सफेद चमकते हुए दांत हर किसी को आकर्षित करते हैं और हर महिला की चाहत होती है कि उसकी स्माइल दिखे बेस्ट। लेकिन जब बात दांतों की देखभाल की आती है तो ज्यादातर महिलाएं सिर्फ एक टाइम ब्रशिंग से ही संतुष्ट हो जाती हैं। कुछ पॉपुलर टूथपेस्ट, जिनका विज्ञापन अक्सर देखने को मिलता है, से ब्रश करने के बाद बहुत सी महिलाएं को लगता है कि अब उन्हें डेंटल केयर के लिए कुछ और करने की जरूरत ही नहीं है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचती हैं तो जरा संभल जाइए। एक ताजातरीन अध्ययन में यह बात कही गई है कि सिर्फ टूथपेस्ट करने से दांतों की सुरक्षा संभव नहीं है। अध्ययन में पाया गया कि कोलगेट और सेंसोडाइन जैसे जाने-माने ब्रांड भी tooth enamel (दांत की ऊपरी परत) को होने वाले नुकसान को रोकने में नाकाम रहे। शोधकर्ताओं का कहना था कि ब्रशिंग के साथ अच्छा लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है। इन शोधकर्ताओं का मानना है कि टूथपेस्ट का इस्तेमाल oral-care regime का एक हिस्सा होना चाहिए और इसके साथ डॉक्टरी सलाह और अच्छी जीवनशैली अपनाना भी अहम है।
किन वजहों से झड़ती है दांतों की ऊपरी परत?
दांतों की ऊपरी परत एसिड के असर से झड़ जाती है, जिसकी अहम वजहें होती हैं गलत ब्रशिंग, जीभ के मूवमेंट्स। जब दांत झड़ने की प्रक्रिया इसी तरह जारी रहती है तो इस कारण दांत में कैविटी हो जाती है। यही कैविटी बढ़ जाने पर दांतों में सेंस्टिविटी बढ़ जाती है और कई बार दांत में तेज दर्द और झनझनाहट भी महसूस होती है। शोधकर्ताओं ने प्रोसेस्ड फूड और ड्रिंक्स के ज्यादा इस्तेमाल को भी नुकसानदेह बताया क्योंकि इनके कारण एसिडिटी बढ़ती है और दांतों की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है।

ज्यादा टूथपेस्ट का इस्तेमाल है नुकसानदेह
बहुत सी महिलाएं सोचती हैं कि ज्यादा टूथपेस्ट लगाकर ब्रश करने से उनके दांत ज्यादा चमकदार लगेंगे, लेकिन डेंटल एक्सपर्ट्स इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। बीडीएस, एमडीएस (एंडोडॉन्टिक्स) डॉ. श्रुति मलिक बताती हैं कि आजकल टूथपेस्ट में तरह-तरह के फ्लेवर और कलर्स के साथ abrasive elements भी होते हैं, जो दांतों की चमक छीन लेते हैं । हमारे दांत कैल्शियम और फॉसफेट के बने होते हैं। कुछ टूथपेस्ट्स, जिनमें casein phosphopeptide और trichelcianphosphate जैसे तत्व होते हैं, वे कैल्शियम और फॉसफेट जैसे तत्वों की कमी की कुछ हद तक भरपाई कर देते हैं, एेसे टूथपेस्ट दांतों की सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा बेहतर हैं। लेकिन प्राकृतिक रूप से दांत की परत का जितना नुकसान हो चुका होता है, उसे टूथपेस्ट के जरिए पूरी तरह वापस पाना नामुमिकन होता है।
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हार्ड ब्रशिंग हरगिज न करें
बहुत सी महिलाएं ब्रशिंग बहुत ज्यादा देर तक करती हैं या ब्रश करते हुए दांतों पर बहुत ज्यादा दबाव डालती हैं। इन स्थितियों में दांत की ऊपरी परत को बहुत नुकसान पहुंचता है, जिससे केविटी होने, सेंस्टिविटी बढ़ने और बाद में रूट कैनाल ( ऐसी स्थिति जिसमें दांत खराब हो जाने के कारण नर्व्स तक दर्द पहुंच जाता है) तक की नौबत आ जाती है। डॉक्टर श्रुति का सुझाव है कि दांतों को हल्के हाथों से ब्रश करना चाहिए और दो मिनट का समय इसके लिए पर्याप्त है।
दांतों की केयर है बहुत important
डॉ. श्रुति बताती हैं कि ओरल केयर आपकी सेहत की सुरक्षा के लिहाज से बहुत important हैं। ओरल और डेंटल हाईजीन से सांसों से आने वाली बदबू, दांतों में सड़न और मसूड़े की बीमारी, इन तीनों से सुरक्षा मिलती है और जब आप इन चीजों का ध्यान रखते हैं तो उसका असर आपकी overall health पर नजर आता है। complete oral care के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए मसलन रेगुलर ब्रशिंग के साथ माउथवॉश का इस्तेमाल करें। दांतों के बीच के ऐसे हिस्से, जहां ब्रशिंग से सफाई नहीं हो पाती, उनकी flossing (एक तरह के धागे से दांत के बीच सफाई) करें। साथ ही नियमित रूप से माउथवॉश का इस्तेमाल करें। इससे दांतों के बीच पैदा होने वाले बैक्टीरिया से बचाव होता है।