
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का सही ढंग से ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। इससे उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। वहीं डायबिटीज और दिल की बीमारियाें का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। महिलाओं में मोटापे और डायबिटीज के अलावा PCOS भी बढ़ रहा है।
ये तीनों भले ही अलग-अलग बीमारियां लगती हैं, लेकिन असल में ये एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं। खासतौर पर भारतीय महिलाओं में ये तीनों मिलकर एक ऐसी बीमारी को जन्म देती हैं, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इसके बारे में जानने के लिए हमने डॉ. शिल्पा घोष (सीनियर डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका) से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अगर समय रहते इन तीनों का कनेक्शन समझ लिया जाए, तो कई बड़ी दिक्कतों को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से-
-1763632813745.jpg)
तीनों बीमारियों की जड़ इंसुलिन रेजिस्टेंस होती है। इंसुलिन वो हार्मोन है जो शरीर के शुगर को एनर्जी की तरह इस्तेमाल करने में मदद करता है। जब शरीर इंसुलिन को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, तो उसे और ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है। ज्यादा इंसुलिन की वजह से वजन बढ़ने लगता है। इससे हार्मोन बिगड़ते हैं और ब्लड शुगर भी बढ़ने लगता है। भारतीय महिलाओं में जेनेटिक कारणों से इंसुलिन रेजिस्टेंस ज्यादा देखा जाता है। ऊपर से हाई कार्ब डाइट, स्ट्रेस, नींद की कमी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी इसे और बढ़ा देते हैं।
अगर पेट के आसपास ज्यादा चर्बी जमा हो जाए, तो शरीर और भी ज्यादा इंसुलिन रेजिस्टेंट बन जाता है। पैंक्रियाज को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। हार्मोन डिस्बैलेंस होने लगते हैं, जिससे PCOS के लक्षण बढ़ जाते हैं। जैसे पीरियड्स इररेगुलर होना, मुंहासे, बाल झड़ना और चेहरे पर ज्यादा बाल आना।
इसे भी पढ़ें: PCOS, मोटापा और थायराइड की वजह से दिख रही हैं बेडौल? इन 9 टिप्स से पाएं सुडौल शरीर
ये सभी PCOS के ही लक्षण हैं। रिसर्च कहती है कि सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत वजन कम करने से पीरियड्स में सुधार आता है और डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
PCOS वाली महिलाओं में एंड्रोजन (Hormone) ज्यादा होते हैं और उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस तेजी से बढ़ता है। अगर वे मोटी न हों तब भी ऐसा देखने को मिलता है। इसी वजह से PCOS वाली महिलाओं में आगे चलकर टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना चार गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए PCOS के मरीजों को नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर चेक करवाते रहना चाहिए।
कुछ कारण जो खासतौर पर भारतीय महिलाओं में इस समस्या को बढ़ाते हैं-
इन आदतों की वजह से वजन बढ़ता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस और खराब हो जाता है।
डॉक्टर ने बताया कि एक बार अगर ये समस्याएं शुरू हो गईं तो ये एक-दूसरे को और बढ़ाती जाती हैं। जैसे-
इसे भी पढ़ें: महिलाओं में Fatty Liver और PCOS की वजह से बढ़ सकता है Diabetes का खतरा, जानें कैसे करें बचाव
हालांकि, थोड़े-थोड़े बदलाव भी तीनों बीमारियों को कंट्रोल करने में बहुत मदद करते हैं। जैसे-
PCOS, डायबिटीज और मोटापा भारतीय महिलाओं के लिए एक साथ मिलकर बड़ा खतरा बन जाते हैं, लेकिन सही जानकारी, समय पर जांच और छोटी-छोटी लाइफस्टाइल चेंज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।