डिलीवरी के बाद व्हाइट डिस्चार्ज क्यों होता है?

प्रेग्‍नेंसी के बाद व्हाइट डिस्चार्ज नॉर्मल प्रोसेस है। लेकिन, डॉक्‍टर बता रही हैं कि यह समस्‍या कब गंभीर हो सकती है, कब इसका रंग बदलता है और 6 हफ्ते तक क्यों डिस्‍चार्ज होता रहता है। गंभीर लक्षणों को पहचानें, ताकि आप अपनी सेहत का सही ख्याल रख सकें।
vaginal discharge after delivery

डिलीवरी के बाद किसी भी महिला की वजाइना से लिक्विड का निकलना बेहद नॉर्मल है। लेकिन, कई बार सही जानकारी के अभाव में यह एक गंभीर समस्‍या भी बन जाती है, जिससे महिलाएं अनावश्‍यक रूप से चिंतित या परेशान हो सकती हैं।

आमतौर पर, डिलीवरी के बाद यूट्रस के अंदर की परत और बचे हुए टिश्यूज शरीर से बाहर निकलते हैं। शुरुआत में ये गहरे लाल रंग के होते हैं, जो धीरे-धीरे बदलकर गुलाबी हो जाते हैं। फिर, ये पीले और अंत में सफेद डिस्चार्ज में बदल जाते हैं। क्या आप जानती हैं कि यह व्‍हाइट डिस्‍चार्ज धीरे-धीरे कम होते हुए भी डिलीवरी के 6 हफ्ते बाद तक आता रहता है? डिलीवरी के बाद व्हाइट डिस्चार्ज क्यों होता है? इस सवाल का विस्‍तार में जवाब हमें आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर चंचल शर्मा दे रही हैं।

डॉक्‍टर का कहना है, ''अक्सर महिलाओं का यह सवाल होता है कि डिलीवरी के बाद सफेद पानी यानी व्‍हाइट‍ डिस्‍चार्ज आने का क्या मतलब है? इसमें 2 तरह के कारण शामिल हो सकते हैं। एक तो नॉर्मल कारण है, जिसमें कोई खतरा नहीं होता है और जिन्‍हें लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं होती है। दूसरे, वे कारण हैं, जो गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं और जिन पर तुरंत ध्‍यान देना जरूरी है। यहां आप एक-एक करके सभी कारणों को जानेंगी, जिससे आप अपनी समस्‍या के बारे में विस्‍तार से समझकर सही समय पर इलाज कर सकेंगी।''

डिलीवरी के बाद व्हाइट डिस्चार्ज के नॉर्मल कारण

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हार्मोनल बदलाव

डिलीवरी के बाद हर महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। प्रेग्‍नेंसी के दौरान बढ़े हुए हार्मोन का लेवल अचानक गिरता है, जिससे शरीर अपनी नॉर्मल स्थिति में लौटने की कोशिश करता है। इन हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण व्हाइट डिस्चार्ज होता है और यह एक पूरी तरह से नॉर्मल और नेचुरल प्रोसेस है। इसके लिए बहुत ज्‍यादा घबराने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह शरीर की खुद को ठीक करने के प्रोसेस का हिस्सा है।

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ब्रेस्टफीडिंग

डिलीवरी के बाद, जो महिलाएं अपने शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है। इस हार्मोन के कम होने से कई बार वजाइना में ड्राईनेस का कारण बन सकता है या फिर इसकी वजह से भी व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है। यह भी एक नॉर्मल प्रोसेस है, जो शरीर में हार्मोनल एडजस्टमेंट के कारण होता है।

डिलीवरी के बाद व्हाइट डिस्चार्ज के गंभीर कारण

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इंफेक्‍शन

अगर डिलीवरी के बाद होने वाले व्‍हाइट डिस्चार्ज में किसी प्रकार की तेज या अप्र‍िय बदबू है, तो यह इंफेक्‍शन का संकेत हो सकता है। इंफेक्‍शन के लक्षणों में वजाइना में खुजली, जलन या व्‍हाइट डिस्‍चार्ज का रंग बदलकर हरा या पीला होना भी शामिल है। यह इंफेक्‍शन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड या यीस्ट इन्फेक्शन भी हो सकता है। इसके लिए आपको तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

यूट्रस का इंफेक्‍शन

कई बार डिलीवरी के दौरान किसी प्रकार का चीरा (जैसे सिजेरियन में), चोट लगने या डिलीवरी के दौरान हुई किसी परेशानी के कारण यूट्रस में इंफेक्‍शन हो सकता है। इस यूट्रस के इंफेक्‍शन को एंडोमेट्राइटिस कहते हैं। इसके कारण भी वजाइना से असामान्य और बदबूदार व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है, जिसके साथ बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। यह सीरियस कंडीशन है, जिस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

रिटेन्ड प्लेसेंटा टिश्यू

कभी-कभी, डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा का छोटा टुकड़ा यूट्रस के अंदर ही रह जाता है। इसे रिटेन्ड प्लेसेंटा टिश्यू कहते हैं। यह टुकड़ा इंफेक्‍शन का कारण बन सकता है और इससे लगातार या असामान्य रूप से बदबूदार व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है, जिसके साथ पेट में दर्द और हैवी ब्‍लीडिंग भी हो सकती है।

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वजाइना में घाव या टांके का इंफेक्‍शन

यदि डिलीवरी के दौरान वजाइना में कोई चीरा या कोई घाव हुआ हो, तो उस जगह इंफेक्‍शन हो सकता है। इससे भी असामान्य और बदबूदार व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है। साथ ही, दर्द, रेडनेस और सूजन जैसी समस्‍याएं भी हो सकती हैं।

अगर आपको इसमें से कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो आप तुरंत गायनोकॉलोजिस्ट से सलाह ले सकती हैं। इसके अलावा, हाइजीन का ध्‍यान रखें और ढीले कॉटन के कपड़े पहनें।

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Image Credit: Freepik & Shutterstock

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