गणेश उत्सव का पावन पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर गणपति बप्पा की पूजा में कई चीजों का विशेष महत्व होता है, जिनमें गुड़हल के फूल और दूर्वा घास (दूब) सबसे अहम मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये दोनों ही जड़ी-बूटियां भगवान गणेश को बेहद प्रिय हैं और इन्हें चढ़ाने से जीवन में सुख, समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
लेकिन क्या आप जानती हैं कि ये दोनों हर्ब्स सिर्फ पूजा-पाठ के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी खजाना हैं? आयुर्वेद में गुड़हल के फूल को दिल की मजबूती, हार्मोनल बैलेंस और त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए अच्छा माना गया है। यह फूल बालों को झड़ने से रोकता है और डैंड्रफ कम करता है। दूसरी ओर, दूर्वा ब्लड को साफ करने, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और शरीर में ठंडक बनाए रखने के लिए जानी जाती है। यह पेशाब से जुड़ी समस्याओं और किडनी की सेहत में भी फायदेमंद है।
इन दोनों जड़ी-बूटियों का सेवन सही तरीके से करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। आयुर्वेदिक ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार बताती हैं कि इन नेचुरल औषधियों को डेली लाइफ में शामिल करना आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
1. दूर्वा घास (Durva Grass)
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में दूर्वा घास को 'सहस्र वीर्य' कहा गया है, जिसका अर्थ'हजारों लाभों वाला' है। यह अपनी बहुमुखी लाभों के लिए जानी जाती है। दूर्वा की तासीर ठंडी होती है और यह स्वाद में मीठी और कसैली होती है। यह पचने में हल्की होती है, इसलिए यह कफ और पित्त दोनों को शांत करने वाली अद्भुत जड़ी-बूटी है।
दूर्वा के औषधीय लाभ
वेट लॉस में मददगार
- अगर आप अपना वजन कम करना चाहती हैं, तो दूर्वा को अपनी डाइट में शामिल करें। यह विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है।
डिटॉक्सिफायर
- यह शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सबसे बेहतरीन जड़ी-बूटियों में से एक है।
इम्यूनिटी बूस्टर
- यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है, क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-वायरल गुण होते हैं। आयुर्वेद में इसे 'बल्य' माना जाता है और यह इंफेक्शन से लड़ती है और रक्त को शुद्ध करती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
- दूर्वा त्वचा के लिए बहुत अच्छी है और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर कर सकती है।
ब्लड शुगर लेवल करती है कम
- इसमें साइनोडोन डेक्टाइलोन नामक तत्व होता है, जिसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। इसलिए, इसे डाइट में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
- यह यूटीआई, पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग और ऐंठन को कम करने में लाभकारी है।
डाइजेशन और दांतों के लिए फायदेमंद
- यह अल्सर, कोलाइटिस, एसिडिटी, पेट दर्द जैसी डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद है और दांतों की हेल्थ के लिए भी अच्छी मानी जाती है।
दूर्वा लेने के तरीके
दूर्वा का जूस
- मुट्ठी-भर साफ और पानी से धुली दूर्वा घास को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर बारीक पेस्ट बनाएं।
- इस पेस्ट का 1 चम्मच 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर रोज पीने से शरीर को एनर्जी मिलती है और इम्यूनिटी बढ़ती है।
दूर्वा चूर्ण
- घास को सुखाकर पाउडर बनाएं।
- इस सूखे चूर्ण को शहद के साथ या सिर्फ पानी लें।
दूर्वा का पानी
- मुट्ठी भर दूर्वा घास को एक कप पानी में रात-भर भिगो दें।
- अगली सुबह, इसे 3-5 मिनट तक उबालें, छानें और इस पानी को धीरे-धीरे पिएं।
2. गुड़हल के फूल (Hibiscus flowers)
गुड़हल के फूल अपनी सुंदरता के साथ-साथ औषधीय गुणों के लिए भी जाने जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इनका स्वाद मीठा और कसैला होता है और इनकी तासीर ठंडी होती है। यह बढ़े हुए पित्त को शांत करता है और कफ को संतुलित करता है।
गुड़हल के औषधीय लाभ
पित्त-संतुलन और ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर में मददगार
- गुड़हल पित्त-शांत करने वाले गुणों और एंटी-हेमरेजिक से भरपूर होता है, जो माइग्रेन, मुंहासे और एसिडिटी में काफी असरदार है। यह अल्सर, मसूड़ों से खून आना और पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग जैसी समस्याओं को भी ठीक कर सकता है।
हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा
- गुड़हल दिल के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
- यह एनीमिया (खून की कमी), बवासीर, अनिद्रा, यूटीआईऔर नाक से खून बहना जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है।
गुड़हल की चाय बनाने का आसान तरीका
- एक गिलास उबलते पानी में गुड़हल की 5 पंखुड़ियां डालें।
- दो मिनट तक उबालने के बाद, इसे आंच से हटा लें।
- छान लें और ठंडा होने दें।
- आप इसे दिन में एक बार पी सकती हैं।
इन दोनों जड़ी-बूटियों को अपनी डाइट में शामिल करके आप कई हेल्थ बेनिफिट्स पा सकती हैं।
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