हड्डियां ही हमारे शरीर को एक स्ट्रक्चर प्रदान करती हैं। शरीर के अन्य हिस्सों की तरह ही हड्डियों का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। एक व्यक्ति के शरीर में करीबन 206 हड्डियां होती हैं। यह शरीर के कई अंगों की सुरक्षा करती हैं। मसलन, खोपड़ी दिमाग की रक्षा करती है, इसी तरह रिबकेज़ हार्ट और लंग्स को प्रोटेक्ट करता है। इसके अलावा, हड्डियां कैल्शियम और फास्फोरस जैसे आवश्यक मिनरल्स के भंडार के रूप में काम करती हैं। जब शरीर को अन्य कार्यों के लिए इन मिनरल्स की आवश्यकता होती है, तब यह हड्डियों में स्टोर इन मिनरल्स का उपयोग कर सकता है।
जब हड्डियां कमजोर होने लगती हैं तो इससे फै्रक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, अधिक उम्र में लोग ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत भी करते हैं। इससे बचने के लिए बोन हेल्थ का ख्याल रखना जरूरी होता है। हालांकि, बोन हेल्थ का ख्याल रखते हुए आपको कुछ मिथ्स को सच मानने से बचना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इन मिथ्स के बारे में-
मिथक 1- मजबूत हड्डियों के लिए दूध पीकर ही पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त किया जा सकता है।
सच्चाई- यह सच है कि दूध कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन यही एकमात्र तरीका नहीं है। आप कैल्शियम इनटेक के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, पनीर और बादाम आदि का सेवन भी कर सकते हैं। अगर इसके बाद भी आपको पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलता है तो आप डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
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मिथक 2- ऑस्टियोपोरोसिस केवल महिलाओं को ही होता है।
सच्चाई- यह सच है कि ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना महिलाओं को अधिक होती है। दरअसल, यह पोस्ट मेनोपॉज फेज़ से जुड़ा होता है, लेकिन पुरुषों में भी यह स्थिति विकसित हो सकती है। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, पुरुषों और महिलाओं दोनों की हड्डियों को नुकसान हो सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, व्यक्ति को उचित पोषण और व्यायाम दोनों का ख्याल रखने की जरूरत है।
मिथक 3- कैल्शियम सप्लीमेंट लेना हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
सच्चाई- बहुत से लोगों को कैल्शियम सप्लीमेंट की जरूरत महसूस हो सकती है। लेकिन हर किसी को खुद से ही कैल्शियम सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए। शरीर में कैल्शियम की अधिक मात्रा भी परेशानी का सबब बन सकती है। पर्याप्त विटामिन डी के बिना अत्यधिक कैल्शियम का सेवन गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है। इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
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मिथक 4- महिलाओं की पुरुषों की तरह मजबूत हड्डियां नहीं हो सकतीं।
सच्चाई- यह सच है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का बोन मास कम होता है। हालांकि, इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि महिलाओं की पुरुषों की तरह मजबूत हड्डियां नहीं हो सकती। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर महिलाएं भी अपनी बोन हेल्थ का ख्याल बेहद आसानी से रख सकती हैं। कैल्शियम और विटामिन डी के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में लेने के साथ-साथ वजन उठाने वाले व्यायाम और हार्मोनल संतुलन से महिलाएं पुरुषों की तरह अपनी हड्डियों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती हैं।
तो अब आप भी बोन हेल्थ से जुड़े इन मिथ्स को सच ना मानें और अपनी सेहत का अधिक बेहतर तरह से ख्याल रखें।
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