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how does thyroid problems cause weight gain

Thyroid and Weight: थायरॉइड का किस तरह होता है वजन पर असर? एक्सपर्ट से जानें

थायरॉइड का मेटाबॉलिज्म पर सीधा असर होता है। इस ग्लैंड के ओवर या अंडर एक्टिव होने से वजन तेजी से घट-बढ़ सकता है। थायरॉइड का वजन पर किस तरह असर होता है, एक्सपर्ट से जानते हैं। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-09-25, 13:03 IST

Sudden Weight Fluctuations in Thyroid:वजन का तेजी से कम होना या बढ़ना दोनों ही सही नहीं हैं और दोनों ही हमारी सेहत से जुड़े कई संकेत देते हैं, जिन्हें हमें नजरअंदाज करने के बजाय समझने की कोशिश करनी चाहिए। शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव वजन पर सीधा असर डालते हैं। अचानक से वजन बढ़ने या घटने के पीछे थायरॉइड ग्लैंड जिम्मेदार हो सकती है। इसके ओवर या अंडर एक्टिव होने का सीधा असर हमारे वजन पर होता है। यह ग्लैंड किस तरह से वजन पर असर डालती है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर आकाश शाह दे रहे हैं। डॉक्टर शाह, न्यूबर्ग सुप्राटेक रिफ्रेंस लैब में कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट हैं।

थायरॉइड का वजन पर असर (How does thyroid affect your weight)

sudden weight fluctuations in thyroid

थायरॉइड ग्लैंड हमारे गले में स्थित एक तितली के शेप की ग्रंथि होती है। यह मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स के प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार होती है। ये हार्मोन थायरॉक्सिन (टी4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन( टी3) शरीर के लिए जरूरी होते हैं। आप जो भी खा रहे हैं, उससे मिलने वाली एनर्जी को आपका शरीर किस तरह इस्तेमाल करेगा, ये हार्मोन उसे तय करते हैं। जब आपका थायरॉइड सही तरीतके से काम करता है, तो मेटाबॉलिज्म सही चलता है और आपका वेट स्थिर रहता है।

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थायरॉइड के प्रकार (Know about Hyperthyroidism and Hypothyroidism)

how does thyroid affect your weight

जब आपकी थायरॉइड ग्लैंड अधिक तेजी से काम करती है, तो इसे ओवरएक्टिव थायरॉइड यानी हाइपरथायरॉइडिज्म कहा जाता है। इस स्थिति में थायरॉइड ग्लैंड जरूरत से ज्यादा थायरॉइड हार्मोन का प्रोडक्शन करती है। थायरॉइड ग्रंथि का जरूरत से ज्यादा एक्टिव होना मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ा देता है, जिस वजह से आपका वजन तेजी से कम होने लगता है। आप सामान्य रूप से खाएं या सामान्य से ज्यादा भी खाएं, आपका वजन बढ़ने के बजाय कम होता है। इसके अलावा इस स्थिति में दिल की धड़कन का तेज होना, कमजोरी और एंग्जायटी जैसे लक्षण नजर आते हैं।

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वहीं, दूसरी तरफ हाइपोथायरॉइडिज्म में थायरॉइड ग्लैंड सामन्य से कम काम करती है और थायरॉइड हार्मोन का निर्माण कम होता है। जिसकी वजह से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और वेट गेन हो सकता है। इसके अन्य लक्षणों में अधिक ठंड लगना, कमजोरी और त्वचा का रूखा होना शामिल है। आपको बता दें कि थायरॉइड में वेट गेन मेटाबॉलिज्म के धीमे होने की वजह से होता है।

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Image Credit:Freepik

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