आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि गला दर्द हो रहा है तो अदरक और शहद वाली चाय पी लो। ऐसी सलाह लोग इसलिए देते हैं क्योंकि कुछ लोगों को इससे गले में आराम मिलता है। गले की खिचखिच और खराश को चाय का फ्लेवर और उसमें मौजूद हर्ब्स राहत पहुंचाते हैं। अगर आप चाय न भी पीती हों, तो भी आपको ऐसे में एक-आधा कप तो हर्बल टी का जरूर पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कई सारी चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपके शरीर में कोल्ड और फ्लू के वायरस से लड़ते हैं। वो आपक इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और दर्द या गले की सूजन में आराम पहुंचाता है। तरल पदार्थ को पीने से आपके गले में नमी रहती है और उससे आपक डिहाइड्रेशन का रिस्क भी कम होता है। इस वजह से होने वाली खराश में राहत मिलती है। ऐसी कौन सी चाय है, जिनके सेवन से आपके गले दर्द, खराश, खांसी आदि में राहत मिलती है, आइए जानें
ग्रीन टी एंटीऑक्सी डेंट्स का अच्छा स्रोत है। इसमें नैचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। ऐसा माना जाता है कि ग्रीन टी पीने से या फिर इससे गरारा करने से आपके दर्द में राहत मिलेगी। एनेस्थिसियोलॉजी एंड पेन मेडिसिन के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्रीन टी से गरारे करने से पोस्टऑपरेटिव रोगियों में गले में खराश के लक्षणों को दूर करने में मदद मिली। अगर आप यह उपचार आजमाना चाहें, तो इसके लिए एक कप ग्रीन टी बना लीजिए। उसे गुनगुना कर दिन में 2-3 बार गरारे करें।
कैमोमाइल के कई फायदों के कारण यह बीते कुछ समय से काफी पॉपुलर हो गई है। यह न केवल सबसे ज्यादा उपलब्ध हर्बल चाय में से एक है, बल्कि यह सबसे पुराने हर्बल उपायों में से एक है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कैमोमाइल टी आपके गले को लूबरिकेट करती है, जिसे आपके गले की खराश, दर्द और खिचखिच में आराम मिलता है। इसमें चूंकि एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, तो यह दर्द से होने वाली सूजन और लालिमा में भी काफी असरदार है। कैमोमाइल का एंटीस्पासमोडिक एक्शन खांसी को कम कर सकता है। अगर आपको ठंड की वजह से गले में दर्द है, तो इस पीने से कोल्ड के अन्य लक्षणों में भी राहत मिल सकती है।
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मुलेठी को ही लीकोरिस कहते हैं। यह चाय लीकोरिस यानी मुलेठी की जड़ से बनाई जाती है। इसमें मिठास के साथ थोड़ा सा कड़वा और नमकीन फ्लेवर होता है। इसमें मौजूद एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज गले में खराश पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ता है। आप इसकी चाय भी पी सकती हैं या फिर इससे गरारा कर सकती है। इससे गरारा करने के लिए लीकोरिस टी के पैकेट में जो निर्देश दिए हों उसे फॉलो करें। या फिर लीकोरिस चाय बनाकर उससे पहले ठंडा कर लें और फिर उससे गरारा करें। एक बात का ध्यान रखें कि इसे ज्यादा मात्रा में पीने से यह सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है, इसलिए इसे पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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हल्दी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसकी चाय गले के दर्द या जलन से राहत प्रदान करने में मदद करती है। इसे आप चाय की तरह बनाकर पी सकती हैं। उबलते पानी में पिसी हुई हल्दी या हल्दी की जड़ डालें, इसे खूब देर तक उबालें। इसमें 2-3 पत्ती तुलसी की भी डालें और छानकर पी लें। आप चाहें तो उसमें शहद भी डाल सकती है। इसका गरारा करने से भी गले दर्द में राहत मिलती है। खांसी आदि में भी यह चाय काफी असरदार होती है।
होरहाउंड पौधा पुदीने की तरह ही होता है, जिसका इस्तेमाल मेडिसिन के रूप में बहुत किया जाता है। इसका कड़वा जूस कोल्ड और खांसी आदि के लक्षणों में कारगार साबित होता है। इसमें भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अगर आपको खांसी हो रही है या गले में बलगम बन रहा है, तो यह हर्बल चाय उसके लिए बहुत असरदार है। यह चाय आपको ऑनलाइन स्टोर, मेडिकल स्टोर या हेल्थ फूड स्टोर में आसानी से मिल जाएगी।
गले के दर्द के लिए सबसे बेहतर चाय तो अदरक वाली चाय है, जिसे पीकर स्वाद भी आता है और खराश और दर्द में आराम मिल जाता है। आप चाहें तो इन हर्बल टी को भी आजमा सकती हैं, लेकिन हमारी सलाह है कि किसी भी हर्बल चाय को पीने से अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ऐसी अन्य जानकारियां पाने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।
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