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क्या प्रेग्नेंसी में बढ़ सकती हैं दिल की बीमारियां? एक्सपर्ट से जानें

क्या प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में आने वाले बदलाव उनके दिल को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं? आइए, यहां जानते हैं इसपर एक्सपर्ट का क्या कहना है। 
Editorial
Updated:- 2024-08-23, 14:53 IST

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल और फिजिकल बदलाव आते हैं। पहले ट्राइमेस्टर में शरीर में ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे दिल पर सर्कुलेशन को लेकर दबाव पड़ जाता है। दिल पर दबाव पड़ने की वजह से कई बार धड़कनें भी तेज होने लगती हैं, यही वजह है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को अपना पूरा ध्यान रखना चाहिए।

प्रेग्नेंसी एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसमें हर महिला का शरीर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है। लेकिन कुछ समय से ऐसी धारणा बनती है जा रही है कि प्रेग्नेंसी के दौरान दिल की बीमारियां बढ़ जाती हैं। इसे लेकर हमने एक एक्सपर्ट से भी बात की है। डॉ. सुकीर्ति जैन ने बताया है कि प्रेग्नेंसी में दिल की बीमारियां बढ़ सकती हैं या नहीं। डॉ. सुकीर्ति जैन, क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई, वाशी में कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट हैं। 

प्रेग्नेंसी में क्या होते हैं दिल से जुड़े बदलाव?

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिसमें से दिल भी है। दिल को प्रेग्नेंसी में ज्यादा काम करना पड़ता है क्योंकि वह मां और बढ़ते बच्चे दोनों की डिमांड को पूरा करता है। इस दौरान ब्लड की मात्रा 30 से 50 पर्सेंट तक बढ़ जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में हार्ट रेट बढ़ जाती है। साथ ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और आखिरी समय में बढ़ने लग सकता है। यह बदलाव नॉर्मल और प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए जरूरी माने जाते हैं। इन्हें एक हेल्दी महिला बिना किसी परेशानी के एडॉप्ट कर लेती है। 

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क्या प्रेग्नेंसी में बढ़ सकती हैं दिल की बीमारियां?

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादातर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में दिल की बीमारी नहीं होती है। अगर महिला हेल्दी है और उसे पहले से कोई दिल की समस्या नहीं है तो उन्हें सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान दिल की बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ता है। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों की वजह से थोड़े समय के लिए परेशानी झेलनी पड़ सकती है। जिसमें दिल की धड़कनों का तेज होना, सांस लेने में परेशानी और थकान की समस्या हो सकती है। अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को यह लक्षण होते हैं तो इसका मतलब नहीं है कि उन्हें दिल से जुड़ी बीमारी हो गई है।

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, सिर्फ प्रेग्नेंसी दिल की बीमारियों की वजह नहीं बनती है, लेकिन यह छिपी हुई दिल से जुड़ी कंडिशन्स को सामने ला सकती है या फिर पहले से मौजूद किसी समस्या को खराब कर सकती है। वहीं कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी में दिल की बीमारी का खतरा उन्हें हो सकता है जिन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या जन्म से ही कोई हार्ट की बीमारी हो। 

प्रेग्नेंसी के दौरान कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है?

  • प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia): यह प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्या है, जो हाई ब्लड प्रेशर से पहचानी जा सकती है। यह बीमारी लिवर और किडनी जैसे अंगों को डैमेज कर सकती है। अगर इसे मैनेज नहीं किया गया तो यह गंभीर दिल से जुड़ी परेशानियां भी खड़ी कर सकती है। 

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  • पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी (Peripartum Cardiomyopathy): यह दुर्लभ लेकिन सीरियस कंडीशन है, जिसमें दिल कमजोर हो जाता है और प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों या डिलीवरी में बड़ा हो जाता है। जो बाद में दिल से जुड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है। 
  • गेस्टेशनल हाइपरटेंशन (Gestational Hypertension): प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर बाद की जिंदगी पर भी असर डालता है दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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किन्हें है ज्यादा खतरा?

  • प्रेग्नेंसी के पहले से ही जिन महिलाओं को दिल की बीमारी होती है उन्हें ज्यादा कॉम्पलिकेशन्स हो सकती हैं। ऐसे में इन महिलाओं का ज्यादा ख्याल रखने और लगातार मॉनिटर करने की जरूरत होती है। जिन महिलाओं को पहले से ही दिल से जुड़ी समस्याएं होते हैं, उन्हें डॉक्टर्स की स्पेशल टीम देखती है जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत का ध्यान रखा जा सके। 

 

  • डायबिटीज, हाइपरटेंशन और जिन महिलाओं का वेट बहुत ज्यादा होता है उनमें प्रेग्नेंसी के दौरान दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। 35 की उम्र के बाद मां बनने वालीं महिलाओं के लिए भी प्रेग्नेंसी में दिल की बीमारियों का खतरा बड़ जाता है। साथ ही प्रेग्नेंट महिला का लाइफस्टाइल भी दिल की बीमारी के होने पर निर्भर करता है। प्रेग्नेंसी में कम नींद लेना भी सेहत पर असर डाल सकता है। 

एक्सपर्ट के मुताबिक, सही मेडिकल केयर और मॉनिटरिंग के साथ दिल की बीमारी से जूझ रहीं महिलाओं की भी हेल्दी प्रेग्नेंसी हो सकती है। साथ ही किसी भी परेशानी से बचने के लिए रेगुलर पैरेंटल केयर की जरूरत होती है।  

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Image Credit: Freepik

 

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