हालांकि मुझे यह बताना अच्छा नहीं लग रहा हैं लेकिन मैं यह बताना चाहती हूं कि आपका toilet जादुई पोर्टल नहीं है कि आप जो चाहे उसे फ्लश कर दें। जी हां मैंने ही कई बार अपने ऑफिस में देखा हैं कि महिलाएं अक्सर टॉयलेट पेपर यहां तक कि पैड को भी फ्लश कर देती हैं। और तो और कई महिलाएं बच्चों के वाइप्स और कई तो घर के खाने को भी टॉयलेट में फ्लश कर देती हैं। बाथरूम में इस्तेमाल होने वाली हर चीज को आप फ्लश नहीं कर सकती है। ये पाइप में जा कर फंस जाती हैं और ड्रेनेक्स जैसे केमिकल का भी इन पर कोई असर नहीं होता। और फिर घर में इन चीजों के चलते बदबू फैलने से आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। जानिए किन-किन चीजों को फ्लश नहीं करना चाहिए।
बेबी वाइप और डाइपर
हालांकि पैकेजिंग के पीछे लिखा होता है कि इसे टॉयलेट में फ्लश नहीं करना चाहिए। बावजूद इसके कई महिलाएं इसे करती हैं। बच्चों के डाइपर इस तरह के प्लास्टिक से बने होते हैं, जो पानी के संपर्क में आने पर फैलता है। केवल एक डायपर ही आपकी पाइप को पूरी तरह ब्लॉक करने के लिए काफी है।
दवाईयां
हालांकि फ्लश खतरनाक एक्सपायर दवाओं को अपने बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखने का सबसे सुरक्षित तरीका हैं। यानी एक्सपायर हो चुकी दवाओं को इधर उधर फेंकने की जगह महिलाएं टॉयलेट में बहा देना पसंद करती हैं। उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि इससे जमीन के नीचे मौजूद पानी में पल रहे जीव अपनी जान गंवा सकते हैं। इसका असर पूरे जलवायु पर पड़ता है। यह aquatic ecosystem के लिए विषाक्त है और पीने के पानी के डाउनस्ट्रीम को प्रदूषित भी कर सकते हैं।
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कंडोम
अक्सर कंडोम को इस्तेमाल करने के बाद इसे टॉयलेट में फ्लश कर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि लेटैक्स का बना कंडोम भी प्लास्टिक की अन्य चीजों की तरह आपकी पाइपों को नुकसान पहुंचा सकता है। बाद में नाली खुलवाने की परेशानी से बेहतर है कि पहले ही इसे कूड़ेदान में फेकें।
Harsh केमिकल्स
बहुत ज्यादा दवाओं की तरह, आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे कठोर केमिकल अक्सर wastewater treatment plant द्वारा पकड़े और निकाले नहीं जाते हैं। इसलिए ये untreated harsh chemicals हमारे जलमार्ग को प्रदूषित करते हैं। इसलिए इन खतरनाक केमिकल को recycling centers में दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही आपको अमोनिया या ब्लीच के स्थान पर सेस्टील साबुन या सिरके जैसे अधिक अनुकूल क्लींजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए।
टॉयलेट पेपर
अगर टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने के बाद इसे टॉयलेट में फ्लश कर दिया जाता है। लेकिन टॉयलेट पेपर फ्लशिंग पर तुरन्त बिखर जाता है। यानी टॉयलेट पेपर फ्लश करने के बाद फैलते हैं और major blockages का कारण बनते है इसलिए इन्हें फ्लश करने की बजाय डस्टबिन में डालना चाहिए।
फ्लॉस और बाल
बाथरूम की पाइप को ब्लॉक करने में सबसे बड़ा हाथ बालों का ही होता है। अक्सर महिलाएं नहाने के बाद इन्हें हटाना भूल जाती हैं, तो कुछ कंघी करने के बाद इन्हें टॉयलेट में फ्लश कर देती हैं। ठीक बालों की तरह डेंटल फ्लॉस यानी दांतों को साफ करने वाला धागा भी पाइप में अटक जाता है। यह प्लास्टिक का होता है और कूड़े के इर्दगिर्द उलझ जाता है।
सैनिटरी पैड
डाइपर की ही तरह ही सैनिटरी पैड को भी फ्लश करना ठीक नहीं है। यह बात समझना मुश्किल नहीं है कि जहां लड़कियों के लिए बाजार से सैनिटरी पैड खरीद कर लाना ही इतना मुश्किल है, तो इस्तेमाल किए हुए को कूड़ेदान तक पहुंचाना उनके लिए कितना असहज होगा। लेकिन फिर भी इनकी जगह टॉयलेट में नहीं है। बल्कि इसे अच्छे से कवर करके कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।
कॉटन और बड
आप सोच रहे होंगी कि भला इतनी हल्की सी कॉटन क्या नुकसान पहुंचा सकती है और फिर यह तो बनी भी कपास की होती है! दरअसल बाजार से चोट पर लगाने के लिए जो कॉटन हम खरीदती हैं, उसमें प्लास्टिक के छोटे छोटे कण मौजूद होते हैं, जिससे वह आसानी से नहीं घुल पाती।
तो अगली बार इन चीजों को टॉयलेट में फ्लश करने से पहले एक बार जरूर सोच लें।
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