आज के समय में हम सब कुछ कम से कम समय में पाना चाहते हैं। इंस्टेंट का जमाना है और इसलिए वेट लॉस को भी इंस्टेंट बना दिया गया है। कम समय में वजन कम करने के लिए क्रैश डाइट करना अक्सर लोग अच्छा मानते हैं। मार्केट में भी 21 दिनों में 10-15 किलो वजन कम करवाने की गारंटी देने वाले लोगों की कमी नहीं है। अमूमन हम सभी बिना सोचे-समझे इन चीजों की तरफ दौड़ पड़ते हैं। एक महीने बाद बहन की शादी है और हमें एकदम फिट दिखना है तो क्रैश डाइट शुरू कर दो। हो सकता है कि इस तरह की डाइट से शुरुआत में वजन कम तो नजर आए, लेकिन कुछ ही वक्त बाद वजन तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है। ऐसे में समझ में नहीं आता कि वास्तव में क्या किया जाए।
क्रैश डाइट करके वजन कम करने वाले लोग कभी भी अपनी बॉडी को सस्टेन ही नहीं कर पाए। इस तरह की डाइट हमेशा ही फेल हो जाती हैं। हालांकि, अधिकतर लोग इस बात को लेकर असमजंस में रहते हैं कि जब वे अपनी मेंटेनेंस कैलोरी से कम ले रहे हैं तो उनका वजन कम होना चाहिए। पर क्रैश डाइट हर बार फेल क्यों हो जाती हैं। दरअसल, इसके पीछे कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसी ही वजहों के बारे में बता रही हैं-
मेटाबॉलिज़्म पर पड़ता है बहुत बुरा असर
जब आप क्रैश डाइट करने लगती हैं और एकदम से अपनी कैलोरी बहुत कम कर देती हैं तो इससे वजन कम होने की जगह बढ़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है, क्योंकि इससे आपका मेटाबॉलिज्म काफी स्लो हो जाता है। अगर आपने अपनी डेली कैलोरी आधी से भी कम कर दी तो इससे शरीर अलर्ट मोड में चला जाता है। कुछ ही समय में शरीर अपना बेसल मेटाबॉलिक रेट घटा देता है, जिससे वह कैलोरी बर्न करने की जगह उसे बचाने लग जाता है। इसे एडेप्टिव थर्मोजेनेसिस कहते हैं। जब आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, तो इससे ना केवल वजन कम करना मुश्किल हो जाता है, बल्कि उसके बढ़ने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
हार्मोन पर पड़ता है बुरा असर
जब आप क्रैश डाइट करती हैं तो इससे आपके हार्मोन पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। इस तरह की डाइट हार्मोन संतुलन को बिगाड़ती हैं। शरीर में लेप्टिन हार्मोन कम हो जाता है, जिससे भूख बढ़ती है। वहीं, घ्रेलिन हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे क्रेविंग और भी बढ़ती है। जब आप अपने शरीर को उसकी जरूरत से काफी कम खाना देती हैं तो इससे शरीर में कोर्टिसोल भी बढ़ सकता है, जिससे पेट के आसपास फैट जा होने लगता है। ऐसे में आप डाइट भी कर रही होती हैं, लेकिन फिर भी आपका वजन कम नहीं होता है। यहां तक कि आपको थकान, चक्कर आना, मूड स्विंग्स होना, चिड़चिड़ापन व क्रेविंग्स आदि शिकायतें भी शुरू हो जाती हैं।
शरीर को पर्याप्त पोषण ना मिलना
क्रैश डाइट के हर बार फेल होने के पीछे एक वजह यह भी होती है कि इससे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। दरअसल, जब आप अपनी कैलोरी आधी से भी कम कर देती हैं तो यकीनन आपकी डाइट से जरूरी मिनरल, विटामिन व अन्य पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं या फिर पूरी तरह से हट जाते हैं। इस तरह की डाइट के चलते शरीर में आयरन, बी12, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि की कमी हो जाती है। ऐसे में वजन तो कम नहीं होता, लेकिन बाल झड़ने से लेकर स्किन रूखी होना व इम्युनिटी कमज़ोर होना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
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Image Credit- freepik
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