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क्या बच्चों को बोतल से दूध पिलाकर सुलाना दांतों के लिए खतरनाक है? पढ़ें एक्सपर्ट की राय

बच्चों को बोतल से दूध पिलाते हुए सुलाना कई माता-पिता की एक आम आदत बन गई है, खासकर रात के समय। ये उन्हें आराम से सुलाने का एक आसान तरीका लगता है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि ये मासूम सी आदत आपके बच्चे के दांतों के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है? अगर नहीं, तो आपको ये लेख जरूर पढ़ना चाह‍िए।
Editorial
Updated:- 2025-10-10, 17:13 IST

जन्‍म के समय बच्‍चे को स्‍तनपान कराने की सलाह दी जाती है, लेक‍िन जब बच्चे को बोतल का दूध देना शुरू क‍िया जाता है, तो कई माताएं उसे दूध का बोतल पकड़ा देती हैं। बच्‍चा उसे ल‍िए-ल‍िए ही सो जाता है, तो इससे ये मीठे तरल पदार्थ उसके दांतों पर चिपके रह जाते हैं। रात में, हमारे मुंह में लार (saliva) बहुत कम बनती है, जो आम तौर पर दांतों को साफ करने का काम करती है। इस कारण, दांतों पर चिपकी हुई चीनी मुंह के छोटे-छोटे बैक्टीरिया को तेजी से पनपने का मौका देती है। ये बैक्टीरिया इस चीनी को खाकर एक तरह का एस‍िड बनाते हैं।

ये एस‍िड धीरे-धीरे दांतों की बाहरी और मजबूत परत (Enamel) को गलाने लगता है। इसी गंभीर स्थिति को 'बेबी बॉटल टूथ डीके' या 'अर्ली चाइल्डहुड कैरिज' कहते हैं। ये सड़न, जो अक्सर सामने के ऊपरी दांतों को प्रभावित करती है, न केवल दर्दनाक होती है बल्कि भविष्य में दांतों की कई बड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है।

आज के समय में माता-पिता अपने छोटे बच्चों को रात में सुलाने के लिए अक्सर दूध की बोतल का सहारा लेते हैं, लेकिन ये आदत बच्चे के दांतों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इस पर डॉ. भूमिका मदान, सीनियर कंसल्टेंट एवं विभागाध्यक्ष, दंत विभाग, आकाश हेल्थकेयर ने व‍िस्‍तार से जानकारी दी है।

kids drinking milk while sleeping

क्या होता है नुकसान?

डॉक्‍टर भूमिका ने बताया क‍ि जब बच्चा दूध की बोतल लेकर सो जाता है, तो दूध या फॉर्मूला दूध में मौजूद शुगर दांतों पर लंबे समय तक चिपकी रहती है। रातभर लार भी कम बनता है। इससे ये शुगर दांतों के इनामेल को नुकसान पहुंचाकर कैविटी पैदा करती है। धीरे-धीरे दांतों का रंग पीला पड़ने लगता है। उनमें दर्द होना या टूटने जैसी द‍िक्‍कतें होती हैं।

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उन्‍होंने कहा क‍ि कई माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे के दूध के दांत तो वैसे भी गिरने हैं, इसलिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं, लेकिन ये गलतफहमी है। दूध के दांत ही आगे आने वाले दांतों की नींव होते हैं। अगर दूध के दांतों में संक्रमण या सड़न हो जाती है, तो ये नए दांतों को भी प्रभावित कर सकती है।

बोतल में दें स‍िर्फ पानी

बच्चे को बोतल से दूध देने के बाद उसके दांतों को साफ गीले कपड़े या मुलायम ब्रश से पोछना चाहिए। अगर बच्चे को सोते समय दूध पीने की आदत है, तो धीरे-धीरे उसे कम करना जरूरी है। डॉ. ने सभी माताओं को सलाह दी है क‍ि छह महीने के बाद बच्चे को सुलाने के लिए बोतल में सिर्फ पानी देना भी एक विकल्प हो सकता है।

kids drinking milk while sleeping (2)

क्या करें माता-पिता?

  • बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसके दांत और मसूड़ों को साफ करें।
  • शहद, मीठा सिरप या जूस बोतल में डालकर न दें।
  • रात में दूध पिलाने की आदत धीरे-धीरे छुड़ाएं।
  • एक साल के बाद बच्चे को कप या ग‍िलास से दूध पीने की आदत डालें।
  • छह महीने के बाद हर छह महीने में एक बार डेंटल चेकअप कराएं।

उन्‍होंने बताया क‍ि सही समय पर जागरूकता और छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर बच्चे को शुरुआती कैविटी से पूरी तरह बचाया जा सकता है। स्वस्थ दांत न केवल सुंदर मुस्कान देते हैं, बल्कि बच्चे की सेहत भी दुरुस्‍त रहती है।

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अगर आप भी अपने बच्चों को सोते समय दूध का बोतल पकड़ा देती हैं, तो आपको अभी ही ये आदत बदल लेनी चाह‍िए। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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