यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जिसे यूटीआई भी कहते हैं, महिलाओं को होने वाली एक ऐसी समस्या है जिससे पेट और पेल्विस में दर्द रहता है। इस इंफेक्शन के चलते बार-बार पेशाब जाने का मन करता है और पेशाब करते वक्त जलन और इरिटेशन होती है। यह इंफेक्शन तब होता है जब बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश करते हैं, ई कोलाई (E. Coli) यह इंफेक्शन पैदा करने वाला आम बैक्टीरिया है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 50% महिलाएं अपने जीवनकाल में इस इंफेक्शन से प्रभावित होती हैं। यूटीआई महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले क्लीनिकल बैक्टीरियल इंफेक्शन में से एक है, जो सभी संक्रमणों का लगभग 25% है।
यूरिनरी सिस्टम में आपके गुर्दे, यूरेट्रस, ब्लैडर और यूरेथ्रा शामिल होता है। अधिकांश संक्रमणों में लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट, ब्लैडर और यूरेथ्रा प्रभावित होते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है। यदि संक्रमण ब्लैडर तक सीमित है, तो यह दर्दनाक हो सकता है।
अगर यूटीआई किडनी तक फैल जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अब सवाल है कि आखिर ये किन कारणों से हो सकता है और क्या इसका कोई ट्रीटमेंट है?
दिल्ली के वंसुधरा एन्क्लेव में स्थित वार्शनेय क्लीनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुर वार्षणेय कहती हैं, "यह आपके ब्लैडर से लेकर गुर्दे तक यूरिनरी ट्रैक्ट में बढ़ने वाले खराब बैक्टीरिया के कारण होता है। यदि आप लंबे समय तक पेशाब रोकती हैं, तो उसके कारण यह इंफेक्शन हो सकता है। इसके अन्य कई कारण हैं, लेकिन सही समय पर इलाज और देखभाल आपको इस समस्या से राहत दिला सकती है।" यूटीआई होने के और क्या कारण हो सकते हैं और इसे ट्रीट करने का तरीका आइए डॉक्टर से ही जान लें।
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हार्मोन में बदलाव आने से लेकर महिला के रिप्रोडक्शन साइकिल के अलग-अलग फेज तक, ऐसे कई कारण होते हैं जिनकी वजह से पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूटीआई ज्यादा होता है। आइए उन कारणों के बारे में जानें-
महिलाओं की शारीरिक रचना के कारण भी उन्हें सेक्स के बाद यूटीआई होने का खतरा रहता है। यौन संपर्क से वेजाइना के पास बैक्टीरिया यूरेथ्रा में प्रवेश कर सकते हैं।
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गर्भनिरोधक दवाइयों का उपयोग करने से भी बार-बार यूटीआई हो सकता है। स्पर्मिसाइड्स से वेजाइना में जलन हो सकती है जो बैक्टीरिया के पनपने के लिए वातावरण बना सकती है।
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है और एस्ट्रोजन का स्तर गिरता जाता है, आपके वेजाइना के टिश्यू पतले हो जाते हैं। इससे संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है। यही कारण है कि मेनोपॉज (मेनोपॉज के लक्षणों का ट्रीटमेंट) में भी यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भवती महिलाओं को भी यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है। गंभीर संक्रमण आपके और आपके बच्चे के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। यदि आपको लगता है कि आपको यूटीआई है तो तुरंत अपने गायनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करें।
यूरेथ्रा के जरिए यूरिन शरीर से बाहर निकलती है। इसके साथ ही, इसी मार्ग से बैक्टीरिया आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन करता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूरेथ्रा की लेंथ बहुत छोटी होती है।
डॉ. मधुर वार्षणेय कहती हैं कि हाईजीन को अच्छा रखना बहुत जरूरी है। इसके अलावा खूब पानी पिएं ताकि आपको बार-बार पेशाब आए और बैक्टीरिया बाहर निकलते रहें। जब आपको बाथरूम जाने की आवश्यकता महसूस हो तो अपने ब्लैडर को पूरी तरह खाली करें। इसके अलावा इन तीन चीजों का सेवन करें-
अपने आहार में दही जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें। प्रोबायोटिक्स (क्या है प्रोबायोटिक्स) गट में लाभकारी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, जो ट्रैक्ट में एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ, जैसे केफिर और किमची आदि प्रोबायोटिक्स से अच्छे स्रोत हैं और इसके अलावा गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां भी आपके लिए फायदेमंद होंगी।
चावल का पानी भी यूटीआई की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, यह एसिडिटी और मेंसेस की ऐंठन को भी कम कर सकता है। राइस वॉटर में प्राकृतिक सूदिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो यूटीआई में होने वाली जलन और इरिटेशन से राहत दिला सकती है।
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यूटीआई के कारण पेशाब करने में दर्द होता है, लेकिन आपको फिर भी अच्छी मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे आप बार-बार पेशाब जाएंगे और बैक्टीरिया जल्दी ही यूरिन से बाहर निकलेगा। आपका दर्द और परेशानी भी कम होगी। इसलिए, अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने पर ध्यान दें। अगर आपको यूटीआई की समस्या गंभीर नहीं है, तो आप एक-दो दिन में ही ठीक हो सकती हैं।
अगर आपको इंफेक्शन जल्दी होता है, तो फिर अच्छी हाईजीन पर ध्यान दें और इस दौरान मिर्च-मसाला या तीखा, ऑयली फूड और एल्कोहल के सेवन से बचें। यूटीआई की समस्या गंभीर न हो, इसके लिए अपनी डॉक्टर से संपर्क करें।
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