यह तो हम सभी जानते हैं कि खानपान और स्वास्थ्य का एक गहरा नाता है। अगर व्यक्ति का खानपान सही होता है, तो वह ना केवल स्वस्थ वजन को मेंटेन कर पाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य की रोकथाम और उसे मैनेज करने में भी उसे मदद मिलती है। ऐसी की एक क्रॉनिक डिसीज है डायबिटीज, जिसमें व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे रोगियों की डाइट उनकी स्वास्थ्य समस्या को मैनेज करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।
अमूमन यह माना जाता है कि मधुमेह रोगियों को चीनी से थोड़ी दूरी बनाना चाहिए। हालांकि, सिर्फ चीनी से दूरी बनाना ही आपके लिए पर्याप्त नहीं है। बल्कि यह भी आवश्यक है कि आप अपनी फूड च्वॉइसेस पर अतिरिक्त ध्यान दें और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड को अपनी डाइट से बाहर रखें।
एक चीज जिस पर मधुमेह रोगी बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं, वह है उनका कुकिंग ऑयल। आप किस कुकिंग ऑयल में खाना बना रही हैं, इसका एक व्यापक असर आपकी सेहत पर पड़ता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मधुमेह रोगियों को किस कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए-
अगर आप मधुमेह रोगी है, तो आपके लिए तिल के तेल का इस्तेमाल करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। तिल का तेल दिल के लिए और मधुमेह प्रबंधन के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इतना ही नहीं, यह मेमोरी लॉस, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी से लड़ने के लिए भी जाना जाता है।
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मूंगफली के तेल की खास बात यह है कि यह पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर है। जिसके यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। तेल विटामिन ई में भी समृद्ध है जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है और मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है। एक अध्ययन के अनुसार, मूंगफली का तेल मधुमेह प्रबंधन में भी मददगार है।
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अलसी में म्यूसिलेज होता है, एक प्रकार का फाइबर जो पाचन को धीमा कर सकता है। यह खाद्य पदार्थों से ग्लूकोज को पचने और रक्त में अधिक धीरे-धीरे छोड़ने की अनुमति देता है। जिसके कारण, यह रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकता है। इसलिए, अलसी के तेल का उपयोग मधुमेह रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध की घटनाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
राइस ब्रेन ऑयल एक ऐसा ऑयल है, जो आपके दिल के लिए बेहद ही हेल्दी है। राइस ब्रेन ऑयल एंटीऑक्सिडेंट और मोनो और पॉली अनसेचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होता है, जिसके कारण इसे मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि राइस ब्रेन ऑयल के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर में कमी आती है।
जैतून का तेल बाजार में सबसे अधिक पोषक तत्वों से भरपूर कुकिंग ऑयल में से एक है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के सेवन से ब्लड शुगर और ग्लूकोज का स्तर सुरक्षित रहता है। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करता है, जो कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचा सकता है। रोमेन में सैपिएंज़ा विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल रक्त शर्करा, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से कम करता है।
इसके अलावा, मधुमेह के रोगियों के लिए बादाम का तेल, कैनोला का तेल, अखरोट का तेल, एवोकाडो ऑयल, सरसों को तेल, सनफ्लॉवर ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
यूं तो इन तेलों का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक है, लेकिन एक बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि हमेशा केवल एक ही तेल का इस्तेमाल ना करें। बल्कि इसे हमेशा बदलते रहें। उदाहरण के लिए अगर चार सदस्य परिवार के लिए आप एक प्रकार का 2 लीटर तेल खरीदती हैं और एक बार जब यह खत्म हो जाता है तो 2 लीटर दसरा तेल खरीदे। इसी तरह तेल को रोटेट करते रहें ताकि उन्हें हर तरह के तेल की अच्छाई मिले।
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तो अब आप भी इन कुकिंग ऑयल को अपने आहार का हिस्सा बनाएं और एक स्वस्थ जीवन जीएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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