भारत में बरगद का पेड़ (वट वृक्ष) धार्मिक और औषधीय दोनों तरह से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह न सिर्फ छाया और दीर्घायु का प्रतीक है, बल्कि आयुर्वेद में इसे 'औषधियों का खजाना' भी कहा गया है। बरगद की जड़, छाल, पत्ते, फल और दूध सभी का इस्तेमाल अलग-अलग रोगों के उपचार में किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में बरगद की जड़ को विशेष रूप से शक्ति और रिप्रोडक्टिव हेल्थ बढ़ाने वाला बताया गया है।
बरगद की जड़ का चूर्ण दूध के साथ लेने की परंपरा कई घरों में आज भी है, क्योंकि यह न सिर्फ फर्टिलिटी को बढ़ाता है, बल्कि इम्यूनिटी को मजबूत करता है और हड्डियों को भी हेल्दी बनाए रखता है। यही कारण है कि आयुर्वेद में इसे महिलाओं के लिए प्राकृतिक टॉनिक माना गया है। बरगद की जड़ महिलाओं की हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है? इसके बारे में हमें दिल्ली के NumroVani के फाउंडर और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट सिद्धार्थ एस कुमार बता रहे हैं। उन्हें टाइम्स 40 यू 40, ईटी वेडिंग लीडर अवार्ड और आयुषकॉन एक्सीलेंस अवार्ड सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
बरगद की कोमल जड़ों के पाउडर का सेवन महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यह महिलाओं में गर्भधारण की संभावना को बढ़ाती है और पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी सुधारती है। बरगद की जड़ को दूध के साथ पकाकर या इसका चूर्ण बनाकर सेवन करने से फायदा होता है।
अगर आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं है या ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो इन समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए बरगद की जड़ का पाउडर मददगार हो सकता है। बरगद की जड़ में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखते हैं। यह महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बैलेंस करता है।
ज्यादा ब्लीडिंग को मेनोरेजिया के नाम से भी जाना जाता है, जो महिलाओं में कमजोरी और खून की कमी का कारण बन सकता है। बरगद की जड़ में एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं, जो ब्लड के फ्लो को कंट्रोल कर सकते हैं। यह गर्भाशय के अंदर ब्लीडिंग को कम कर सकता है, जिससे ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या से राहत मिल सकती है।
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आयुर्वेद में इसे डायबिटीज रोगियों के लिए सहायक औषधि माना गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बरगद की जड़ में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में सहायक है। इसके अलावा, इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड भी होते हैं, जो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक कर सकते हैं।
इंसुलिन एक हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को सेल्स तक पहुंचाता है। जब शरीर इंसुलिन के प्रति सेंसिटिव हो जाता है, तब ब्लड शुगर का बेहतर इस्तेमाल होता है। बरगद की जड़ डाइजेशन को धीमा करती है, जिससे खाना धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर का लेवल अचानक नहीं बढ़ता।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में कैल्शियम कम होने लगता है और हड्डियों और दांतों में कमजोरी आने लगती है। बरगद की जड़ में मौजूद मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और दांतों के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
बरगद की जड़ भूख को बढ़ाती है और डाइजेशन में सुधार करती है। इसे रेगुलर लेने से गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती हैं।
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