भारत में अब ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर बन गया है, जहां लगभग हर 28 में से 1 महिला को इसका खतरा है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR-भारत, 2024) के अनुसार, हर साल इसके मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपकी रोजाना की डाइट ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में जरूरी भूमिका निभाती है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इनके बारे में हमें गेट फिट विद लीमा की न्यूट्रिशनिस्ट, वेट लॉस स्पेशलिस्ट और फाउंडर लीमा महाजन बता रही हैं।
अनार एलागिटैनिन नाम के एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं और एस्ट्रोजन की ग्रोथ को कम करते हैं। बढ़ा हुआ एस्ट्रोजन ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य कारण है।
अनार का सेवन एस्ट्रोजन के लेवल को बैलेंस करता है। इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप रोजाना एक कप अनार के ताजे दाने जरूर खाएं।
ब्रोकली, फूलगोभी और पत्तागोभी जैसी सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। इनमें सल्फोराफेन नाम का खास पोषक तत्व पाया जाता है। यह लिवर की सफाई करता है और शरीर में बन रहे खराब एस्ट्रोजन को बाहर निकालता है, जब लिवर ठीक से काम करता है, तब शरीर में ट्यूमर या कैंसर बनने का खतरा भी कम हो जाता है।
अगर आप इन सब्जियों को हल्का उबालकर, स्टीम में पकाकर या सलाद के रूप में कच्चा खाएंगी, तो आपको इनका फायदा सबसे ज्यादा मिलेगा। इन्हें रोजाना डाइट में शामिल करने से शरीर साफ रहता है और इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।
आंवला और अमरूद दोनों ही विटामिन-C के बेहतरीन स्रोत हैं। विटामिन-C शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ता है, डीएनए को होने वाले नुकसान की मरम्मत करता है और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। ये सभी कैंसर से बचाव के लिए बेहद जरूरी है।
इन फलों में अन्य फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं, जो कैंसर की ग्रोथ को रोकने का जरूरी तरीका है।
सोया और दाल में आइसोफ्लेवोन्स नाम के प्लांट कंपाउंड होते हैं। ये कंपाउंड शरीर में नेचुरल एस्ट्रोजन की तरह हल्के और बैलेंस तरीके से काम करते हैं। इसका फायदा यह होता है कि शरीर में अचानक होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव को कंट्रोल करते हैं, जब हार्मोन संतुलित रहते हैं, तब उन असामान्य सेल्स की वृद्धि रुकती है, जो आगे चलकर ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
अगर आप अपनी डेली डाइट में टोफू, सोया मिल्क या दाल को शामिल करती हैं, तो यह शरीर को प्रोटीन और ऊर्जा देता है और हार्मोन को भी बैलेंस रखता है। इससे लंबे समय तक सेहत बनी रहती है और कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
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अलसी के बीज लिग्नान से भरपूर होते हैं, जो फाइटोएस्ट्रोजन के रूप में जाने जाते हैं। ये कंपाउंड शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल को बैलेंस करते हैं। ऐसा माना जाता है कि लिग्नान एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स से जुड़कर ब्रेस्ट कैंसर सेल्स की ग्रोथ को कम कर सकते हैं।
अलसी के बीजों को पीसकर खाना अच्छा रहता है, क्योंकि साबुत बीज ठीक से पच नहीं पाते हैं। इसे अपनी स्मूदी, दही या सलाद पर छिड़ककर आसानी से खाया जा सकता है।
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जैतून के तेल में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं, हेल्दी सेल्स की रक्षा करते हैं और ट्यूमर की ग्रोथ को धीमा करते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि जैतून का तेल विशेष रूप से HER2+ ब्रेस्ट कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने में मदद करता है। इसे खाना पकाने के लिए या सलाद पर डालकर इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है।
आप भी इन चीजों को डेली डाइट में शामिल करके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बच सकती हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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