मीनाक्षी मोहंती फिटनेस एक्सपर्ट कहती हैं कि ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है जोकि वर्कआउट करके फिट और स्वस्थ रहने की सोच से रोमांचित होते हैं, क्योंकि उन्हें इसके फायदों के बारे में पता है। लेकिन बदकिस्मती से उनमें से ज्यादातर लोगों को अपने वर्कआउट की शुरूआत करने में डर लगता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके शरीर के लिए इसे झेलना बहुत ही मुश्किल होगा।
इस तरह दायरे में बंधे रहने वाले और बिगनर्स के लिए स्ट्रेचिंग सबसे बेहतर तरीका है। स्ट्रेचिंग सिर्फ बिगनर्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वर्कआउट के मध्यम और एडवांस लेवल पर पहुंच चुके लोगों द्वारा भी इसे किया जा सकता है। वैसे तो यह वॉर्मअप रूटीन के लिए सबसे बेहतर है, लेकिन कूल-डाउन रूटीन में स्ट्रेचिंग को शामिल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इससे अत्यधिक थकी हुई मसल्स को आराम मिलता है, वह लचीली बनी रहती हैं साथ ही वे टोन अप भी होते हैं।
स्ट्रेचिंग के फायदे
स्ट्रेचिंग सबसे कम आंके जाने वाली एक्सराइज में से एक है, जिनके काफी सारे फायदे हैं।
चोट लगने और दर्द से बचाता है
स्ट्रेचिंग तनावग्रस्त मसल्सको आराम पहुंचाता है। अधिक लचीलेपन के साथ, किसी भी प्रकार का शारीरिक परिश्रम करते समय चोट लगने की संभावना कम से कम हो जाती है। इसके अलावा, वर्कआउट करने के बाद, मसल्स कठोर हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दर्द हो सकता है। स्ट्रेचिंग से इसे कम करने में मदद मिलती है।
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जोड़ों के तनाव को कम करता है
उम्र और एक्सरसाइज के अभाव में जोड़ ज्यादा सख्त हो जाते हैं। स्ट्रेचिंग से जाम हुए जोड़ों को आराम मिलता है और यह मूवमेंट को आसान बनाता है।
लचीलापन बढ़ता है
स्ट्रेचिंग अप्रयुक्त मसल्स का वर्कआउट करता है और इस तरह उन्हें अधिक लचीला बनाता है और उन्हें काम करने की स्थिति में रखता है।
पोश्चर बेहतर बनाता है
जब मसल्स तनावग्रस्त या अटक जाती हैं, तो इससे पोश्चर खराब हो जाता है। यह कई अन्य चुनौतियों का कारण बन सकता है। स्ट्रेचिंग, फिट रहने के लिए पोश्चर में सुधार करने के लिए ऐसी मसल्स को आराम पहुंचाता है।
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है
स्ट्रेचिंग न सिर्फ मसल्स पर काम करती है बल्कि शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ाती है। स्ट्रेचिंग की गतिविधियों से रक्त प्रवाहित होता है, जिससे आपकी सक्रियता बढ़ती है।
तनाव दूर होता है
मसल्स के सख्त होने का सबसे आम कारण शारीरिक या मानसिक तनाव होता है। स्ट्रेचिंग करने से आपकी मसल्स खुलती हैं, तनाव कम होता है। इसके परिणामस्वरूप, दिमाग शांत होता है।
शरीर को आराम पहुंचने वाले स्ट्रेचेस
स्ट्रेचिंग के लाभों को समझने के बाद, आइए कुछ ऐसे हिस्सों पर ध्यान दें जो व्यस्तता और सख्त एक्सरसाइज से आराम पहुंचने के लिए हमारे शरीर के लिए सबसे अच्छे हैं। ये स्ट्रेच फिटनेस के सभी लेवल वालों द्वारा किया जा सकता है।
पैरों की स्ट्रेचिंग
अंजनेयासन, हिप की मसल्स को खोलने में बेहद मददगार होता है और हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और पिंडली की मसल्स की स्ट्रेचिंग करता है। यह बहुत ही बेहतरीन एक्सरसाइज है, जिसमें कम से कम मेहनत लगती है, लेकिन यह पूरे हिप और पैरों के हिस्से का वर्कआउट करता है।
विधि
- अपने हिप्स पर हाथों से खड़े हो जाएं।
- एक पैर को आगे बढ़ाएं, जैसे कि वॉक कर रहे हों और घुटने को मोड़ लें।
- दूसरे पैर को जितना हो सके पीछे ले जाएं, इस स्थिति में आपके घुटने, निचला जोड़ और तलवे जमीन को छूने चाहिए।
- 10 सेकंड के लिए इस पोज में रहें।
- अब इसे दूसरे पैर के साथ दोहराएं और उतने ही समय के लिए रोक कर रहें।
बैक स्ट्रेचिंग
कैट काऊ पोज करना पीठ की मसल्स को तनावमुक्त करने के लिए बहुत ही बेहतरीन एक्सरसाइज है।
विधि
- जमीन पर या किसी भी सख्त सतह पर योगा मैट बिछाएं और उस पर अपने सभी जोड़ों के साथ खड़े हो जाएं।
- आपके घुटने जमीन को छूते हुए और हिप की चौड़ाई से अलग होने चाहिए, वहीं आपके हाथ आपके कंधों के सीध में होने चाहिए।
- आपकी पीठ सीधी हो, लेकिन आराम की मुद्रा में और आपका सिर जमीन के समानांतर होना चाहिए।
- इस स्थिति में, अपनी पीठ को जितना हो सके पीछे ले जाएं, जितना कि आपकी गर्दन पीछे की तरह झुक सके। इसे काऊ पोज कहते हैं, ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिये 10 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।
- इस पोज को करते समय सांस अंदर की तरफ लेना ना भूलें।
- अगला स्टेप कैट पोज का है, जहां आपको एक बिल्ली की तरह आगे की तरफ झुकना है, जिसमें गर्दन नीचे की तरफ होगी।
- फिर से इस पोज में 10 सेकंड के लिए रहें।
कोर स्ट्रेचिंग- भुजंगासन
यह हाथों को स्ट्रेच करता है और कोर को भी टोन करता है और उसे मजबूत बनाता है, साथ ही साथ मसल्स को भी आराम पहुंचाता है, जोकि वर्कआउट की वजह से सूज जाते हैं।
विधि
- योगा मैट पर लेट जाएं, आपके हाथों को कंधों के पास रखें।
- केवल अपने हाथों और कोर मसल्स के सहारे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं।
- अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ देखते हुए रखें, ऊपर की ओर झुकाएं।
- अपने पहले वाली स्थिति में आने से पहले इस पोज में 30 सेकंड के लिए रुकें।
फुल बॉडी स्ट्रेच- अधोमुख श्वानासन
पूरे शरीर के लिए कुछ बेहद ही शानदार स्ट्रेचेस हैं, जैसे अधोमुख श्वानासन।
विधि
- कैट काऊ के वास्तविक पोज में खड़े हो जाएं, क्रमश: कंधों और हिप्स के अंदर अपने हाथों और पैरों को नीचे रखते हुए।
- अब धीरे से अपने शरीर को पूरी तरह से ऊपर खींचें, वहीं हथेलियां और पैर (घुटने नहीं) जमीन को छूते हुए - एक उल्टे वी की तरह।
- यह हाथ, पीठ, गर्दन और पैरों को स्ट्रेच करता है।
- इन सभी वर्कआउट्स के ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने के लिए 5-10 बार दोहराया जाना चाहिए।
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निष्कर्ष
समय और सेहत दो कीमती संपत्ति हैं जिन्हें हम तब तक नहीं पहचानते और सराहते जब तक कि वे समाप्त नहीं हो जाते। — डेनिस वेटली
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हेल्थ क्लॉक हम सभी के लिए दूर जा रहा है और जितनी जल्दी हम इसे जान लें, उतना अच्छा है! स्वास्थ्य जीवन में एक बार डाइटिंग के क्रैश कोर्स या 10-दिनों का एक्सरसाइज चैलेंज करने के बारे में नहीं है। सेहत के लिये अधिक समग्र दृष्टिकोण और जीवन शैली विकल्पों में पूरी तरह से बदलाव करने की जरूरत है। इन बेसिक स्ट्रेचेस से शुरूआत करें और इससे पहले कि आपको पता चले, वे आराम में होंगे, जो भी कहेंगे, वो इतिहास ही होगा!
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