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    Health Tips: रोजाना करेंगी ये 2 प्राणायाम तो वजन होगा कम और स्किन करेगी ग्‍लो

    डॉक्‍टर मिक्‍की मेहता ने हरजिंदगी को बताया कि मानसून में इम्‍यूनिटी कमजोर हो जाती हे ऐसे में आप 2 प्राणायाम करके बेहतर महसूस कर सकती हैं।
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    Updated at - 2019-07-30,15:30 IST
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    ग्‍लोबल लिडिग होलिस्टिक के हेल्‍थ गुरु और कॉर्पोरेट लाइफ कोच, डॉक्‍टर मिकी मेहता का कहना है कि 'मानसून के समय इम्‍यून‍ सिस्‍टम पर बहुत ज्‍यादा असर पड़ता है। ऐसे समय में हमारी दिनचर्या काफी सुव्यवस्थित होने की जरूरत होती है। पूरी सावधानी से सांस लेने, किचन में बना काढ़ा 'किचन काढ़ा' लेना और दिन भर में दो बार कपालभाति करने से सर्दी, खांसी-जुकाम और फ्लू से लड़ने में वाकई में इम्‍यूनिटी बढ़ती है।' ऐसे में आप 2 प्राणायाम की मदद से मानसून में अपनी इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत कर सकती हैं। जी हां कपालभाति की सांस लेने की टेक्निक और अनुलोम विलोम की क्रिया मानसून सम्बन्धी बीमारियों से बचने के लिए मजबूत इम्‍यून सिस्‍टम का विकास करती हैं। आइए इसके बारे में विस्‍तार से जानें।

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    कपालभाति प्राणायाम

    कपालभाति की क्रिया को प्रातःकाल काम पर जाने के पूर्व और सूर्योदय के काफी पहले शाम को कर लेना चाहिए। जैसा कि आप जानती हैं कि कपालभाति की क्रिया नीचे की ओर केंद्रित होनी चाहिए जहां पेट से श्वांस बाहर निकलने और प्राकृतिक ढंग से श्वांस को हवा में ली जाती है जो दो श्वांसों के बीच ली जाती है। जोर से नाक द्वारा ली गयी श्वांस आपकी आंतरिक सफाई करती है और मार्ग के रास्तों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हुए उसे ठण्ड के लिए मजबूत बनाती है। इसके साथ ही इससे बैक्टीरिया और कीटाणु साफ होते हैं और कवच के रूप में एंटीबॉडीज को रिलीज करते हैं।  

    कपालभाति प्राणायाम एक प्रभावकारी योग क्रिया है जिससे एक नए जीवन का निर्माण होता है। यह एक संस्कृत शब्द है, जहां कपाल का अर्थ 'ललाट' और भाति का अर्थ 'चमकना' होता है और प्राणायाम एक श्वांस की शैली है। कपालभाति रेगुलर करने से चेहरे पर ग्‍लो आता है और ब्रेन तेज होता है।



    वर्षों पहले माना जाता था कि श्वांस के व्यायाम दैनिक जीवन में लाभकारी होते थे और समग्र सुख की प्राप्ति होती थी। यह शुद्ध होने की एक प्रक्रिया है और प्राचीन काल की डिटॉक्सीसफाइ टेक्निक भी है। योग के इस अभ्यास से आपके दिमाग को ऑक्सीजन प्राप्त होता है, वहीं आपके सिर में सरल मार्ग बनता है और टूटे शिरों को जुड़ने में मदद मिलती है। दिमाग के ठीक ढंग से संचालन के लिए उसे आराम, देखभाल और स्वस्थ्य वातावरण की जरूरत होती है। यह योग की शक्ति और प्राणायाम की पौष्टिक सामग्रियों से प्राप्त किया जा सकता है। कपालभाति प्राणायाम के बहुत सारे फायदे हैं आइए जानें।

    कपालभाति प्राणायाम के फायदे

    वेट लाॅस

    weight loss breathing

    रेगलुर प्राणायाम करने से आपके पेडू के हिस्से दुरुस्त होते हैं और वजन कम करने में हेल्‍प मिलती है। अगर कोई शिक्षित व्यक्ति श्वांस के व्यायामों के द्वारा मोटापा घटाने की संभावनाओं को लेकर प्रश्न उठाता है तो थोड़े निराशा की बात होती है। ऑक्सीजन के स्थानांतरण को होने दें और इसे आत्म-अनुशासन से प्राप्त किया जा सकता है। इससे मोटापे में काफी कमी आती है।

    ब्रेन के लिए अच्‍छा

    हेल्‍दी बॉडी में हेल्‍दी ब्रेन होता है। जब आपके ब्रेन का संगीत रूक जाता है और शरीर ढीला-ढाला हो जाता है, ऐसे में कपालभाति की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। आपके जीवन की आत्मा आपकी हर श्वांस पर निर्भर है। बारम्बार चलने वाले चक्रों से आपके ब्रेन में सकारात्मकता आती है, केंद्र तैयार होता है और जो निराशा आपमें घर कर गयी है वह आत्मविश्वास में बदल जाती है।

    सुंदरता बनाए

    योग के माध्यम से सूक्ष्म शक्तियां जागृत होती हैं और वास्तविक सौंदर्य में वृद्धि होती है जो शुद्ध आत्मा और आशावादी ह्रदय के निर्माण में सहायक होती है। वह लोग जो अपने कठिन परिश्रम के माध्यम से हमेशा नीरस चीजों में सौंदर्य भर देते हैं उनके लिए चीजें सदैव अच्छी रहती हैं। यह विशेष प्राणायाम क्रिया आपके जीवन की गतिविधियों में नए रंग भरती है और मन को हलका करती है। यह सिर्फ आपकी आतंरिक भावना को ही प्रेरित नहीं करता बल्कि आपके चेहरे, बाल, शरीर और हर एक उस चीज में वृद्धि होती है जिसे आपकी श्वापस स्पंर्श करती है। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया कम होती है, बालों में चमक लाने के साथ ही उनकी वृद्धि में भी सहायक होता है, जिससे आगे चलकर भी बालों के झड़ने की समस्या नहीं आती। और जब आप भीतर से चमकते हैं तो आपकी त्वचा में भी निखार आता है।

    फेफड़ों के लिए अच्‍छा

    cleanse lungs yoga

    फेफड़ों को प्रदूषण या धुएं से साफ़ करता है, गुर्दे की अनियमित्ता जैसे गुर्दे में पथरी होने से रोकता है और शरीर के दूसरे अंगों को भी साफ़ करते हुए उन्हें बल प्रदान करता है उनके भीतर जरूरी यौगिक तत्व का विस्तार करता है। वह आपके दिमाग की कोशिकाओं को सक्रिय करता है और याद्दाश्त बढ़ाता है

    इम्‍यूनिटी में मजबूती

    अगर आपकी इम्‍यूनिटी कमजोर हो चुकी है तो उसे मजबूती प्रदान करने के लिए कपालभाति करें। इससे न सिर्फ आपकी बीमारियां और साइनस की  छोटी समस्याएं ठीक होंगी बल्कि आपका डाइजेशन अच्छा होगा और कब्ज की समस्यायों से भी निजात मिलेगी। बॉडी और ब्रेन में ऑक्सीजन प्रवेश करने से आपकी नसों और धमनियों की संचारी व्यवस्था दुरुस्त होगी। यह आपके सूखे शरीर के लिए एक मॉइश्चराइजर के रूप में काम करता है और हाई ब्‍लड प्रेशर को बैलेंस रखता है।

    तनाव दूर करें

    कपालभाति के छिपे खजाने की मदद से अपने नजरिये में सुधार करें, और सच्चाई को स्वीकार कर अतीत को भूलने का प्रयास करें। किसने सोचा होगा कि सिर्फ सांस के द्वारा आप अपने दिमाग में कभी-कभार या नियमित आधार पर ज्वालामुखी की तरह उठने वाले तनावों को दूर कर सकते हैं? यह पहली बार नहीं जब हमने सुना है कि योग से तनाव, एंग्जाइटी, डिप्रेशन से राहत मिलती है और यह बात विभिन्न  रिपोर्ट एवं परीक्षणों में न्यूररोसाइंटिस्टों द्वारा प्रमाणित भी है।

    विभिन्न चक्रों को जागृत करें

    chakras yoga

    कपालभाति द्वारा अपने शरीर के विभिन्न चक्रों जैसे अग्नेय चक्र को जागृत कर सकते हैं ; इसके द्वारा आपके शरीर के अनछुए भागों में जो ख़राब तत्व जमा होते हैं उनकी सफाई भी होती है। यह आपके आत्मिक केंद्र को निर्देशित करता है "जटिलताओं को हटाते हुए, निदान प्रस्तुत करता है", जिसे आप स्वास्थ्य और दिमाग का संतुलित ढंग से उपयोग कर सकें।

    अनुलोम विलोम प्राणायाम

    अनुलोम विलोम प्राणायाम रात में करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम एक ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग है, जिसमें किसी अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता नहीं होती और इसे क्रमशः धीरे-धीरे दाएं और बाएं और बाएं एवं दाएं की क्रिया द्वारा करना पड़ता है। मेडिकल साइंस में अनुलोम विलोम प्राणायाम को ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग टेक्निक माना जाता है, अनुलोम विलोम प्राणायाम में हम प्राण को तीन नाड़ियों में ले जाते हैं इड़ा नाड़ी, पिंगला नाड़ी, और शुष्मना नाड़ी जिससे 72 मिलियन नाड़ियां जागृत होती हैं। प्राणायम के पैकेज में अनुलोम विलोम प्राणायाम (ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग टेक्निक) शिराओं को शुद्ध करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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    वैकल्पिक नासिका श्‍वास तकनीक (ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग टेक्निक) शारीरिक और मानसिक को मजबूत रूप से बहुत मददगार है। चूंकि यह एक ब्रीदिंग एक्सरसाइज (प्राणायाम) है और इससे सांस ब्रेन और सांस तंत्र में प्रवेश करता है। इससे बड़ी बीमारियों का इलाज भी संभव है जैसे ह्रदय की बीमारी। अनुलोम विलोम प्राणायाम के कुछ फायदे हैं। 

    अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे

    शरीर के भीतर जो भी केमिकल और हॉर्मोन असंतुलन है वह अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से बैलेंस हो जाते है। अनुलोम विलोम प्राणायाम से हृदय के ब्लॉकेज को दूर करने में हेल्‍प मिलती है और आपका स्वास्थ्य अच्छा होता है। 
    वैकल्पिक नासिका श्‍वास तकनीक (ऑल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीदिंग टेक्निक) से हाई और लो ब्‍लड प्रेशर वालों का अच्छा इलाज किया जा सकता है। अनुलोम विलोम प्राणायाम धमनियों और स्नायुयों को स्वच्छ बनाता है। वैकल्पिक नासिका श्‍वास तकनीक आंखों के लिए भी लाभदायक तकनीक है।
    अनुलोम विलोम करने से चेहरे में अच्छा निखार आता है। जिन लोगों को एपिलेप्सी, माइग्रेन की पीड़ा, डिप्रेशन, तनाव और एंग्जाइटी की समस्या है, उनके लिए यह प्राणायाम फायदेमंद होता है।
     
    श्वास और ध्यान संबंधी इन टेक्निक्स को अपनायें और ऊर्जावान बनें, प्राकृतिक बनें!!!

    Disclaimer

    आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

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