डायबिटीज दो तरह की होती हैं, जिसमें पहला है टाइप 1 और दूसरा है टाइप 2। टाइप 1 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, और इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। वही टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है। इस अवस्था में उस व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है, बार-बार यूरिन लगना और लगातार भूख लगना यह सारी समस्या हो जाती हैं।
जी हां टाइप-2 डायबिटीज जिससे आज लगभग हर दूसरा व्यक्ति परेशान हैं, इससे बचने के उपायों की खोज करता है। एक नई रिसर्च से सामने आया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग पारंपरिक रूप से सही तरीके से कैलोरी को कंट्रोल करने वाली डाइट के रूप में टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है।
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इसके निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए इस कंडीशन पर 137 लोगों पर एक साल की लंबी क्लीनिकल स्टडी की गई, जिनमें से आधे को 1200 से 1500 कैलोरी खाने का निर्देश दिया गया था, जबकि अन्य को 5:2 डाइट में 500-600 कैलोरी सप्ताह में दो दिन और शेष पांच के लिए सामान्य रूप से खाना खाने के लिए कहा गया। अध्ययन - जैमा में प्रकाशित किया गया और पाया कि प्रतिभागियों ने ना केवल वजन कम नहीं किया, बल्कि ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल में भी सुधार किया।
लीड लेखक शार्याह कार्टर का कहना है कि खाने का यह तरीका डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए एक सफल समाधान हो सकती है जो हफ्ते में सात दिनों में कम कैलोरी डाइट में टिके रहने के लिए संघर्ष करते हैं। पीटर क्लिफ्टन, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी पोषण के प्रोफेसर कहते हैं कि 21 वीं शताब्दी में टाइप 2 डायबिटीज सबसे बड़ी हेल्थ महामारी है। पीटर ने एक स्टेटमेंट में कहा, "डेली एनर्जी प्रतिबंधों के साथ पारंपरिक वेट लॉस डाइट लोगों के लिए पालन करना मुश्किल है, इसलिए हमें वैकल्पिक समाधानों की तलाश करनी चाहिए।"
हालांकि, शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि फास्टिंग डाइट कंट्रोल टाइप 2 डायबिटीज के लिए सुरक्षित है, जबकि इंसुलिन और अन्य ओरल दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों को हाइपोग्लाइकेमिया का कारण बनने की संभावना, ब्लड ग्लूकोज के लेवल और दवा खुराक की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होती है, इसलिए डाइट में बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इस डाइट में आप 5:2 को रूल फॉलो करते हैं। मतलब 5 दिन आप अपनी डाइट में फल, सब्जियां, फाइबर रिच फूड और उन पोषक तत्वों को शामिल करते हैं जिससे आपको एनर्जी मिल सके। वहीं हफ्ते में दो दिन आप केवल 500 से 600 कैलोरी ही लेते हैं। इस डाइट को फास्ट डाइट के नाम से भी जाना जाता है। जिन दो दिन आप केवल 500 से 600 कैलोरी ले रहे हैं उस दिन महिलाएं अपनी दो मील्स में 250-250 कैलोरी और पुरुष अपनी मील्स में 300-300 कैलोरी ले सकते हैं। इस डाइट में वे सभी चीजें लेना चुनते हैं जो कि पैलियो डाइट में लेते हैं। यानी कच्चे साबुत फल और सब्जियां, बिना प्रोसेस हुए खाद्य पदार्थ आदि. इस डाइट में वे सभी चीजें लेना चुनते हैं जो कि पैलियो डाइट में लेते हैं।
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