एक खूबसूरत सा घर बनवाना हर किसी का सपना होता है। व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि उसके नए मकान में किसी तरह की कोई कमी ना रह जाए। इसलिए, व्यक्ति मकान बनवाते समय हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखता है। एक घर व्यक्ति का आशियाना होता है और घर में संचारित होने वाली ऊर्जा व्यक्ति के संपूर्ण जीवन पर अपना असर डालती है। इसलिए, घर बनवाते समय सिर्फ अच्छी क्वालिटी का ही सामान लगवाना काफी नहीं होता है, बल्कि उसे वास्तु के नियमों का भी ख्याल रखना चाहिए।
जी हां, एक बार घर बन जाने के बाद वास्तु के अनुसार उसमें फेर-बदल करना या फिर तोड़-फोड़ करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले ही वास्तु के कुछ छोटे-छोटे नियमों का ध्यान रखती हैं तो इससे आपके घर में हमेशा ही खुशहाली और सकारात्मकता का संचार होता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको बता रहे हैं कि नया घर बनवाते समय किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए-
यूं करें नींव की खुदाई
नए मकान में जब आप नींव की खुदाई करवा रहे हैं तो ध्यान रखें कि उत्तर व पूर्व की दिशा में सबसे पहले खुदाई करवाएं। वहीं, पश्चिम की दिशा को सबसे अंत में खोदें व दक्षिण की दिशा में आप नींव भरने का कार्य करें। वहीं मकान की चिनाई करते हुए आप दक्षिण की दीवार को सबसे पहले बनाएं। उसके बाद पश्चिम की दिशा की दीवार का निर्माण करें। अंत में, आप उत्तर व पूर्व दिशा में दीवार बनाएं।
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ऐसी हो खिड़कियां
जब आप मकान बनवा रहे हैं तो उसकी खिड़कियों पर भी पर्याप्त ध्यान दें। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। हमेशा उत्तर व पूर्व में बड़ी से बड़ी खिड़की बनाने का प्रयास करें। जबकि दक्षिण व पश्चिम की दिशा में आप खिड़की का साइज बेहद कम रखने की कोशिश करें। आप चाहें तो इसे स्किप भी कर सकती हैं।(Vastu Tips: दक्षिण दिशा में न रखें ये चीजें)
पानी के नल की दिशा
घर बनवाते समय पानी के नल की दिशा का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है। पानी के नल को लगाने के लिए उत्तर या पूर्व की दिशा सबसे अच्छी मानी गई है। कभी भी भूल से भी किसी भी नल को दक्षिण या पश्चिम दिशा में ना लगाएं।
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दिशाओं के अनुसार हो कंसट्रक्शन
जब आप नया घर बनवा रही हैं तो हर चीज को उसके सही स्थान या दिशा के अनुसार ही डिजाइन करवाएं। मसलन, किचन के लिए दक्षिण पूर्व की दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। जबकि पूजा घर उत्तर पूर्व अर्थात् ईशान कोण में होना चाहिए।
ठीक इसी तरह, वायु कोण अर्थात् उत्तर पश्चिम दिशा में बच्चों का कमरा व गेस्ट रूम डिजाइन करवाया जा सकता है। वहीं, घर के मुखिया का स्थान या कमरा दक्षिण पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए। घर में शौचालय को पश्चिम की दिशा के मध्य में बनवाना अधिक उचित माना गया है।
कलर का रखें ख्याल
एक बार घर बन जाने के बाद उसे कलर करवाने की बारी आती है। ऐसे में ध्यान दें कि आप घर में हल्के रंगों का ही चयन करें। यह ना केवल आंखों को अच्छे लगते हैं, बल्कि घर में एक सकारात्मकता भी लेकर आते हैं। वहीं, घर की छतों के लिए सफेद कलर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। छतें हमेशा आकाश तत्व को इंगित करती हैं, इसलिए व्हाइट कलर का इस्तेमाल करने से लाभ होता है।(वास्तु के अनुसार किचन कहां होना चाहिए)
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तो अब आप भी इन वास्तु नियमों को ध्यान में रखते हुए अपना नया घर बनवाएं और अपने जीवन में खुशहाली लेकर आएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik
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