क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका घुटना अचानक मुड़ा का मुड़ा रह गया हो और उसे सीधा करने के लिए आपको झटका देना पड़ा हो या किसी की मदद लेनी पड़ी हो? इस कंडीशन को मेडिकल भाषा में 'घुटने का लॉक होना' कहते हैं। अक्सर लोग घुटनों से आने वाली आवाज या हल्के दर्द को भी लॉकिंग समझ लेते हैं, लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि यह सही नहीं है। आइए, इस गंभीर समस्या को और विस्तार से समझते हैं। इसके बारे में हमें ऑर्थो, झांब मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर जय आदित्य झांब (MS) बता रहे हैं।
डॉक्टर का कहना है, "जब हम कहते हैं कि घुटना लॉक हो गया, तब सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि 'घुटना लॉक होने' का असली मतलब क्या है। हम अक्सर ऐसे कई मरीज देखते हैं जो कहते हैं कि 'सर, हमारा घुटना लॉक हो गया है'। लेकिन, वह किसी तरह की आवाज या हल्के दर्द या असुविधा को 'लॉकिंग' समझ लेते हैं। असल में घुटना लॉक होने का मतलब यह होता है कि आपका घुटना मुड़ा का मुड़ा रह गया है और उसे सीधा करने के लिए आपको या तो हाथ से बल लगाना पड़ रहा है या फिर कोई झटका देना पड़ रहा है या किसी दूसरे व्यक्ति की मदद से उसे सीधा करना पड़ रहा है। इस कंडीशन को मेडिकली 'लॉकिंग' कहते हैं।"
घुटने लॉक होने के कारण
डॉक्टर समझाते हैं कि घुटने लॉक होने का सबसे आम कारण 'मैकेनिकल ऑब्स्ट्रक्शन' होता है। इसका मतलब है कि घुटने के जोड़ के अंदर कोई बाहरी या ढीली चीज फंस जाती है, जिससे घुटने की नॉर्मल स्पीड रुक जाती है।
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अब सवाल यह है कि यह 'लूज बॉडी' या ढीली चीज आती कहां से है?
यह लूज बॉडी आमतौर पर हमारे घुटने के जोड़ के अंदर मौजूद सॉफ्ट टिश्यूज या हड्डियों के छोटे टुकड़ों से बनती है।
मेनिस्कस का टूटना
घुटनों में मौजूद 'मेनिस्कस' होता है, जो वॉशर या कुशन की तरह काम करता है। यह घुटने के जोड़ को स्थिरता देता है और झटकों को सहने में मदद करता है। जब किसी युवा का खेलकूद के दौरान या किसी चोट के कारण घुटने में मेनिस्कस को फट जाता है, तो इसका टूटा हुआ हिस्सा जोड़ के बीच में फंस सकता है। यह युवाओं में घुटने के लॉक होने का आम कारण है।
कार्टिलेज का टुकड़ा या अन्य ढीली वस्तु
जब लोग बढ़ती उम्र में घुटने में घिसाव का अनुभव करते हैं, तब घुटने के कार्टिलेज घिसने लगते हैं। इस घिसाव के कारण कार्टिलेज के छोटे-छोटे टुकड़े टूटकर घुटने के जोड़ के अंदर तैरने लगते हैं। ये छोटे टुकड़े या कोई और ढीली वस्तु जो घिसाव से जोड़ में आ जाती है, वह भी घुटने को लॉक कर सकती है।
लिगामेंट टियर
कई बार घुटने में लिगामेंट के फटने से घुटना लचकने लगता है, जैसे एसीएल टियर (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) में घुटना अपनी जगह से थोड़ा हिल सकता है और यह भी मरीज को लॉकिंग जैसी कंडीशन दे सकता है, भले ही कोई चीज फंसी न हो। यह 'स्यूडो-लॉकिंग' हो सकती है। एसीएल आपके घुटने के अंदर मौजूद एक ऐसा लिगामेंट है, जो आपकी जांघ की हड्डी को पिंडली की हड्डी से जोड़ता है और आपके घुटने को स्थिर रखता है।
डॉक्टर यह बात दोहराते हैं कि "घुटने के लॉक होने का मुख्य कारण मैकेनिकल ऑब्स्ट्रक्शन ही होता है, यानी कोई ऐसी ढीली चीज जो जोड़ के बीच में फंस रही हो और उसकी नॉर्मल स्पीड को रोक रही हो।
यदि आप घुटने के लॉक होने की समस्या का अनुभव करते हैं, तो तुरंत ऑर्थोपेडिक सर्जन के पास जाएं, ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी बड़ी समस्या से बचा जा सके।
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