गर्दन और रीढ़ से संबंधित कोई भी समस्या मुख्य रूप से आम समस्या जैसे गलत तरीके से बैठना, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और लंबे समय तक एक स्थान पर बैठे रहने के कारण बढ़ती है। अनुसंधान से पता चलता है कि 60 वर्ष और उससे अधिक की आबादी के 85% से अधिक लोग हैं जो सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की इस स्थिति से प्रभावित होते हैं। मानव शरीर मे असीम गतिशीलता लचीलापन और धीरज है।
जब हम, हमें दी गई इस सीमा का उपयोग नहीं करते हैं और गतिहीन जीवन शैली का नेतृत्व करते हैं तो हमारे शरीर अपनी प्राकृतिक लोच और शक्ति खो देते हैं। पैदल चलते समय या बैठते समय अनुचित पोश्चर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते समय झुक जाना और पोषण की कमी के कारण रीढ़ और गर्दन के क्षेत्र कमजोर हो सकते हैं। उम्र के साथ यह स्थिति केवल बदतर होती जाती है।
योग पूरी तरह से हेल्दी होने के लिए एक समग्र उपकरण है जिसमें कई चिकित्सीय आसन शामिल हैं जो स्पॉन्डिलाइटिस को रोकने या मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। योग में मुद्राएं, प्राणायाम, ध्यान और बहुत कुछ शामिल हैं। अपनी वर्कआउट शुरू करने से पहले हमेशा सुखमय एक्सरसाइज या सूक्ष्म अभ्यासों का अभ्यास करना याद रखें। इसमें पैर की उंगलियों से शुरू होने वाले कोमल मूवमेंट शामिल हैं। धीरे-धीरे अपनी एड़ियों, हिप्स, कंधों, कलाई और गर्दन को घुमाव के साथ गर्म करें।
योग थेरेपी
प्रत्येक दिन कम से कम 10 मिनट के लिए कुछ सूक्ष्म व्ययाम से शुरू करें। इससे आप वर्टिगो की समस्या से छुटकारा पा सकती हैं, रीढ़, कमर, कंधों की गतिशीलता में सुधार कर सकते हैं और जोड़ों के दर्द से राहत पा सकती हैं। इन योगासन के बारे में हमें योगा मास्टर, फिलांथ्रोपिस्ट, धार्मिक गुरू और लाइफस्टाइल कोच ग्रैंड मास्टर अक्षर जी बता रहे हैं।
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1. ऊर्ध्वमुखी मार्जरीआसन
- इसे करने के लिए अपने घुटनों पर नीचे जाएं।
- हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को हिप्स के नीचे रखें।
- श्वास अंदर ले, रीढ़ को कर्व करें।
2. अधोमुखी मार्जरीआसन
- सांस छोड़े और अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे के एक आर्च बनाने के लिए और अपनी गर्दन को नीचे छोड़े।
- अपने टकटकी पर ध्यान केंद्रित करें।
3. सावित्रीशाना
- धीरे से अपने घुटनों को नीचे करें।
- दोनों बाहों को ऊपर की ओर उठाएं।
- अपनी हथेलियों के बीच में देखें।
- अपनी पीठ सीधी रखें
4. उष्ट्रासन
- योग चटाई पर घुटने को मोड़कर बैठें।
- पीछे की ओर झुकें और अपनी हथेलियों को अपने पैरों पर तब तक स्लाइड करें जब तक कि हाथ सीधे न हों।
- अपनी गर्दन को तटस्थ स्थिति में रखें।
- एक दो सांस के लिए इस मुद्रा में रहें।
- प्रारंभिक मुद्रा में वापस सांस छोड़ें।
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5. हस्त उत्थानासन
- अपने पैरों को अपने कूल्हों के नीचे रखें और दोनों बाजुओं को ऊपर उठाएं।
- जब आप सांस लेते हैं तो ऐसा करें, फिर अपनी बाहों को आगे की ओर झुका लें।
- अपनी आंखें खुली रखें और अपने सिर को अपनी बाहों के बीच में संरेखित करें।
- घुटनों को मोड़ने से बचें।
- 30 डिग्री से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।
आसन शारीरिक ताकत सहनशक्ति और जीवन शक्ति को जोड़ने में मदद करते हैं। प्राणायाम किसी की भावनाओं को कंट्रोल करने और अपनी सांसों पर अधिक कंट्रोल रखने के लिए किए जाने वाले एक्सरसारइज हैं। ध्यान मन को स्पष्टता, ध्यान और मजबूत उद्देश्य लाने में मदद करता है। योग एक दिव्य विज्ञान है जो मन शरीर और आत्मा में संरेखण और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
आप भी इन योगासन को करके आप भी आसानी से सर्वाइकल समस्याओं को दूर सकती हैं। योग से जुड़े और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।