हम में से अधिकांश ने पेल्विक फ्लोर की ताकत और ब्लैडर को कंट्रोल करने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के महत्व के बारे में बार-बार सुना है। हालांकि, हम इस बात से अवगत नहीं हैं कि योग मुद्राओं की एक सीरिज है जो हमारे पेल्विक को सपोर्ट करने में काफी मदद कर सकती है।
पेल्विक फ्लोर
पेल्विक फ्लोर पेल्विस में स्थित डीप मसल्स का एक प्रमुख समूह है, जो फ्रंटल प्यूबिक बोन से रीढ़ के आधार तक जाता है। एक बेसिन के आकार का, पेल्विक फ्लोर सभी पेल्विक अंगों (यूट्रस, वेजाइना, बॉउल और ब्लैडर) को जगह में रखता है, और जब आप यूरिन करती हैं तो नियंत्रण प्रदान करने के लिए ब्लैडर का समर्थन करता है। ब्लैडर लिकेज को कंट्रोल करने के अलावा, मजबूत पेल्विक फ्लोर मसल्स आपको एब्स में मजबूत कोर स्ट्रेंथ, बेहतर सेक्सुअल संवेदनशीलता और बेहतर मुद्रा प्रदान कर सकती हैं।
पेल्विक फ्लोर कई कारणों से अपनी मसल्स की टोनिंग और ब्लैडर पर नियंत्रण खो सकती है, लेकिन आमतौर पर प्रेग्नेंसी और चाइल्डबर्थ, हैवी स्पोर्ट्स और एक्सरसाइज रूटीन, मेनोपॉज, एजिंग और पेल्विक सर्जरी के परिणामस्वरूप होता है।
योग एक शांत, ध्यानपूर्ण अभ्यास है जो आपके पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने वाले रूटीन को बहुत ज्यादा समर्थन प्रदान कर सकता है। पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने के लिए हम आपको 5 ऐसी योग मुद्राएं के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर कर सकती हैं। इनके बारे में हमें योग गुरू नेहा जी बता रही हैं। योगा गुरु नेहा, द योग गुरु तथा वुमेन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन (ट्रस्ट) की संस्थापक हैं।
मलासन
इस योग को स्क्वाट या गारलैंड पोज़ के रूप में भी जाना जाता है, यह कमर और आंतरिक जांघ की मसल्स को फैलाने और मजबूत करने में मदद करता है। आपको बस इतना करना है कि अपनी एड़ी पर बैठें (जितना संभव हो उतना करीब) और अपनी जांघों को शरीर से अलग करें।
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योग की विधि
- मलासन को करते हुए सामांतर रेखा में दोनों पैरों को खोला जाता है।
- दोनों हाथों को अपनी थाइज के ऊपरी हिस्से में रखा जाता है।
- ऐसा करते हुए सांसों को लिया और छोड़ा जाता है।
- सांस को छोड़ते समय नीचे की ओर प्रेशर जाता है।
हनुमानासन
यह योगासन वेजाइनल ओपनिंग और पेल्विक को मजबूत बनाने के लिए बहुत अच्छा होता है।
योग की विधि
- इसके लिए मैट के किसी भी साइड पर खड़ी होकर दूसरी साइड को पूरी तरह से खोल दें।
- आपको दाएं पैर पर खड़े होकर बाएं को खोलना होगा।
- फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर बैठ जाएं।
- ऐसा कम से कम 10 से 15 बार करें।
वीरभद्रासन
यह आसन दिखने में आसन लग सकता है लेकिन आपको मुद्रा धारण करने के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। इसे वॉरियर योगमुद्रा भी कहा जाता है। जब आप एक तरफ अपने शरीर के वजन का समर्थन करते हैं तो यह आपकी पेल्विक फ्लोर की ताकत का परीक्षण करने के लिए एक आदर्श मुद्रा है।
योग की विधि
- इस करने के लिए मैट पर खड़ी हो जाएं।
- फिर अपने सीधे पैर को आगे लेकर आए और उल्टे पर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर लेकर जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
- सांस भरते हुए इस आसन को 15 से 20 सेकेंड के लिए रोकें।
- फिर नॉर्मल पोजीशन में आएं।
भू नमन आसन
इससे वेजाइनल ओपनिंग और पेल्विक में मजबूती आती है। महिलाओं में होने वाल यूटीआई की समस्या में यह आसन बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है।
योग की विधि
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं।
- फिर अपने पैरों को सामने की ओर खोलें।
- दोनों पैरों को जितना हो सके, साइड में खोलें।
- दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को टच करें और सांसों को भरें।
- सांसों को छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को नीचे की ओर करें।
- आप कोशिश करें कि आपके माथा जमीन को टच करें।
- अगर माथा जमीन पर नहीं लगाया जा रहा है तो तकिए को जमीन पर रखें।
- अगर किसी से यह योगासन नहीं किया जाता है तो वह दुपट्टे की मदद ले सकता है।
भद्रासन
भद्रासन को बद्धकोणासन के नाम से भी जाना जाता है। यहां तक कि कुछ लोग इसे तितली आसन के नाम से भी जानते हैं। यह भी वेजाइनल ओपनिंग और पेल्विक में मजबूती लाने वाला बहुत ही अच्छा आसन है।
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योग की विधि
- इसे करने के लिए जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को मिला लें।
- फिर हाथों से पैरों की उंगालियों को पकड़ लें।
- अब पैरों को ऊपर नीचे हिलाएं।
आप भी एक्सपर्ट के बताए इन योगासन को रोजाना कुछ देर करके अपने पेल्विक को मजबूत बना सकती हैं। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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