70 की उम्र में भी बिना दवा के जिएं फिट, नानी-दादी के 3 अचूक नुस्‍खे आजमाएं

70 साल की उम्र में भी बिना किसी गोली-दवाई के स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीना चाहती हैं? ऐसे में कुछ अच्छी आदतों और समझदारी भरे फैसलों को अपनाना होगा। आइए ऐसे 3 आसान नुस्खे जानते हैं, जो आपको निरोगी जिंदगी जीने में मदद कर सकते हैं।
How to cure health problems naturally

खराब और बिजी लाइफस्‍टाइल, खान-पान में गड़बड़ी और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते शरीर कम उम्र बीमारियों की चपेट आ जाता है। इ‍सलिए, आज के समय में 70 की उम्र में भी बिना दवा के जीना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। अगर आप भी 70 साल की उम्र तक हेल्‍दी रहना चाहती हैं, तो आइए दादी-नानी के बताए 3 अचूक नुस्‍खों के बारे में जानते हैं, जो आपको और आपकी आने वाली पीढ़ियों को भी हेल्‍दी रहने में मदद कर सकती हैं। इन नुस्‍खों की जानकारी आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर चैताली रठौड़ ने शेयर की है, जो उनकी दादी ने उन्‍हें बताए थे।

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''यह बात बिल्कुल सही है, 70 साल की उम्र में भी बिना किसी गोली-दवाई के स्वस्थ जीवन जीना सच में एक बहुत बड़ी बात है। यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं, बल्कि हमारे कुछ अच्छे आदतों और फैसलों का नतीजा भी है। हम अक्सर सोचते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ बीमारियां और दवाएं हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाएंगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप आज से ही कुछ साधारण, लेकिन बेहद असरदार नुस्खों को अपने रूटीन में शामिल करेंगी, तो आप भी अपनी नानी-दादी की तरह लंबी, हेल्‍दी और एक्टिव जिंदगी जी सकती हैं। ये ऐसे आजमाए हुए तरीके हैं, जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और आपको उम्र के इस पड़ाव पर भी एनर्जी से भरपूर और खुश रखने में मदद करेंगे।''

1. खजूर: हर उम्र की महिलाओं के लिए सुपरफूड

खजूर सच में एक कमाल का सुपरफूड है, जिसे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक, सभी को अपनी डेली डाइट में शामिल करना चाहिए। यह पोषण का पावरहाउस है और आयुर्वेद में इसे 'बल्य' कहा गया है, जिसका मतलब है ताकत देने वाला।

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खजूर आयुर्वेद के हिसाब से कैसे काम करता है?

आयुर्वेद में खजूर को वात और पित्त शांत करने वाला माना गया है। इसके अलावा, इसमें और भी कई बढ़िया गुण हैं:

  • खजूर शरीर में नई जान डालने में मदद करता है।
  • यह यूरिन बढ़ाकर शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है।
  • यह आपके दिल को मजबूत और हेल्‍दी रखता है।
  • यह दिमाग की नसों को मजबूत करता है और मन को शांति देता है।
  • जी हां, हेल्‍दी दिल और शांत दिमाग के लिए आपको जो कुछ भी चाहिए, वह खजूर में है।

इसे कैसे खाएं?

आप खजूर को सीधा या पानी में भिगोकर खा सकती हैं। लेकिन, जितनी भूख हो, उतनी मात्रा लें।

खाने का सबसे अच्छा समय?

सुबह या शाम के हल्के नाश्ते के रूप में खजूर खाना सबसे अच्छा रहता है। यह आपको ताकत देगा और पूरे दिन आपको फुर्तीला रखेगा।

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2. रोजाना एक्‍सरसाइज: चलना-फिरना ही दवा है

किसी भी उम्र में, हमेशा यह बात याद रखें कि 'शरीर को हिलाना ही औषधि है' यानी चलना-फिरना ही दवा है। हेल्‍दी रहने और खुद को फिर से तरोताजा महसूस कराने के लिए शरीर को हिलाना-डुलाना बहुत जरूरी है।

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मेरी दादीजी इसका एक शानदार उदाहरण हैं। वह रोजाना कम से कम 25 मिनट पैदल चलती हैं, जिसमें वह नॉर्मल एक्‍सरसाइज और सूक्ष्म व्यायाम को भी शामिल करती हैं। सूक्ष्म व्यायाम शरीर के जोड़ों और मसल्‍स को धीरे-धीरे खोलने और लचीला बनाने में मदद करते हैं, जो खासकर बढ़ती उम्र में बहुत फायदेमंद होते हैं।

एकसरसाइज के फायदे

  • यह मसल्‍स और हड्डियों को मजबूत करती है, दिल को हेल्‍दी बनाती है और वजन को कंट्रोल में रखती है।
  • एक्‍सरसाइज तनाव और चिंता को कम करती है, मूड को अच्छा बनाती है और दिमाग को तेज करती है।
  • रोज सूक्ष्‍म व्‍यायाम करने से आपकी एनर्जी बढ़ती है और आप पूरे दिन ज्यादा एक्टिव महसूस करती हैं।
चाहे वह तेज चलना हो, योगासन हो, डांस करना हो या गार्डनिंग करना हो, अपने शरीर को मूवमेंट दें। यह आपके जीवन की क्वालिटी को बहुत बेहतर बनाएगा।

3. व्रत: पाचन और मानसिक स्वास्थ्य को बनाता है बेहतरीन

अगर सही तरीके से व्रत किया जाए, तो यह आपके डाइजेस्टिव सिस्‍टम को मजबूत बनाने और मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने का सबसे अच्छा तरीका है। व्रत रखने से सेहत सही रहती है और यह आपको ढेरों शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक फायदे देता है।

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व्रत के फायदे

  • व्रत से डाइजेस्टिव सिस्‍टम को आराम मिलता है, जिससे उसे खुद को ठीक करने और मजबूत बनाने का मौका मिलता है।
  • यह शरीर को गंदी चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • व्रत इंसुलिन के प्रति शरीर की सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
  • कई महिलाएं व्रत के दौरान काफी फोकस महसूस करती हैं।
अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो व्रत बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। यह कोशिकाओं के पुनर्जनन (कोशिका पुनर्जनन वह प्रक्रिया है, जिसमें डैमेज कोशिकाओं को बदलने के लिए नई कोशिकाओं का निर्माण किया जाता है।) को बढ़ाता है, जिससे पुरानी और खराब कोशिकाएं साफ होती हैं।

किसे व्रत नहीं रखना चाहिए?

यदि आपको बहुत ज्यादा कमजोरी, हाई बीपी, डायबिटीज जैसी कोई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है या आप प्रेग्‍नेंट हैं, तो आपको व्रत से बचना चाहिए। ऐसे में व्रत शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर सलाह जरूर लें।

इन तीनों को अपनाना आपको स्वस्थ शरीर और बीमारियों से बचाव के लिए एक मजबूत नींव देगा और आप अपनी 70 की उम्र में भी बिना किसी गोली के हेल्‍दी और खुशहाल जीवन जी सकेंगी।आशा है यह जानकारी आपके लिए मददगार होगी। इसे उन लोगों के साथ जरूर शेयर करें, जिन्हें 60 की उम्र के बाद हेल्‍दी रहने के लिए ऐसी सलाह की जरूरत है।

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Image credit: Shutterstock

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