जब सोने की बात आती है, तो गद्दा और तकिया को हमारे सोने के आराम का एक अहम हिस्सा माना जाता है। कुछ लोगों को तो बिना तकिया के नींद ही नहीं आती है। हम, आप... दुनिया के किसी भी इंसान के बेडरूम में आपको तकिया जरूर दिखाई देगा। लेकिन क्या आपको पता है कि हर किसी के लिए तकिया लगाना फायदेमंद नहीं होता है।
कुछ लोगों को तकिया लगाने से गर्दन, पीठ और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आईए जानते हैं इस आर्टिकल में कि किन परिस्थितियों में तकिया का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। इस बारे में जानकारी लेने के लिए हमने Dr Lakshya Bhaktyani, Physiotherapy, Psrihospital से बातचीत की
किन लोगों को तकिया लगाकर नहीं सोना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक जिन लोगों को गर्दन में अकड़न सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या पुराने समय से गर्दनका दर्द है। उन्हें बहुत मोटे या ऊंचे तकिया से परहेज करना चाहिए। ऊंचा तकिया गर्दन को गलत पोस्चर में मोड़ देता है, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है और दर्द बढ़ सकता है। ऐसे लोगों को तो डॉक्टर बीना तक किया लगाकर सोने की सलाह देते हैं।
वहीं, जो लोग पीठ के बाल सोते हैं, उन्हें भी ऊंचा तकिया नहीं लगना चाहिए क्योंकि इससे सिर और गर्दन आगे की ओर झुकते हैं, जो रीढ़ की सीध पर असर डाल सकता है। इस स्थिति में कम ऊंचाई वाला या ऑर्थोपेडिक सपोर्ट वाला तकिया बेहतर होता है।
चेहरे के बल सोने वाले लोगों को तकियों का उपयोग कम से कम करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्दनबहुत ज्यादा मुड़ जाती है, जिससे गर्दन और कंधों में खिंचाव और दर्द हो सकता है।
वहीं जिन लोगों को एलर्जी या सांस की तकलीफ है, उन्हें पुराने या धूल भर तकियों से बचना चाहिए। इसमें मौजूद धूल कण और बैक्टीरिया सांस संबंधी दिक्कतों को ट्रिगर कर सकते हैं।
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एक्सपर्ट बताते हैं कि तकियों का चुनाव व्यक्ति की सोने की स्थिति, शरीर की बनावट और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार होना चाहिए। तकिए का उद्देश्य आराम देना है ना की परेशानी बढ़ाना।
अगर आपको लगता है की तकिया लगाने से आपका दर्द बढ़ रहा है, तो आप डॉक्टर से संपर्क करके ऑर्थोपेडिक या मेमोरी फोन तकिया उपयोग कर सकते हैं, जिससे नींद भी अच्छी हो और स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे।
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Image Credit:Freepik, shutterstocks
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