महिलाओं में क्यों ज्यादा होता है लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा?

लिवर से जुड़ी बीमारियों पर कई चीजों का असर पड़ता है, जिनमें लाइफस्टाइल, अनुवांशिक कारण, नींद और तनाव भी शामिल है। लेकिन लिवर से जुड़ी कुछ बीमारियों का महिलाओं को अधिक खतरा रहता है।

what causes liver issues in women

लिवर से जुड़ी बीमारियां आजकल काफी बढ़ गई हैं। गलत खान-पान, अनियमित जीवनशैली, तनाव, अनुवांशिक कारण, अल्कोहल का सेवन वगरैह लिवर की बीमारियों के पीछे के कारण हैं। आपको बता दें कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में लिवर डिजीज का अधिक खतरा रहता है। महिलाओं में ऑटो-इम्यून डिजीज लिवर इंफ्लेमेशन और हेपेटाइटिस होनी की अधिक संभावना रहती है। ऐसे कई और भी कारण हैं जिनके चलते महिलाओं को लिवर से जुड़ी बीमारियों का अधिक खतरा रहता है, इनके बारे में जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर अंकुर गर्ग, एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट, एचबीपी सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल दे रहे हैं।

फैटी लिवर डिजीज

common liver diseases in females

हालांकि महिलाओं में नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा कम होता है लेकिन अगर वे इसकी शिकार हो जाती हैं, तो इसके गंभीर रूप या लिवर फाइब्रोसिस होने के चांसेज उनमें पुरुषों के मुकाबले अधिक होते हैं। मोटापा, लाइफस्टाइल और इस कंडीशन को गंभीरता से न लेना, उनकी सेहत पर और अधिक असर डाल सकता है। वैसे, पुरुषों में भी इसका खतरा कम नही हैं। इसके पीछे मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी कई वजहे हो सकती हैं। बात अगर, अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की करें, तो इसका खतरा पुरुषों में अधिक होता है लेकिन अल्कोहल मेटाबॉलिज्म और बॉडी कम्पोजिशन में अंतर के कारण महिलाएं इसका अधिक शिकार हो सकती हैं।

ऑटोइम्यून और वायरल हेपेटाइटिस

महिलाओं में ऑटोइम्यून और वायरल हेपेटाइटिस का खतरा भी अधिक रहता है। ऑटोइम्यून हेपिटाइटिस एक क्रॉनिक कंडीशन है जिसमें हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम गलती से लिवर सेल्स पर अटैक करता है और इसकी वजह से इंफ्लेमेशन और लिवर डैमेज हो सकता है। वहीं, हेपेटाइटिस वायरस (हेपेटाइटिस ए, बी, सी और डी) लिवर इंफ्लेमेशन और लिवर से जुड़ी बीमारियों की वजह बन सकता है। जहां ये वायरस सभी को महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकता है। वहीं, कुछ स्टडीज इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि हेपेटाइटिस ई का खतरा महिलाओं में अधिक होता है।

दवाईयों का लिवर पर प्रभाव

कई दवाईयां और टॉक्सिन्स लिवर डैमेज का कारण बन सकते हैं। महिलाएं, हार्मोनल इंबैलेंस के कारण इसका अधिक शिकार हो सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां भी लिवर फंक्शन पर असर डाल सकती है। वहीं, कुछ और दवाईयों के कारण भी लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

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प्रेग्नेंसी से जुड़ी लिवर कंडीशन्स

non alcoholic fatty liver disease

कई लिवर कंडीशन्स जैसे कि 'इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस ऑफ प्रेग्नेंसी' (आईसीपी) और 'एचईएलपी सिंड्रोम' महिलाओं को प्रेग्नेंसी (प्रेग्नेंसी में डायबिटीज) के दौरान परेशान कर सकती हैं। इन कंडीशन्स से लिवर डैमेज हो सकता है और इनमें तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसके अलावा 'विल्सन डिजीज' और 'प्राइमरी बिलियरी सिरोसिस' जैसी कई डिजीज का भी महिलाओं में अधिक खतरा रहता है।

लिवर डिजीज से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव

लिवर डिजीज से बचने के लिए डाइट, एक्सरसाइज, पूरी नींद बहुत जरूरी है। फैटी लिवर के लक्षणों को गंभीर रूप लेने में अधिक समय नहीं लगता है। ऐसे में डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखें। डाइट में फाइबर और प्रोटीन शामिल करें। हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें। स्ट्रेस लेवल को मैनेज करें। महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसा न करें।यह भी पढ़ें- फैटी लिवर की परेशानी हो सकती है दूर, डाइट और लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

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Image Credit:Freepik

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FAQ

  • फैटी लिवर में किस तरह की डाइट लेनी चाहिए?

    आपको अनहेल्दी फैट्स और तली-भुनी चीजों से दूर रहना चाहिए। फाइबर रिच फूड्स को डाइट में शामिल करें।
  • क्या स्ट्रेस का लिवर हेल्थ पर असर होता है?

    हां, स्ट्रेस से लिवर से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।