बच्चों की हंसी-खुशी पूरे घर को रौनक से भर देती है, लेकिन खेलते-कूदते समय गिरने या चोट लगने पर उनकी रोने की आवाजें भी सुनाई देती हैं। दरअसल, बच्चों को घर में ही कई बार तरह-तरह की चोटें लग सकती हैं जैसे कि जलना, अचानक गिरना, हड्डी टूटना, कटना या खून बहना। ऐसे में सवाल उठता है कि तुरंत क्या करना चाहिए? आपने शायद इसके बारे में कहीं पढ़ा होगा या वीडियो देखा होगा, लेकिन अक्सर वह जानकारी अधूरी या गलत होती है। यही वजह है कि सही फर्स्ट एड के तरीकों को जानना बेहद जरूरी है।
ध्यान रहे, केवल फर्स्ट एड जानना ही काफी नहीं है, बल्कि उसे सही तरीके से करना और समय पर करना सबसे ज्यादा मायने रखता है। कई बार सही और तुरंत की गई फर्स्ट एड किसी की जान भी बचा सकती है। इसी विषय पर हम बता रहे हैं बच्चों को लगने वाली आम चोटों और इनसे निपटने के लिए जरूरी फर्स्ट एड टिप्स। यह जानकारी हमें नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल, मुंबई की कंसल्टेंट पीडियाट्रिक डॉक्टर अमीन काबा ने दी है।
सिर पीछे झुकाने से खून नाक से गले में जा सकता है, जिससे दम घुटने या खून निगलने का खतरा हो सकता है। इसकी जगह, बच्चे को बिठाएं और आगे की ओर झुकाएं। फिर, नाक को 10-15 मिनट तक दबाकर रखें और मुंह से सांस लेने को कहें। फिर, नाक के ऊपर ठंडी सेंक रखें। खून बंद होने के तुरंत बाद बच्चे को नाक न रगड़ने दें।
जब बच्चा बेहोश हो जाता है, तब हम उसे तुरंत हिलाने या बिठाने की कोशिश करते हैं। ऐसा न करें। इसकी जगह आप पहले बच्चे की सांस और नाड़ी चेक करें। फिर, बच्चे को सीधा लेटा रहने दें, अब पैरों के नीचे तकिया या कोई छोटा स्टूल रखकर बच्चे को ऊपर उठाएं। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के आस-पास हवा का फ्लो अच्छा हो और कसे हुए कपड़े ढीले कर दें। अगर उसके हाथ-पैर ठंडे हैं, तो उन्हें गर्म करने के लिए रगड़ें।
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चोट लगने के 24 घंटे के अंदर मोच, सूजन या मांसपेशियों में खिंचाव जैसी अचानक लगी चोटों पर बर्फ का इस्तेमाल करना चाहिए। पीठ दर्द जैसी समस्याओं के लिए हॉट बैग का इस्तेमाल करें।
अगर आप जिस औजार का इस्तेमाल कर रही हैं, वह साफ नहीं है या आप यह नहीं जानती कि घाव कितना गहरा है, तो इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। अगर बच्चे के शरीर में कोई कांटा, लकड़ी का टुकड़ा या कांच फंस गया है, तो इस जगह की अपने हाथों की और चिमटी की सफाई करें। अगर आप इसे निकालने में कामयाब नहीं हो पा रही हैं या आपको संदेह है, तो सबसे अच्छा है कि आप बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
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अगर बच्चे का हाथ या शरीर का कोई हिस्सा जल गया है, तो जले हुए हिस्से को कम से कम 20 मिनट तक ठंडे पानी के नीचे रखें। फिर, साफ कपड़े से थपथापकर पोंछें, एंटी-सेप्टिक पाउडर छिड़कें या थोड़ा सा नेचुरल एलोवेरा लगाएं और फिर साफ पट्टी से कवर कर दें। जले हुए हिस्से पर कभी भी बर्फ या आइस पैक न रगड़ें।
मिर्गी का दौरा पड़ने पर लोग घबरा जाते हैं और डर के मारे कि कहीं व्यक्ति अपनी जीभ न काट ले, वह उसके मुंह में कुछ डालने की कोशिश करते हैं। यह बहुत खतरनाक है। इसकी जगह, व्यक्ति को धीरे से एक साइड करवट दिलाएं। फिर, सिर के नीचे कुछ नरम चीज रखें और टाइट कपड़े ढीले कर दें। दौरे का समय नोट करें। अगर यह पांच मिनट से ज्यादा रहता है, तो डॉक्टर को बुलाएं।
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ज्यादा चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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