रिवर्स डाइटिंग बन चुकी है फिटनेस वर्ल्ड का नया ट्रेंड, जानिए वेट लॉस के बाद क्यों है जरूरी

अमूमन लोग बहुत अधिक मेहनत करके वेट लॉस तो कर लेते हैं। लेकिन इसके बाद रिवर्स डाइटिंग करना बेहद जरूरी हो जाता है, वरना आपकी सारी मेहनत बर्बाद होते देर नहीं लगेगी। 
weight loss

वेट लॉस करना यकीनन काफी मुश्किल होता है, लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल होता है उसे मेंटेन करना। अमूमन यह देखने में आता है कि हम कड़ी मेहनत करके वजन तो कम कर लेती हैं, लेकिन कुछ ही वक्त में वह वजन फिर से बढ़ने लगता है, क्योंकि हम सभी रिवर्स डाइटिंग करने की जगह एकदम से अपने रेग्युलर रूटीन पर जंप कर जाती है। रिवर्स डाइटिंग आज के समय में फिटनेस वर्ल्ड का एक नया ट्रेंड बन चुकी है और अपने वजन को बनाए रखने के लिए रिवर्स डाइटिंग करना बेहद जरूरी माना जाता है।

जो महिलाएं रिवर्स डाइटिंग के बारे में नहीं जानती हैं या फिर उसे सही तरह से फॉलो नहीं करती हैं तो उनकी महीनों की मेहनत बर्बाद होते देर नहीं लगती। दरअसल, जब आप लंबे समय तक वेट लॉस के लिए किसी डाइट को फॉलो करती हैं और एक बार गोल पूरे हो जाने के बाद इंस्टेंट पुरानी ईटिंग हैबिट्स अपनाती हैं तो इससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी को फैट समझकर उसे स्टोर करना शुरू कर देता है। इसलिए, हमेशा पहले रिवर्स डाइटिंग फॉलो करने की सलाह दी जाती है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि वेट लॉस के बाद रिवर्स डाइटिंग करना क्यों जरूरी माना जाता है-

अचानक वजन बढ़ने से रोकने के लिए है जरूरी

अगर आप अब तक वेट लॉस के लिए 1300 कैलोरी की डाइट लेती आ रही थी और अब अचानक से 2000 कैलोरी से ज्यादा खाने लगेंगी, तो इसे शरीर उस खाने को फैट में बदलने लग जाता है। इसलिए, रिवर्स डाइटिंग को जरूरी माना जाता है। इसमें 1300 कैलोरी की डाइट को पहले 1400 कैलोरी फिर 1500 कैलोरी, इस तरह धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है, जिससे आपकी मेहनत पर पानी न फिर जाए।

know why reverse dieting is important after having weight loss (2)

इसे भी पढ़ें-मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ रहा है? अपनाएं ये स्मार्ट वेट लॉस टिप्स

मेटाबॉलिज़्म को फिर से एक्टिव करने के लिए है जरूरी

रिवर्स डाइटिंग को इसलिए भी जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह आपके मेटाबॉलिज्म को फिर से एक्टिव करने में मददगार होती है। दरअसल जब हम डाइट करते हैं तो कैलोरी इनटेक कम कर देते हैं। इससे शरीर कम कैलोरी में काम करना सीख जाता है और आपका मेटाबॉलिज़्म स्लो हो जाता है। लेकिन जब रिवर्स डाइटिंग की जाती है तो इससे धीरे-धीरे मेटाबॉलिज़्म को फिर से बूस्ट करने में मदद मिलती है।

expert (18)

हार्मोन रेग्युलेशन के लिए है बेहद जरूरी

अगर आप वजन कम करने के बाद अपने लेप्टिन और घ्रेलिन के रेग्युलेशन को बेहतर बनाना चाहती हैं तो ऐसे में रिवर्स डाइटिंग जरूर करें। दरअसल, वेट लॉस जर्नी में जब हम बहुत कम खाते हैं तो इससे लेप्टिन और घ्रेलिन का बैलेंस बिगड़ जाता है। ये दो हार्मोन आपको भूखे होने और पेट भरने का संकेत देते हैं। शायद यही वजह है कि जब कोई व्यक्ति डाइट छोड़ता है तो उसे एकदम से भूख बहुत ज़्यादा लगती है। लेकिन अगर आप नॉर्मल डाइट पर एकदम से जंप करने की जगह रिवर्स डाइटिंग करती हैं तो इससे इन हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिलती है।

मसल्स को बनाए रखने के लिए है जरूरी

know why reverse dieting is important after having weight loss

रिवर्स डाइटिंग मसल्स को बनाए रखने के लिए भी जरूरी मानी गई है। वेट लॉस के दौरान हम सभी डाइट व एक्सरसाइज की मदद से मसल्स बिल्डअप करती हैं। बाद में, आप यकीनन उन्हें खोना नहीं चाहेंगे। ऐसे में रिवर्स डाइटिंग करनी चाहिए, क्योंकि इससे मसल्स को ज़रूरी पोषण मिलता है और बॉडी कंपोज़िशन भी सुधरता है।

इसे भी पढ़ें-बिना डाइटिंग के एक महीने में कम होगा 4-5 किलो वजन, सीक्रेट हैक्स डाइटिशियन से जानें

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- freepik
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP