महिलाओं में आयरन की समस्या बहुत आम है। ज्यादातर महिलाएं जो इस समस्या का शिकार है, वे खुद भी इस बात से अनजान है। आयरन की कमी होने पर महिलाओं में कई लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें वे अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं। हमेशा थकान महसूस होना, कमजोरी लगना, ठंड लगना, त्वचा का पीला पड़ना, हाथ-पैर ठंडे रहना, सिर में दर्द रहना, दिल की धड़कन का अनियमित होना, ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होना और सांस लेने में तकलीफ होना आयरन की कमी के लक्षण हैं। हमारे शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए हीमोग्लोबिन की जरूरत होती है। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होगी तो हमारी कोशिकाएं और मांसपेशियां सही ढंग से काम नहीं कर पाएंगी क्योंकि उन्हें सही तरीके से काम करने के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाएगी।
शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है। ऐसे में आयरन का लेवल सही होना बहुत जरूरी है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में आयरन की कमी ज्यादा देखने को मिलती है। यूं तो आयरन की कमी महिलाओं में कभी भी हो सकती है लेकिन कुछ स्थितियों में यह ज्यादा हो सकती है। इनके बारे में डाइटीशियन राधिका गोयल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए जानकारी शेयर की है।
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान आयरन की कमी या एनीमिया की समस्या हो सकती है। ऐसा पीरियड्स के दिनों में होने वाली हैवी ब्लीडिंग की वजह से हो सकता है क्योंकि आपका शरीर जितनी रेड ब्लड सेल्स का निर्माण कर रहा होता है उससे ज्यादा खून इस दौरान आपके शरीर से जा रहा होता है। ऐसे में पीरियड्स के दिनों में अपनी डाइट का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
कुछ महिलाओं में बचपन से ही आयरन की कमी हो जाती है। बचपन में कई बार बच्चे ठीक से खाते-पीते नहीं है। सही न्यूट्रिशन के शरीर में न पहुंचने के चलते यह समस्या हो सकती है। आयरन लेवल को चेक करवाते रहना जरूरी है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान भी कई बार महिलाएं इस समस्या से दो-चार होती हैं। इन दिनों में कई बार खाने का मन नहीं करता है, उल्टी की समस्या होती है या फिर हार्मोन्स से जुड़े भी कई बदलाव होते हैं। जिसके चलते आयरन की कमी की समस्या हो सकती है। हालांकि इन दिनों में खून की कमी होने को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे मां और होने वाले बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर हो सकता है।
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Image Credit:Freepik
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