हार्ट अटैक के वो लक्षण जो 40+महिलाओं में देते हैं दिखाई

बॉलीवुड एक्‍ट्रेस सुष्मिता सेन अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखती हैं फिर भी उन्हें हार्ट अटैक आया। आइए इस आर्टिकल में हार्ट अटैक के लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में जानें।    

Pooja Sinha
heart attack symptoms by expert

बॉलीवुड एक्ट्रेस और फिटनेस फ्रीक सुष्मिता सेन को कुछ समय पहले हार्ट अटैक आया था। उनकी मेन आर्टरी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज थी। यह बात खुद सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में बताई थी। इतनी ज्‍यादा ब्लॉकेज में अटैक आने पर खतरा बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है, लेकिन सुष्मिता ने इतना बड़ा हार्ट अटैक झेल लिया।

आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो हार्ट अटैक आने से पहले 40 की उम्र के बाद महिलाओं में दिखाई दे सकते हैं। इसकी जानकारी हमें एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉक्‍टर तिलक सुवर्णा दे रहे हैं।

डॉक्‍टर तिलक सुवर्णा का कहना है, ''प्रीमेनोपॉज़ल उम्र में महिलाओं को आमतौर पर उनकी उम्र के पुरुषों की तुलना में कोरोनरी आर्टरी डिजीज के विकसित होने का जोखिम कम होता है, क्योंकि महिला हार्मोन सुरक्षा प्रदान करते हैं। हालांकि, यह फायदे उन महिलाओं के लिए नहीं है, जो स्‍मोकिंग करती हैं या जिन्हें डायबिटीज है।''

आगे उन्‍होंने बताया, ''अक्सर कामकाजी महिलाओं को काम और घर दोनों की दोहरी जिम्‍मेदारियों के चलते एक्‍सरसाइज करने के लिए समय निकालने में परेशानी होती है। ये महिलाओं में मोटापे, हाई ब्‍लडप्रेशर और डायबिटीज जैसे कई स्वास्थ्य समस्‍याओं का कारण बनता है, जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज के विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं।''

महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण

heart attack sign

महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग होते हैं और कई मामलों में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देते हैं। सीने में दर्द का अनुभव करने की बजाय, महिलाओं में अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे-

  • सांस की तकलीफ
  • पेट की परेशानी
  • चक्कर आना
  • पसीना आना
  • बाजुओं या गर्दन में दर्द

चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज से अचानक मरने वाली दो-तिहाई महिलाओं में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। आइए बचाव के उपायों के बारे में जानने से पहले महिलाओं में हार्ट अटैक के कारणों के बारे में जान लेते हैं।

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महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण

कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लिए कई कारण हैं जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्‍लड प्रेशर और मोटापा आदि। ये महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित करते हैं। लेकिन, अन्य कई कारण महिलाओं में हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं। आइए इनके बारे में जानें-

एक्‍सरसाइज न करना

फिजिकल एक्टिविटी की कमी हार्ट डिजीज के लिए प्रमुख कारण है।

डायबिटीज

diabetes effects on heart

डायबिटीज से पीड़ि‍त पुरुषों की तुलना मेंइससे पीड़ि‍त महिलाओं में हार्ट डिजीज होने की संभावना अधिक होती है।

सूजन संबंधी बीमारियां

रूमेटाइड अर्थराइटिस, ल्यूपस और अन्य सूजन संबंधी बीमारियां पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

डिप्रेशन

तनाव और डिप्रेशन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के दिल को ज्यादा प्रभावित करतेे हैं। इसके अलावा, डिप्रेशन स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखना मुश्किल बना देता है और अन्य स्वास्थ्य समस्‍याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।

स्‍मोकिंग

जैसे की हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का स्‍मोकिंग करना हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

मेनोपॉज

मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजेन के लो लेवल से छोटी ब्‍लड वेसल्‍स में बीमारी विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

प्रेग्‍नेंसी की जटिलताएं

प्रेग्‍नेंसी के दौरान हाई ब्‍लड प्रेशर या डायबिटीज मां में हाई ब्‍लड प्रेशर और डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। ये समस्‍याएं महिलाओं में हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ाती हैं।

हार्ट डिजीज से बचने के उपाय

1. स्‍मोकिंग न करें

यदि आप स्‍मोकिंग करते हैं, तो आप कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।

2. रेगुलर एक्‍सरसाइज करें

exercise for healthy heart

मोटापे, डायबिटीज, हाई ब्‍लड प्रेशर और हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ाने वाली अन्य समस्‍याओं के विकास के जोखिम को कम करने के लिए हफ्ते में 5 दिन कम से कम 30 मिनट के लिए रेगुलर एक्‍सरसाइज जरूर करें।

3. हेल्‍दी खाएं

कलरफुल फल और सब्जियां, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, होल व्हीट रोटी और दलिया और लीन प्रोटीन जैसे चिकन, मछली, बीन्स और फलियां हार्ट हेल्‍दी डाइट हैं। इनसे जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्‍लडप्रेशर और कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि का खतरा कम करने में मदद मिलती हैं।

इसके अलावा, नमक का सेवन कम करें और बहुत ज्‍यादा चीनी वाले फूड्स से बचने की कोशिश करें। अनहेल्‍दी जंक फूड के साथ गतिहीन जीवनशैली से वजन और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

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4. हार्ट की स्‍क्रीनिंग कराएं

40 वर्ष की आयु के बाद 5 वर्ष में कम से कम एक बार हार्ट/कार्डियक स्‍क्रीनिंग करना जरूरी होता है। यह हार्ट डिजीज का पता लगाने में आपकी मदद करता है।

अगर आपकी उम्र भी 40 के पार है तो इन टिप्‍स को आप जरूर जान लें। आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Freepik

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