
हमारे शरीर को काम करने में जिस तरह दिल, दिमाग, किडनी, लिवर और विटामिन्स-मिनरल्स अहम भूमिका निभाते हैं, उसी तरह आयारन (Iron) का भी बहुत बड़ा रोल होता है। ये हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व है। ये हीमोग्लोबिन बनाने, ऑक्सीजन पहुंचाने और एनर्जी प्रोड्यूस करने का काम करता है। आमतौर पर आपने देखा होगा कि लोग आयरन की कमी (Iron Deficiency) के बारे में ही बात करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी साेचा है कि आयरन का ओवरडोज भी हो सकता है?
डॉ. सुनील राणा (एसोसिएट डायरेक्टर एंड हेड- इंटरनल मेडिसिन- यूनिट III, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद) बताते हैं कि आयरन ओवरलोड होना भी उतना ही खतरनाक है। ये शरीर के कई अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। आइए जानते हैं-
डॉक्टर सुनील राणा ने बताया कि जब कोई व्यक्ति बिना किसी टेस्ट के Iron Supplement लेता है, बार-बार इंजेक्शन लेता है या किसी जेनेटिक बीमारी जैसे हेमोक्रोमैटोसिस से जूझ रहा होता है, तो शरीर में आयरन जमा होने लगता है। इसके अलावा थैलेसीमिया जैसे मरीजों में बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी आयरन ओवरलोड हो सकता है। उन्होंने बताया है कि आयरन ओवरलोड होने से कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
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लिवर शरीर में आयरन स्टोर करने का काम करता है। ऐसे में इसके ओपरलोड होने पर आयरन वहां जमा होकर सूजन, फैटी लिवर (Fatty Liver), सिरोसिस और गंभीर मामलों में लिवर फेलियर (Liver Failure) तक का कारण बन सकता है। लंबे समय तक अनियंत्रित आयरन ओवरलोड लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ा देता है।

डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा आयरन दिल की मांसपेशियों में जमा होकर कार्डियोमायोपैथी, दिल की धड़कन अनियमित होने और हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) और हार्ट अटैक (heart attack) का खतरा भी बढ़ सकता है।
Pancreas में आयरन जमा होने से इंसुलिन बनना कम हो जाता है और इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसे ब्रॉन्ज डायबिटीज भी कहा जाता है।
आयरन ओवरलोड होने से त्वचा में पिगमेंटेशन बढ़ जाता है, जिससे रंग भूरा या धूसर दिखने लगता है। हॉर्मोन बनाने वाले ग्लैंड्स जैसे थायरॉयड, पिट्यूटरी और एड्रिनल पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।

डॉक्टर सुनील राणा के मुताबिक, आयरन की कमी (Iron Deficiency) और अधिकता (Iron Overload) दोनों ही खतरनाक हैं। अगर सीरम फेरिटिन और आयरन लेवल नॉर्मल हों, तो सप्लीमेंट लेना नुकसानदायक हो सकता है। लंबे समय तक आयरन ओवरलोड अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर किसी को थकान, जोड़ों में दर्द, पेट भारी रहना, दिल की धड़कन अनियमित होना, त्वचा का रंग गहरा पड़ना या लगातार ब्लड शुगर बढ़ना जैसी समस्याएं हों, तो आयरन लेवल की जांच तुरंत करानी चाहिए।
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आपको बता दें कि आयरन शरीर को एनर्जी देता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में यही पोषक तत्व जहर की तरह काम कर सकता है। इसलिए किसी भी सप्लीमेंट की शुरुआत से पहले एक बार जांच और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
तो अगर आप भी ऊपर बताए गए लक्षणों काे महसूस कर रही हैं, तो एक बार आयरन लेवल की जांच करा लें। इससे आप समय रहते इलाज करा सकेंगी। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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