क्या ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है?

ब्रेस्ट कैंसर पूरे इलाज के बाद वापस आ सकता है, बीमारी को मेडिकल भाषा में रिकरेंट कार्सिनोमा कहते हैं।

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-07-24, 16:01 IST
Breast Cancer Recurrence

दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे काफी ज्यादा मौत भी दर्ज की जा रही है। आम आदमी हो या कोई सेलिब्रिटी इससे कोई भी अछूता नहीं है। हालांकि साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है की इसका भी इलाज मुमकिन है, लेकिन कई बार सुनने में आता है की इलाज के बाद भी कैंसर दोबारा हो गया,क्या सच में ऐसा होता है?क्या ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है? इस बारे में हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की,रुचि सिंह सीनियर कंसल्टेंट हेड ऑफ द डिपार्टमेंट रेडिएशन और ऑन्कोलॉजी एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

क्या ब्रेस्ट कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है?

against breast cancer

रुचि सिंह बताती हैं की हां ब्रेस्ट कैंसर पूरे इलाज के बाद वापस आ सकता है, बीमारी को मेडिकल भाषा में रिकरेंट कार्सिनोमा कहते हैं,बीमारी के वापस आने की संभावना पहले 5 वर्षों में ज्यादा होती है। 5 से 20 पर्सेंट में बीमारी वापस आती है, खासकर उन मामलों में जिनकी फैमिली हिस्ट्री होती है, जेनेटिक म्यूटेशन होता है। बीमारी कई तरीको से वापस आती है जैसे लोकल रिकरेन्स, रीजनल रिकरेन्स और डिस्टेंस रिकरेन्स, इस ऐसे समझ सकते हैं की जब ब्रेस्ट कैंसर होता है तो ब्रेस्ट बचाकर बीमारी निकाल दी जाती है,ऐसे में जब बीमारी ब्रेस्ट में आती है तो इसे लोकल रिकरेंस कहा जाता है, अगर बीमारी आसपास आती है तो इसे रीजनल कहते हैं और अपनी जगह से हटकर कहीं दूसरी जगह जैसे बोन और लिवर में बीमारी आती है तो इसे डिस्टेंट रिकरेंस कहते हैं।

किन लोगों को ब्रेस्ट कैंसर दोबारा हो सकता है?

बीमारी वापस आना कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे इलाज के वक्त पेशेंट कौन से स्टेज पर था, गांठ 5 सेंटीमीटर से ज्यादा, या बगलों गांठ आ गई थी, इलाज सही नहीं हुआ था तब उन मरीजों बीमारी के ज्यादा आसार होते हैं।

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बीमारी को दोबारा होने से कैसे रोकें

adult woman with pink ribbon represent breast cancer awareness

रेगुलर फॉलो अप, आप भले ही ठीक हो गए हो,आपकी सारी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो लेकिन आपको दो सालों में हर तीन तीन महीने में डॉक्टर को दिखाना है, 5 साल में हर 6 महीने में डॉक्टर को दिखाना है,डॉक्टर के बताए टेस्ट और इलाज को गंभीरता से लेना है।

इसके अलावा बैलेंस डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और इम्यून बूस्ट करने पर ध्यान देना चाहिए।

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Image Credit- freepik


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