हिप्स और जांघों के अंदरूनी हिस्से पर फोड़े-फुंसी बहुत ही असहज होते हैं। यह अक्सर बालों के रोम में सूजन और दर्दनाक क्लस्टर जैसे फोड़ों की तरह होते हैं। पसीना प्रतिधारण और हार्मोनल परिवर्तन आपके हिप्स और आंतरिक जांघों पर दिखाई देने वाले सामान्य कारण माने जाते हैं। नमी के कारण यह समस्या मानसून में बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। यह समस्या क्या है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है? यह जानने के लिए हमने योगगुरु डॉक्टर मोहन कार्की जी से बात की। वह होलिस्टिक हेल्थकेयर फाउंडेशन के फाउंडर हैं और फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के योग और नेचर क्योर के पूर्व एचओडी हैं।
डॉक्टर मोहन कार्की जी का कहना है, ''इस समस्या से बचने के लिए हमें दो-तीन लेवल में काम करने की जरूरत है। इसके लिए कुछ सुरक्षा के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। अगर आपका डाइजेटिव सिस्टम सही नहीं है, शरीर में हाइड्रेशन की कमी है या पेट सही तरीके से साफ नहीं होता है तो शरीर में टॉक्सिन्स का लेवल बढ़ जाता है। इससे इंफेक्शन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। फोड़ों की समस्या इंफेक्शन के कारण होती है। कुछ मामलों में शरीर से बहुत ज्यादा गर्मी निकलने के कारण भी ऐसा होता है। इसलिए सबसे पहले हमें इसके होने के कारणों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए।''
आगे उन्होंने बताया, ''इससे बचने के लिए पानी का सेवन थोड़ी ज्यादा मात्रा में लें। बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने के लिए रात में हल्दी वाला दूध भी पिया जा सकता है। सुबह एलोवेरा जेल लिया जा सकता है। जहां फोड़ों की समस्या है, वहां शुरुआत में यानि पहली स्टेज पर बर्फ की सिकाई करने से उसे सुखाकर निकालने में मदद मिलती है। अगर वह समस्या थोड़ी ज्यादा बढ़ गई है, तो इंफेक्शन ज्यादा फैलने से आप हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें आप हल्दी और नीम के पत्तों का लेप लगा सकती हैं। इन दोनों की मदद से फोड़ों में जमा गंदगी को जल्दी निकालने में मदद मिलती है।''
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डॉ मोहन कार्की जी का कहना है, ''इस समस्या से बचने के लिए पेट का साफ होना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए आप रात के समय त्रिफला का सेवन करें। अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं। सलाद और उबली हुई सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। ऐसा करने से शरीर अपने डिटॉक्स प्रोसेस को सही तरीके से कर पाता है। साथ ही साथ हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखें। गर्मियों के मौसम में खुद को साफ रखने के लिए दिन में दो बार जरूर नहाएं। अगर इन सभी नियमों का पालन किया जाए, तो फोड़ों की समस्या से कुछ ही दिनों में छुटकारा पाया जा सकता है।''
इसके अलावा, जब तक फोड़े दर्द रहित और छोटे होते हैं और बुखार के कोई लक्षण नहीं होते हैं, तब तक आप इन प्रभावी घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानें।
हल्दी के एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपके हिप्स और जांघ के अंदरूनी हिस्से पर फोड़े को ठीक करने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन भी दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
अपने प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण नीम, जिसे भारतीय बकाइन और मार्गोसा के रूप में भी जाना जाता है, हिप्स और आंतरिक जांघों पर फोड़े के लिए एक और प्रभावी प्राकृतिक इलाज है।
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एक अन्य विकल्प यह है कि नीम के कुछ पत्तों को पानी से भरे पैन में तब तक उबालें, जब तक कि अधिकांश पानी वाष्पित न हो जाए और उसका 1/3 भाग न रह जाए। घोल को ठंडा करके छान लें। इस नीम के पानी से प्रभावित त्वचा को दिन में कई बार साफ करें।
आप भी इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर हिप्स और जांघों के फोड़ों से छुटकारा पा सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिदंगी से जुड़ी रहें
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