क्या आपके चेहरे पर बाल आ रहे हैं?
क्या आपको PCOS या PCOD हो रहा है?
क्या आपके दिमाग में बुरे विचार भी आने लगे हैं?
ये सभी लक्षण हार्मोनल असंतुलन से जुड़े हैं। इन्हें कंट्रोल करने के लिए आप योग मुद्रा को आजमा सकते हैं।
जी हां, हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि लगभग हर कोई हेल्थ से जुड़ी किसी न किसी समस्या से परेशान रहता है। इसलिए, हेल्दी रहने के लिए हमें ऐसे नेचुरल उपायों की तलाश रहती हैं, जिसमें बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है। अगर आप भी ऐसे ही लोगों में से एक है, तो मुद्राओं की मदद से रोगों को कंट्रोल कर सकते हैं। इस आसान पद्धति की मदद से आप न सिर्फ मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको कश्यप मुद्रा के बारे में बता रहे हैं। इसकी जानकारी सर्टिफाइड योग एक्सपर्ट हिमांशु प्रताप सिंह दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस मुद्रा को कैसे किया जा सकता है और इसके क्या फायदे होते हैं?
कश्यप मुद्रा कैसे करें?
- इस मुद्रा को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में आराम से बैठें।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- फिर, हाथों को घुटनों पर रखें।
- अब अंगूठे को पास की दो उंगलियों के बीच में दबाएं।
- फिर, चारों उंगलियों को हथेली के साथ दबाकर रखें।
- अब अपनी आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और आंतरिक शांति पर फोकस करें।
- इस पोजिशन में कम से कम 10 मिनट के लिए बैठें।
कश्यप मुद्रा के फायदे
कश्यप मुद्रा को कछुआ मुद्रा भी कहा जाता है। यह हार्मोनल असंतुलन को दूर करती है। तनाव कम करती है, डाइजेस्टिव में सुधार करती है और मानसिक संतुलन में मदद करती है।
हार्मोनल असंतुलन के लिए मुद्रा
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) ऐसी समस्याएं हैं, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं और अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे और बालों के झड़ने जैसे कई लक्षण पैदा कर सकती हैं। कश्यप मुद्रा चिंता और तनाव को कम करके पीसीओडी से जुड़े इमोशंस को कंट्रोल करता है। साथ ही, डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को दूर करके पीसीओडी से होने वाली अनियमित पीरियड्स की समस्या कम होती है। इसके अलावा, कश्यप मुद्रा शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ाकर पीसीओडी से होने वाली थकान और कमजोरी को कम करती है।
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए कश्यप मुद्रा
हिमांशु प्रताप सिंह का कहना है, ''कश्यप मुद्रा पावरफुल यौगिक हस्त मुद्रा है, जो इमोशन्स को बैलेंस और नेगेटिव विचारों को कंट्रोल करती है। यह शांति प्रदान करने वाली और नेगेटिविटी को दूर करने वाली आसान और असरदार मुद्रा है। अक्सर इमोशनल असंतुलन के कारण नेगेटिव विचार आते हैं। कश्यप मुद्रा इन ऊर्जाओं को बैलेंस करने, उन्हें पॉजिटीव विचारों में बदलने और दिमाग को स्थिर रखती है। कश्यप मुद्रा वर्तमान पर फोकस करती है और अतीत या भविष्य की चिंताओं से जुड़ी नेगेटिविटी को तोड़ती है। मुद्रा पॉजिटिव सोच से जुड़े तंत्रिका मार्गों को एक्टिव करती है, जिससे आपका फोकस नेगेटिविटी से क्लैरिटी और शांति की ओर बदलने लगता है।''
डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए मुद्रा
यह मुद्रा डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करती है और इससे जुड़ी समस्याओं को कम करती है। अगर आपको अपच, गैस, एसिडिटी या पेट दर्द जैसी कोई भी समस्या रहती है, तो रोज कश्यप मुद्रा करने से डाइजेशन सही रहता है।
इस मुद्रा को रोजाना करके आप शरीर और मन को बैलेंस कर सकते हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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