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40 की उम्र के बाद हर महीने 10 दिन डिले हो जाते हैं पीरियड्स और फ्लो भी हो गया है कम, डाइट और लाइफस्टाइल में करें ये 7 बदलाव

40 की उम्र के बाद महिलाओं की पीरियड साइकिल में कई बदलाव आते हैं। पीरियड्स का डिले होना या फ्लो का कम होना इन दिनों में काफी आम है। डाइट और लाइफस्टाइल में इन बदलावों के जरिए आप इस समय पर साइकिल को हेल्दी रख सकती हैं।    
Editorial
Updated:- 2025-10-02, 13:30 IST

पीरियड्स की शुरुआत से लेकर मेनोपॉज तक, पीरियड साइकिल में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का असर भी आपकी पीरियड साइकिल पर होता है। वहीं, मेनोपॉज से पहले यानी पेरिमेनोपॉज के वक्त भी पीरियड साइकिल और फ्लो में कई बदलाव नजर आते हैं। 40 की उम्र के आस-पास एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर, पीरियडस् पर होता है। इसकी वजह से पीरियड जिले हो सकते हैं, फ्लो कम हो सकता है और अचानक से पीरियड्स के दिन भी कम होने लगते हैं। अगर 40 की उम्र के बाद आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो यह पेरिमेनोपॉज का संकेत हो सकता है।

अगर आपको पीरियड में 1-2 दिन ही फ्लो आ रहा है, कभी-कभी पीरियड्स 10 दिन तक डिले हो जाते हैं, साथ ही मूड स्विंग्स, नींद से जुड़ी दिक्कतें और थकान आपको परेशान कर रही है, तो पेरिमेनोपॉज में साइकिल को मैनेज करने के लिए, डाइट और लाइफस्टाइल में ये बदलाव करें। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

पेरिमेनोपॉज में पीरियड साइकिल को मैनेज करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

  • डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी चीजों को शामिल करें। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन, हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकता है। हल्दी, अदरक, मेथी दाना और हरी पत्तेदार सब्जियों को डाइट का हिस्सा बनाएं।
  • हर मील में प्रोटीन को जरूर शामिल करें। प्रोटीन से ब्लड शुगर लेवल स्थिर होता है और हार्मोन प्रोडक्शन बेहतर होता है। पनीर, सत्तू, दाल और बेसन को डाइट में शामिल करें।

 

 

 

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  • रिफाइंड शुगर और सफेद कार्ब्स को कम खाएं। शुगर वाले स्नैक्स और व्हाइट ब्रेड, इंसुलिन स्पाइक का कारण बनती है और हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव पर असर डालती हैं। मिलेट्स, गुड़ और साबुन अनाज को डाइट का हिस्सा बनाएं।
  • थायराइड जरूर चेक करवाएं। हाइपोथायराइड के कारण पीरियड्स डिले हो सकते हैं या कम दिनों के लिए आते हैं। इसलिए, थायराइड की जांच जरूर करवाएं।

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  • डाइट में हेल्दी फैट्स को शामिल करें। चिया सीड्स, अखरोट और घर का बना घी, हेल्दी फैट्स का अच्छा सोर्स होते हैं।
  • बहुत अधिक वर्कआउट न करें। इससे कोर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है और ओव्युलेशन पर असर होता है। इसकी जगह वॉकिंग, योगा और स्ट्रेचिंग करें।
  • अल्कोहल और कैफीन कम से कम लें। ये दोनों चीजें शरीर में एस्ट्रोजन को बढ़ा सकती हैं और मैग्नीशियम को कम कर सकती हैं। इसकी जगह हर्बल टी या जीरा और अजवाइन का पानी पिएं।

 

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पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस समय पर अपना खास ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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