National Epilepsy Day: किन कारणों से पड़ता है मिर्गी का दौरा, एक्सपर्ट से जानें लक्षण और बचाव के उपाय

मिर्गी एक दिमाग से जुड़ी गंभीर समस्या है जिसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है।

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2023-11-17, 12:23 IST
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National Epilepsy Day:मिर्गी के बारे में आप सब ने कभी ना कभी तो जरूर ही सुना होगा। कहा जाता है कि अक्सर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दौरा पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति पूरी तरह से संतुलन खो देता है। शरीर में अजीब अजीब सी हरकत होने लगती है। आज नेशनल एपिलेप्सी डे पर हम जानेंगे क्या है यह मिर्गी की बीमारी? यह क्यों होता है, क्या हैं इसके लक्षण। इस बारे में जानकारी दे रहे हैं Dr kadam nagpal Senior consultant neurology PSRI Hospital

क्या है मिर्गी की बीमारी? (National Epilepsy Day)

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मिर्गी दिमाग से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। जिसमें दिमाग असामान्य रूप से काम करता है। इस समस्या में दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होने लगती हैं। इससे मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित होती ,है जिसके परिणाम स्वरूप मरीज को दौरे पड़ते हैं। मिर्गी का दौरा जब पड़ता है तो दिमाग और शरीर का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है। पीड़ित व्यक्ति बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है। कई बार मुंह से सफेद झाग भी आने लगता है। मोशन और यूरिन से भी कंट्रोल हट जाता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि मिर्गी का दौरा दो तरह का होता है। एक जनरलाइज्ड एपिलेप्सी। इस कंडीशन में पूरे दिमाग में दौरा पड़ता है और दूसरा होता है फोकल एपिलेप्सी इस स्थिति में दिमाग के एक हिस्से में तरंगे दौड़ती है।

क्या है मिर्गी होने का कारण

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  • ब्रेन हेमरेज
  • ब्रेन में क्लॉट
  • जेनेटिक यानी अगर मां को एपिलेप्सी है तो बच्चे में भी हो सकता है
  • ब्रेन में इंफेक्शन
  • दिमाग में स्वेलिंग
  • दिमाग मे चोट लगने की वजह से
  • ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी
  • उम्र बढ़ने पर डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के कारण
  • बच्चों में डेवलपमेंट डिफेक्ट होते हैं, जन्म से ही ब्रेन के डेवलपमेंट नहीं हो पाते हैं और इस वजह से भी मर्गी की समस्या हो सकती है।

ऐसे करें बचाव

  • नशीली चीजों से दूर रहें
  • संतुलित आहार का सेवन जरूरी है
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
  • हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाएं
  • डॉक्टर ने अगर कोई दवाई आपको दी है तो उसे नियमित रूप से खाते रहें
  • तनाव और चिंता कम करें।
  • एक्सरसाइज और मेडिटेशन जरूर करें।

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Image Credit- Freepik

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