैं तो इससे आपकी बॉडी की शुगर को प्रोसेस करने की क्षमता प्रभावित होती है। जिसके कारण व्यक्ति को टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा, बहुत अधिक नींद का मतलब है कि आप कम शारीरिक रूप से सक्रिय हैं और यह भी मधुमेह के जोखिम को बढ़ाता है। 2009 में स्लीप मेडिसिन के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बहुत अधिक या कम सोते हैं, उन्हें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का अधिक खतरा काफी अधिक होता है।
तो अब आप भी अपने शरीर की जरूरत के अनुसार ही सोएं और खुद को कई तरह की बीमारियों से बचाएं।
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Image Credit- freepik
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