बॉडी डिटॉक्स एक ऐसा शब्द है, जो पिछले कुछ समय से काफी पॉपुलर हो रहा है। आमतौर पर, जब लोग अपना वजन कम करने का प्रयास करते हैं, तो वह अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्टअप करने के लिए तरह-तरह की डिटॉक्स ड्रिंक्स का सेवन करते हैं। लेकिन वास्तव में डिटॉक्स सिर्फ बॉडी को शेप में लाने के लिए ही आवश्यक नहीं है।
आपको शायद अहसास ना हो, लेकिन हमारे शरीर को हर रोज केमिकल्स, धुएं व कीटनाशकों आदि से लड़ना पड़ता है। इसके अलावा, खानपान में बरती गई लापरवाही के चलते बॉडी में टॉक्सिन्स जमा होने लग जाते हैं। यह हमारे ब्रेन के साथ-साथ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों और टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इतना ही नहीं, यह मानसिक व भावनात्मक रूप से भी आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, बॉडी को डिटॉक्स करना आवश्यक हो जाता है।
हालांकि, जब शरीर पर विषाक्त पदार्थों का बोझ बढ़ता है, तो इससे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिससे आपका शरीर संकेत देने लगता है कि उसे अब डिटॉक्स करने की आवश्यकता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बता रही हैं-
पाचन तंत्र की समस्याएं
अगर आपको बार-बार अपच की समस्या हो रही है तो यह एक संकेत हो सकता है कि आपकी बॉडी टॉक्सिन्स के कारण ओवरलोड हो गई है और अब उसे डिटॉक्स करने की आवश्यकता है। जब व्यक्ति की बॉडी में टॉक्सिन अधिक जमा हो जाते हैं, तो इससे पेट में सूजन, कब्ज, दस्त या गैस बनना आदि कई समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में हमेशा थकान होना
काम करने के बाद शरीर में थकान होना आम बात है। लेकिन पर्याप्त आराम करने के बाद या फिर बहुत काम न करने की स्थिति में भी आपके भीतर लगातार थकान बनी रहती है, तो यह दर्शाता है कि आपके साथ कोई ना कोई गड़बड़ अवश्य है। यूं तो शरीर में थकान होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, लेकिन इसके अलावा बॉडी टॉक्सिन भी थकान की वजह बनते हैं। दरअसल, जब शरीर में टॉक्सिन जमा हो जाते हैं तो यह आपके मस्तिष्क को भी प्रभावित करते हैं। जिसके कारण आपको थकान महसूस हो सकती है।
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हार्मोन का असंतुलित होना
शरीर में टॉक्सिन्स आपके हार्मोन्स पर भी अपना असर डाल सकते हैं। अगर आप थकान के अलावा हमेशा ही खुद को इरिटेटिड महसूस करते हैं या फिर आपको बार-बार मूड स्विंग्स होते हैं, तो यह टॉक्सिन्स के कारण हो सकता है। यूं तो महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी मूड स्विंग्स होते हैं। लेकिन अगर आपको पीरियड्स नहीं हो रहे हैं और तब भी आपको लगातार मूड स्विंग्स हो रहे हैं तो ऐसे में आपको बॉडी को डिटॉक्स करने पर विचार करना चाहिए।
ब्रेन फॉग होना
सुनने में आपको शायद अजीब लगे लेकिन बॉडी में जब टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं, तो यह आपके मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकते हैं। कुछ लोग टॉक्सिन्स के कारण ब्रेन फॉग को भी एक्सपीरियंस करते हैं। अगर आपको भी याद्दाश्त से जुड़ी समस्या है या फिर आपको ध्यान एकाग्र करने में समस्या होती है तो हो सकता है कि ऐसा बॉडी टॉक्सिन के कारण हो रहा हो। आपके शरीर में टॉक्सिन की अधिकता के कारण, ब्लड में विषाक्त पदार्थ बनने लगते हैं जो मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिशन को प्रभावित करते हैं और व्यक्ति को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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तो अब जब भी आपको यह संकेत नजर आएं तो अपनी बॉडी का डिटॉक्सफिकेशन प्रोसेस शुरू कर दें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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