मानसून में बड़ों को ही नहीं, बच्चों को भी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) सताता है। इस मौसम में नमी, गीले कपड़े और साफ-सफाई की कमी से इसका समस्या का खतरा बढ़ जाता है। UTIs की समस्या किसी भी उम्र के बच्चों को हो सकती है, लेकिन ये लड़कियों और उन बच्चों में ज्यादा होती हैं, जिन्होंने अभी तक पॉटी ट्रेनिंग शुरू नहीं की है। ऐसे बच्चों को हाइजीन बनाए रखने में ज्यादा मदद की जरूरत होती है। इस आर्टिकल से नारायणा हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, मुंबई की कंसल्टेंट पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी डॉक्टर निशा कृष्णमूर्ति बता रही हैं कि छोटे बच्चों को मानसून में UTIs की समस्या ज्यादा क्यों होती हैं, साथ ही इसके लक्षण और बचाव के उपाय क्या हैं?
बच्चों को UTIs क्यों होते हैं?
UTIs बैक्टीरिया के कारण होते हैं। ये बैक्टीरिया यूरिन मार्ग के अंदर जाकर यूरिनरी ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं और कभी-कभी किडनी तक भी जा सकते हैं। जब इंफेक्शन ज्यादा होता है, तब बैक्टीरिया किडनी से ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में इंफेक्शन फैला सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, कई बार कब्ज या पेट की दिक्कतों के कारण भी बच्चों को UTIs की समस्या हो सकती हैं।
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बच्चों मेंUTIs के लक्षण क्या हैं?
बच्चों में किसी भी उम्र में यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। बच्चा जितना छोटा होता है, उतनी ही ज्यादा समस्याएं होने का खतरा रहता है।
- तेज बुखार और उल्टी इसके कुछ आम लक्षण हैं। अगर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में एक बार भी UTI होता है, तो इसका मतलब शरीर में कोई अंदरूनी गड़बड़ी हो सकती है। ऐसे बच्चों में यूरिनरी सिस्टम की बनावट में कुछ कमी हो सकती है, जिससे उन्हें बार-बार यूरिन इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
- शिशुओं और छोटे बच्चों में यूटीआई होने पर वह दूध पीने में अनाकानी कर सकते हैं, ज्यादा चिड़चिड़े हो सकते हैं या बच्चों को बुखार या उल्टी हो सकती है।
- बड़े बच्चों में समस्या होने पर उन्हें बार-बार पेशाब आ सकता है, पेशाब करते समय दर्द या जलन हो सकती है, ब्लैडर के पास दर्द और बार-बार पेशाब करने की इच्छा महसूस हो सकती है।
UTIs से परेशान बच्चों की देखभाल कैसे करें?
- यूरिन इंफेक्शन से परेशान शिशुओं में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए डायपर बार-बार बदलें।
- हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें। यूरिन और पॉटी के लिए अलग-अलग वाइप्स का इस्तेमाल करें।
- अगर दो या तीन साल के बच्चों के लिए डायपर और वाइप्स का इस्तेमाल कर रही हैं, तो ऊपर बताई गई सलाह मानें।
- बच्चों की पॉटी ट्रेनिंग जल्दी देना शुरू करें।
- चार साल से ऊपर के बच्चों को यूटीआई से बचाने के लिए ज्यादा पानी या लिक्विड पीने के लिए कहें।
- बच्चों को नियमित समय पर पेशाब करना चाहिए और उसे देर तक नहीं रोकना चाहिए। कब्ज से बचने के लिए फाइबर वाला हेल्दी खाना खाने को कहें।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर आपके बच्चे या शिशु में 24 घंटे से ज्यादा समय तक लगातार बुखार, पेशाब करते समय दर्द, उल्टी या खाने से मना करना और पेशाब में जलन की शिकायत जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
अगर ये लक्षण बार-बार आते रहते हैं, तो यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है। सही समय पर पता चलने और इलाज से बड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है। इस बरसात के मौसम में अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखें और उन्हें UTI जैसे इंफेक्शन से सुरक्षित रखें।
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Image Credit: Shutterstock & Freepik
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