अक्सर महिलाएं बहुत ज्यादा उबासी आने पर रात में नहीं सो पाने, ज्यादा थक जाने या किसी हेल्थ इशु को इसकी वजह बताते हैं, लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा उबासी आ रही है तो यह सीरियस हेल्थ इशु का भी संकेत हो सकता है। इसमें हमारा मुंह खुल कर पूरा चौड़ा हो जाता है और हम गहरी सांस लेते हैं। यह शरीर के आराम की अवस्था में होने और उनींदेपन की निशानी होती है। अक्सर सो कर उठते हुए या रात में बिस्तर पर जाते हुए उबासियां आती हैं। लेकिन ये उबासियां अन्य वजहों से भी आ सकती हैं। उबासी लेते समय शरीर के कई हिस्स्से एक्टिव हो जाते हैं। इससे फेफड़े हवा से भर जाते हैं , पेट की मांसपेशियां तन जाती हैं, डायफ्राम नीचे चला जाता है। इससे शरीर ज्यादा सांस ले पाता है और दिल की धड़कन भी 30 % बढ़ जाती है। आइए जानें उबासी कब हमारे लिए गंभीर हो सकती है-
लीवर डिजीज बहुत ज्यादा गंभीर होने पर भी काफी उबासी आती है। अक्सर ऐसी स्थिति में थकान भी बहुत ज्यादा होती है और उबासी इसका नतीजा भी हो सकती है।
स्टडीज से पता चलता है कि मल्टिपल स्केलेरॉसिस से पीड़ित होने वाले मरीजों को भी उबासियां बहुत ज्यादा आती हैं। एमएस से पीड़ित महिलाओं में thermoregulatory dysfunction की वजह से उनका बॉडी टेंपरेचर कंट्रोल नहीं हो पाता। इसी वजह से उबासी आती है और इससे शरीर का तापमान कम करने में मदद मिलती है।
कुछ स्टडीज में यह बात कही गई है कि बहुत ज्यादा उबासी की वजह ब्रेन स्टेम में जख्म भी हो सकते हैं। पिट्यूटरी ग्लेंड दब जाने की वजह से भी उबासियां आती हैं।
नर्वस सिस्टम ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करता है। तनाव बढ़ने पर ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन दोनों में अनियमितता आ जाती है। ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन में कमी से ऑक्सीजन ब्रेन तक नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति में उबासी के जरिए शरीर ऑक्सीजन की भरपाई की कोशिश करता है।
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बहुत ज्यादा उबासी डायबिटिक्स में हाइपोग्लाइसीमिया का भी शुरुआती संकेत हो सकता है। ऐसा तब होता है जब शरीर के ब्लड ग्लूकोस का स्तर 72mg/dL से नीचे चला जाता है।
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कई बार हमारी दिनचर्या काफी ज्यादा व्यस्त होती है। लगातार काम करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, इससे मस्तिष्क को काम करने में समस्या होती है। ऐसे में उबासी लेने से शरीर कुदरती रूप से ठंडा हो जाता है और दिमाग फिर से सक्रिय होने लगता है ।
कुछ खास तरह की दवाएं जैसे कि एंटी ड्रिप्रेसेंट्स, एंटी हिस्टेमाइन्स और सरटॉनिन अपटेक इन्हिबिटर्स से बहुत ज्यादा उबासी आ सकती है।
कुछ विशेष परिस्थिति में उबासी काफी खतरनाक हो सकती है। यह स्थिति वेसो वेगल रिएक्शन कहलाती है। इसमें वेगस नस की सक्रियता बढ़ जाती है। यह नस दिमाग और गले से होती हुई पेट तक जाती है।
जब यह नस ज्यादा एक्टिव हो जाती है तो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाते हैं। इसके कारण बहुत ज्यादा उबासी आने लगती है। इसका दिल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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