आयुर्वेद और नैचरोपैथी में मिट्टी को बहुत ही शुद्ध और औषधिक गुणों से भरपूर माना गया है। मिट्टी में कई सारी बीमारियों का इलाज छुपा हुआ है। विदेशों में भी यह मड थेरिपी के नाम से प्रचलित है वहीं भारत में इसे ‘मिट्टी की पट्टी’ कहा जाता है। इस बारे में नैचरोपैथ डॉक्टर गणेशलाल मूंधड़ा की किताब ‘बातें प्राकृतिक चिकित्सा की’ के चैप्टर ‘मिट्टी की पट्टी’ में लिखा है कि, ‘मिट्टी और जल का सम्मिश्रण शीतलता भी प्रदान करता है।
अत: मिट्टी की पट्टी के जिस भाग पर भी लगाई जाती है, उस स्थान से विकारों का शोषण कर लेती है तथा जलयुक्त होने के कारण उस अंग से ताप का भी हरण हो जाता है।’ इसका आशय है कि मिट्टी ठंडी होती है और शरीर के जिस भाग पर भी लगाई जाती है, वहां की हर बीमारी दूर हो जाती है और टैम्प्रेचर भी कम हो जाता है। मगर इसे तैयार करने की एक विशेष विधि होती है। इस किताब में यह विधि भी बताई गई है।
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नोट- हम इस बात का दावा नहीं कर रहे हैं कि इस विधि को अपनाने से आपको राहत मिल ही जाएगी। इसलिए आपको इस विधि को अपनाने से पहले अपने स्किन एक्सपर्ट से परामर्श जरूर करना चाहिए और इसे अपनाते वक्त पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
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