मातृत्व का अनुभव बेहद खास और अद्भुत होता है, लेकिन यह कई फिजिकल और इमोशनल बदलाव भी लेकर आता है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान ब्रेस्ट में दर्द, हार्मोनल बदलाव, मूड में उतार-चढ़ाव आदि जैसे लक्षण बेहद नॉर्मल हैं। इसलिए, यह जरूरी हो जाता है कि महिलाएं इस दौरान अपने शरीर को समझें और खुद को समय दें। जानकारी और सपोर्ट से इन बदलावों का सामना करना आसान हो सकता है।
कई महिलाओं में ब्रेस्ट में होने वाले बदलाव प्रेग्नेंसी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में बदलाव होता है, जिसका असर आपके शरीर पर पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट में किस तरह के बदलाव दिखाई देते हैं। इसके बारे में हमें वेल वूमेन क्लिनिक की डॉक्टर शीबा मित्तल बता रही हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''प्रेग्नेंसी में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं के ब्रेस्ट में कई बदलाव दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस दौरान शरीर होने वाले शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने की तैयारी कर रहा होता है।''
फैट टिशू और ब्लड फ्लो के बढ़ने से प्रेग्नेंसी के शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट का साइज बढ़ता है। यह मिल्क डक्ट्स और ब्रेस्ट ग्लैंड्स को तैयार करता है। कई महिलाओं को लगता हैं कि प्रेग्नेंसी के सिर्फ छह हफ्ते के अंदर उनके ब्रेस्ट का कप साइज बढ़ गया है।
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मोंटगोमरी ट्यूबरकल, निप्पल के आस-पास मौजूद छोटे-छोटे फैटी ग्लैंड्स हैं। ये एरिओला को नमीयुक्त रखते हैं और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल और एरिओला को नरम बनाते हैं। इन्हें मोंटगोमरी ग्लैंड्स भी कहते है। ये दर्द रहित होते हैं और इनसे कोई नुकसान नहीं होता है। इन ट्यूबरकल्स से निकलने वाले स्राव की गंध से नवजात शिशुओं को निप्पल पहचानने में मदद मिलती है।
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प्रेग्नेंसी के शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट में दर्द महसूस होना बेहद नॉर्मल है। यह आमतौर पर प्रेग्नेंसी के पहले चार हफ्तों में शुरू होता है और फर्स्ट ट्राइमेस्टर के खत्म होने पर कम हो जाता है।
प्रेग्नेंसी में निपल्स बड़े हो सकते हैं। उनका आकार भी बदल सकता है। साथ ही, इस दौरान निपल्स और एरिओला का कलर काफी डार्क हो सकता है। सेकंड और थर्ड ट्राइमेस्टर के दौरान एरिओला अक्सर बड़े और डार्क हो जाते हैं। आमतौर पर, ब्रेस्टफीडिंग के बाद एरिओला का कलर पहले जैसा हो जाता है, लेकिन कभी-कभी यह थोड़ा डार्क भी हो जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट से क्लियर या मिल्की डिस्चार्ज का अनुभव होता है। इसे कुछ लोग कोलोस्ट्रम के नाम से जानते हैं। यह आपके शरीर से उत्पन्न पहला मिल्क होता है। यह एक गाढ़ा, चिपचिपा, पीला या संतरी रंग का लिक्विड होता है, जो नवजात शिशुओं के लिए न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। ये मिल्क प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों और डिलीवरी के बाद कुछ दिनों तक आता है। प्रेग्नेंसी में निप्पल से डिस्चार्ज होना बेहद आम है।
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ये सभी बदलाव ब्रेस्टफीडिंग और नवजात की देखभाल के लिए शरीर में होते हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी में ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों को लेकर कोई चिंता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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