हमारी मेंस्ट्रुअल साइकिल का सही होना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह हमारी हेल्थ को प्रभावित करती है। पीरियड्स कब हुए, ओव्युलेशन का सही समय और पीरियड्स के दौरान निकलने वाले खून का रंग और फ्रीक्वेंसी एक महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताती है। यही कारण है कि हमें इन चीजों का ध्यान देना चाहिए और क्या सही है और क्या नहीं, इसकी जानकारी होनी चाहिए। इसी तरह आपको पता होना चाहिए कि मेंस्ट्रुअल साइकिल की सही लेंथ क्या होनी चाहिए।
फंक्शनल हार्मोनल हेल्थ केयर एक्सपर्ट न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करती रहती हैं। पिछले दिनों अपने कुछ पोस्ट के जरिए उन्होंने मेंस्ट्रुअल साइकिल की लेंथ और कलर पर बात करते हुए कुछ रोचक बातें बताईं। चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से हम मेंस्ट्रुअल साइकिल के बारे में जानें।
आपको हेल्दी पीरियड्स हो रहे हैं या नहीं यह जानना जरूरी है। हमारा शरीर 4 अलग-अलग साइकिल फेज से गुजरता है। इन फेज में हमारा शरीर और हार्मोन कैसे काम करते हैं, चलिए जानें-
यह पीरियड का पहला दिन होता है और यह आमतौर पर 2-7 दिन से लेकर 4-5 दिनों तक चलता है। इस दौरान फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लो होते हैं, जिसके कारण पीरियड्स होते हैं। ऐसे में एनर्जी कम रहना, मूड स्विंग्स, भूख बढ़ना और क्रेविंग्स होती हैं।
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मेंस्ट्रुअल फेज इसका पार्ट है। जब पीरियड्स खत्म होते हैं, तो ओवरीज ओव्युलेशन के लिए एग्स बनाना शुरू करती है। पीरियड्स के बाद एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने हैं और इस फेज के अंत तक काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस दौरान फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन भी बढ़ते हैं जो ओवरी को मैच्योर होने में मदद करते हैं। यह फेज 11 दिन तक रहता है और इस दौरान मूड अच्छा रहता है। एनर्जी भी बढ़ी है।
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इस दौरान एस्ट्रोजन लेवल का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे ओव्युलेशन में मदद मिलती है। इसके कारण लुटेनाइजिंग हार्मोन भी बढ़ता है जो फॉलिकल को एग रिलीज करने में मदद करता है। यह फेज 12-17 दिनों तक रहता है और इस दौरान आपकी एनर्जी का लेवल भी दुरुस्त रहता है। इस समय शरीर में स्ट्रेस लेने की क्षमता अच्छी होती है।
इस फेज में आपके प्रोजेस्टेरोन लेवल बढ़ता है और एस्ट्रोजन धीरे-धीरे कम होता है। यह यूट्रस लाइनिंग को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करता है। अगर एग फर्टिलाइज नहीं होते हैं तो इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल में गिरावट आती है, जिसके कारण आपकी अगली साइकिल शुरू होती है। यह फेज 12-16 दिन तक चलता है।
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अगर आप किसी तरह का बर्थ कंट्रोल का सेवन या इस्तेमाल नहीं कर रही हैं तो पीरियड लेंथ आमतौर पर 7 दिनों तक रहती है। हालांकि कई कारणों से यह घटती और बढ़ती भी है।
न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता के मुताबिक, सही साइकिल लेंथ 25-35 दिन तक होनी चाहिए। ये आपकी साइकिल के शुरू होने के पहले दिन से अगली साइकिल के पहले दिन तक के नंबर्स हैं। अगर साइकिल की लेंथ ज्यादा छोटी या फिर ज्यादा लंबी है, तो यह किसी समस्या की ओर इशारा करता है।
हमारी पीरियड की लेंथ उन दिनों के बराबर होती है जितने दिन तक हमारे पीरियड्स चले हैं। अगर पीरियड्स शुरू होने से पहले और खत्म होने के दौरान आपको स्पॉटिंग होती है, तो उसे मेंस्ट्रुअल साइकिल में गिना नहीं जा सकता है। ध्यान रखें कि यह 7 दिन से ज्यादा और 3 दिन से कम नहीं होनी चाहिए।
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मेंस्ट्रुअल साइकिल में गड़बड़ी कई वजहों से हो सकती है। इसके कुछ सामान्य कारण हैं-
अपनी लेंथ को सही रखने के लिए जरूरी है कि आप पोषणयुक्त भोजन का सेवन करें। इसी तरह मेंस्ट्रुअल शुरू होने के दौरान आयरन और विटामिन रिच फूड्स आहार में शामिल करें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और स्थिति गंभीर होने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हमें उम्मीद है कि मेंस्ट्रुअल साइकिल के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। हम इसी तरह रोचक लेख आपके लिए लाते रहेंगे, इसलिए आप भी जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
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