पीरियड्स की शुरुआत से लेकर मेनोपॉज तक, पीरियड साइकिल में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का असर भी आपकी पीरियड साइकिल पर होता है। वहीं, मेनोपॉज से पहले यानी पेरिमेनोपॉज के वक्त भी पीरियड साइकिल और फ्लो में कई बदलाव नजर आते हैं। 40 की उम्र के आस-पास एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर, पीरियडस् पर होता है। इसकी वजह से पीरियड जिले हो सकते हैं, फ्लो कम हो सकता है और अचानक से पीरियड्स के दिन भी कम होने लगते हैं। अगर 40 की उम्र के बाद आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो यह पेरिमेनोपॉज का संकेत हो सकता है।
अगर आपको पीरियड में 1-2 दिन ही फ्लो आ रहा है, कभी-कभी पीरियड्स 10 दिन तक डिले हो जाते हैं, साथ ही मूड स्विंग्स, नींद से जुड़ी दिक्कतें और थकान आपको परेशान कर रही है, तो पेरिमेनोपॉज में साइकिल को मैनेज करने के लिए, डाइट और लाइफस्टाइल में ये बदलाव करें। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
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पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस समय पर अपना खास ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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