पीसीओएस से एक ऐसी समस्या है, जो ओवरी से संबंधित होती है। इसकी वजह से इससे पीड़ित महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन होने लगते हैं और फिर पीरियड अनियमित हो जाते हैं। इससे माहवारी चक्र पूरी तरह से बिगड़ जाता है। पीरियड बहुत ज्यादा देर से आने लगते हैं और कभी-कभी तो बहुत लंबा गैप भी हो जाता है।
मैं खुद इस समस्या से पीड़ित हूं और मुझे पता है कि यह एक चीज अपने साथ कितनी अन्य बीमारियां और परेशानियां लेकर आती है। क्या आपके साथ भी हर महीने पीरियड का एक फॉल्स अलार्म बजता है?
इस बीमारी से निजात पाने के लिए ट्रीटमेंट जरूरी है और साथ ही आपकी लाइफस्टाइल, खासतौर से खाने-पीने के तरीके को बदला जाता है। लेकिन अगर आप दवाइयां न खाना चाहें तो भी रुके हुए या अनियमित पीरियड्स को रेगुलेट कर सकती हैं।
जी हां, आप बस 1 घरेलू नुस्खे से अनियमित पीरियड को ठीक कर सकती हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. दीक्षा भावसार अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अक्सर हेल्थ संबंधी जानकारी शेयर करती हैं। वह इस नुस्खे को शेयर करते हुए लिखती हैं, 'हार्मोनल गोलियां आपके स्वास्थ्य (शारीरिक और मानसिक) के लिए अच्छे से ज्यादा नुकसान करती हैं।'
वह आगे कहती हैं, 'हार्मोनल गोलियों की बजाय, अपने हार्मोन को संतुलित करने के लिए प्राकृतिक उपचारों का चयन करना बेहतर है क्योंकि वे वजन बढ़ाने, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और अवसाद जैसे लक्षणों को हार्मोनल गोलियों की तरह बढ़ाने के कारण नहीं बनते हैं।'
इसका सेवन कैसे करना है, वो भी डॉ. दीक्षा ने अपने इस पोस्ट में शेयर किया है। चलिए बिना देर किए जानते हैं इस शानदार पीसीओएस के हैक के बारे में।
View this post on Instagram
यह विडियो भी देखें
इसे भी पढ़ें: इस 1 हर्बल चाय से ठीक होगी पीसीओएस, ब्लोटिंग और बेली फैट की समस्या
मेथी के बीज फाइटोएस्ट्रोजेन (आइसोफ्लेवोंस) से भरपूर होते हैं जो एस्ट्रोजन के स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वे एंडोमेट्रियम की मोटाई में सुधार करने में मदद करते हैं जो पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद करता है। अतिरिक्त शुगर और इंसुलिन स्पाइक्स को कम करने में भी मेथी दाना मदद करते हैं। इतना ही नहीं, वजन घटाने के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है।
तिल के बीज इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करते हैं और जिंक से भरपूर होते हैं जो प्रोजेस्टेरोन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। वे प्रकृति में गर्म होते हैं और अतिरिक्त कफ (माहवारी में देरी के लिए जिम्मेदार) को कम करके आपकी अवधि को नियंत्रित करते हैं। तिल न केवल अनियमित पीरियड्स में मदद करता है बल्कि स्मूथ और दर्द रहित पीरियड में भी मदद करता है।
गुड़ आपके पाचन तंत्र में सुधार करता है और आपके लीवर और ब्लड को भी डिटॉक्स करने में मदद करता है। सर्दियों में चूंकि हमारी एनर्जी लो रहती है तो गुड़ उसे बढ़ाने में मदद करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक गुण भी होते हैं जो गर्भाशय की ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
हल्दी का सेवन करने से लीवर डिटॉक्स करने में मदद करता है और इसका पानी या चाय पीने से आपको बेली फैट कम करने में भी मदद मिलती है। हल्दी का शरीर पर एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होता है, जो गर्भाशय को फैलाता है और मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करता है। मासिक धर्म की अनियमितता को कम करने के लिए नियमित रूप से हल्दी वाला दूध या हल्दी के पानी का सेवन करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: अनियमित पीरियड्स के लिए घर पर बनाएं ये ड्रिंक्स, डॉक्टर से जानें इसके फायदे
डॉ. दीक्षा कहती हैं कि यह ड्रिंक पीने से आपको अच्छे परिणाम जरूर दिखेंगे, लेकिन इसके साथ आपको हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे, एक्सरसाइज, अच्छी नींद, हेल्दी ईटिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट भी करने की जरूरत है।
नोट : बिना किसी दुष्प्रभाव के पूरे परिणाम पाने के लिए इसे शुरू करने से पहले एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना आपके लिए सबसे अच्छा होगा है।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। इसे लाइक करें और फेसबुक में अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।