
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगाें का रूटीन काफी बदल गया है। लोग न तो टाइम से खाना खाते हैं और न ही समय पर सोते हैं। इससे उन्हें कई तरह की दिक्कतें हो जाती हैं। नींद न आने से तनाव बढ़ता है और कई लोगाें में तो डिप्रेशन की समस्या देखने को मिलती है। डिप्रेशन एक खतरनाक मानसिक बीमारी है। इस स्थिति में इंसान को सही गलत की समझ नहीं होती है।
अक्सर लोग डिप्रेशन को सिर्फ मूड खराब होना समझ बैठते हैं। इसलिए कई बार लोग इसे दिनों, महीनों तक नजरअंदाज करते रहते हैं, लेकिन सच तो ये है कि डिप्रेशन सिर्फ मन को नहीं, पूरी जिंदगी को प्रभावित कर देता है। इससे नींद खराब हो जाती है, भूख बदल जाती है, काम में मन नहीं लगता और इंसान धीरे-धीरे खुद को अकेला महसूस करने लगता है। यही वजह है कि डॉक्टर बार-बार कहते हैं कि डिप्रेशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए, लेकिन क्या आप जानती हैं कि इससे आपकी जान पर भी बात आ सकती है?
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Hong Kong University की एक रिसर्च में पाया गया कि डिप्रेशन से मौत का खतरा दोगुना हो जाता है और आत्महत्या का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। मतलब, डिप्रेशन को हल्के में लेना सच में गलत है। स्टडी में ये भी बताया गया है कि डिप्रेशन के शुरुआती 180 दिन बहुत खतरनाक होते हैं। इस दौरान खुद को संभाल कर रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।
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इस रिसर्च में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर और कोरिया के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के डेटा को देखा गया। इसमें पाया गया कि डिप्रेशन वाले लोगों में आत्महत्या का खतरा 10 गुना ज्यादा रहता है। डिप्रेशन से हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर और कई दूसरी बीमारी से मौत का खतरा बढ़ जाता है। इसकी एक वजह गलत लाइफस्टाइल है। वहीं फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होने से, गलत खानपान से डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।
WHO के मुताबिक, दुनिया भर में 33 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। रिसर्च में देखा गया कि डिप्रेशन डायग्नोस होने के बाद अगले पांच साल तक खतरा बना रहता है, लेकिन सबसे ज्यादा खतरा पहले के 180 दिनों में होता है। इन शुरुआती 6 महीनों में मौत का खतरा 11 गुना बढ़ा पाया गया है। इसमें उम्र और जेंडर के आधार पर भी फर्क देखा गया। 25 साल से कम उम्र की लड़कियों में मौत का खतरा छह गुना था। वहीं आत्महत्या का खतरा 10 गुना ज्यादा था। इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ये खतरा 13 गुना तक बढ़ जाता है। इसलिए शुरुआती महीनों में डॉक्टर के संपर्क में रहना बहुत जरूरी हो जाता है।
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ताे अगर आपको कभी भी महसूस हो कि डिप्रेशन की ओर आप बढ़ रहीं हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे आपकी जान बच सकती है और आपकी लाइफ भी बेहतर हो सकती है। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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