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मेड‍िटेशन के भी होते हैं साइड इफेक्‍ट्स, जानें एंग्‍जायटी और ड‍िप्रेशन पर क्या कहती है साइंस?

मेडिटेशन कई लोगों के लिए अच्छा है, लेकिन हर किसी के लिए अनुभव एक जैसा नहीं होता है। कुछ र‍िसर्च बताती हैं क‍ि मेड‍िटेशन के भी कुछ साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं। इसे सही गाइडेंस में करना जरूरी होता है।
Editorial
Updated:- 2025-11-10, 11:28 IST

जब भी हम परेशान होते हैं, तो मेड‍िटेशन करने की सलाह दी जाती है। इससे मन को सुकून म‍िलता है। हम फ्रेश फील करते हैं। हमेशा मेड‍िटेशन के फायदों के बारे में ही बात की जाती है, लेक‍िन क्‍या आपको मालूम है क‍ि इसके साइड इफेक्‍ट्स भी हो सकते हैं। जी हां, ऐसा हम नहीं, बल्‍क‍ि रि‍सर्च कहती है। मेडिटेशन हर किसी के लिए हमेशा आसान या पूरी तरह से सेफ नहीं होता है।

आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे क‍ि मेड‍िटेशन के क्‍या साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं। साथ ही इसके फायदों के बारे में भी जानेंगे। आइए जानते हैं क्‍या कहती है स्‍टडी -

meditation side effects

साइंस क्या कहती है?

कई नई स्टडीज में पाया गया है कि कुछ लोगों को मेडिटेशन करने से चिंता, अजीब-सा एहसास, नींद में दिक्कत या कभी-कभी खराब मूड भी महसूस हो सकता है। NCCIH (National Center for Complementary and Integrative Health) में छपी एक स्‍टडी के मुताब‍िक, मेडिटेशन को आमतौर पर सेफ माना जाता है, लेकिन इसके रिएक्शन पर मौजूद रिसर्च अभी भी सीमित है।

लोगों ने बताए न‍िगेटि‍व एक्‍सपीर‍ियंस 

अमेरिका में की गई एक बड़ी स्टडी में पाया गया कि लगभग 60% लोगों ने कम से कम एक न‍िगेटि‍व एक्‍सपीर‍ियंस बताया जैसे चिंता बढ़ना या अजीब लगने जैसा महसूस होना। लगभग 30% ने कहा कि ये अनुभव उन्हें परेशान कर गया। लगभग 9% लोगों ने बताया कि इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ा।

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चिंता या डिप्रेशन से परेशान हुए लोग

वहीं, एसोस‍िएशन फॉर साइकोलॉज‍िकल साइंस की स्‍टडी के मुताब‍िक, करीब 8% लोग मेडिटेशन के बाद बढ़ी हुई चिंता या डिप्रेशन जैसे लक्षण महसूस कर सकते हैं। नियमित मेडिटेशन करने वाले 25% से ज्यादा लोगों ने कभी-कभी डर, खालीपन या खुद से कटा-कटा सा महसूस क‍िया। हालांक‍ि, इसका मतलब ये नहीं कि मेडिटेशन खराब है। इसका मतलब ये है कि हर क‍िसी का एक्‍सपीर‍ियंस अलग होता है।

क्‍या हैं साइड इफेक्ट्स?

  • दिल घबराना या बेचैनी महसूस होना
  • खुद से या आसपास की चीजों से कटा-कटा सा महसूस होना
  • पुराने दुख या यादें अचानक वापस आ जाना
  • अजीब-सा डर लगना
  • मन का भारी हो जाना

किन लोगों को ज्यादा दिक्कत हो सकती हैं?

  • जिनके मन में पहले से तनाव या चिंता है
  • जो बहुत ज्यादा समय तक मेडिटेशन करते हैं
  • जो बिना तैयारी के अचानक गहरे मेडिटेशन में चले जाते हैं
  • जो उम्मीद करते हैं कि हर बार बस शांति ही मिलेगी
  • इन लोगों को कभी-कभी उल्टा असर महसूस हो सकता है।

stress

सुरक्षित तरीके से कैसे करें मेड‍िटेशन?

  • रोज 5 से 10 मिनट की मेड‍िटेशन काफी है।
  • गाइडेड मेडिटेशन करें, किसी ऐप या एक्सपर्ट की मदद से।
  • अपनी कंडीशन को समझें, जैसे- अगर बहुत तनाव है, तो पहले किसी काउंसलर से बात कर लें।
  • बहुत लंबा या कठिन मेडिटेशन तुरंत न करें।
  • अगर बेचैनी लगे तो रुक जाएं।

मेडिटेशन एक अच्छी प्रैक्टिस है, लेकिन हर किसी का एक्‍सपीर‍ियंस एक जैसा नहीं होता है। कुछ लोग इसे करते समय हल्का महसूस करते हैं, तो कुछ लोगों को असहजता भी हो सकती है। इसलिए मेडिटेशन को धीरे, जागरूकता के साथ और सही गाइडेंस में करना ही सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।

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Image Credit- Freepik

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