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hypothyroid and menopause

क्या मेनोपॉज में हो सकती है थायरॉइड की समस्या? जानें

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। जिसका असर लिवर और हार्ट हेल्थ पर भी पड़ता है। इससे थायरॉइड लेवल भी प्रभावित होता है।
Editorial
Updated:- 2023-08-07, 13:51 IST

महिलाएं, 45- 50 साल की उम्र में मेनोपॉज से गुजरती हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन बदलावों को महिलाओं की सेहत पर भी असर होता है। मेनोपॉज के बाद ओवरीज से एग रिलीज होने बंद हो जाते हैं, जिसके बाद पीरियड्स नहीं होते हैं। हार्मोन एस्ट्रोजन भी इससे प्रभावित होता है। मेनोपॉज का असर सिर्फ महिलाओं की फर्टिलिटी पर नहीं होता है, बल्कि इससे कहीं ज्यादा होता है।

काफी महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान थायरॉइड की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा लिवर और हार्ट हेल्थ पर भी मेनोपॉज का असर होता है। मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों में मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैशेज, वजन में बदलाव और पीरियड्स का अनियमित होना शामिल है। मेनोपॉज का थायरॉइड से क्या संबंध है, और थायरॉइड इस दौरान कितना कॉमन है, इस बारे में हार्मोन और गट हेल्थ कोच मनप्रीत से जानते हैं।

मेनोपॉज के दौरान थायरॉइड

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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं मेनोपॉज के दौरान हाइपोथायरॉइड का शिकार हो जाती हैं। 
  • मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होता है। जिसका असर थायरॉइड फंक्शन पर भी पड़ता है और थायरॉइड हार्मोन इससे प्रभावित होता है। 
  • एस्ट्रोजन, थायरॉइड हार्मोन को बाइंड करने वाले प्रोटीन्स को रेगुलेट करता है। इसलिए जब इसका लेवल कम होता है, तो थायरॉइड होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को हाइपोथायरॉइड होने के चांसेज ज्यादा होते हैं। 
  • जब थायरॉइड हार्मोन का स्त्राव कम होता है, तो इसे हाइपोथायरॉइड कहा जाता है। 
  • जो महिलाएं पहले से ही थायरॉइड से पीड़ित हैं, उन्हें मेनोपॉज जल्दी हो सकता है। 
  • थायरॉइड की वजह से मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होता है, जिसका सीधा असर डाइजेशन पर होता है।
  • एस्ट्रोजन हार्मोन के कम होने पर महिलाओं के इर्द-गिर्द फैट जमा हो जाता है और फैटी लिवर की संभावना भी बढ़ जाती है।

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मेनोपॉज में थायरॉइड के दौरान डाइट में बदलाव

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अगर आपको मेनोपॉज के दौरान थायरॉइड की समस्या हो जाती है, तो इसे दूर करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव जरूरी है। थायरॉइड से बचने के लिए भी आपको डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल करना चाहिए। भीगी हुई किशमिश, नारियल, कलौंजी, धनिया पाउडर, ये चीजें थायरॉइड फंक्शन को सही करती हैं, इंफ्लेमेशन को कम करती हैं, गट हेल्थ को सुधारती हैं। थायरॉइड हार्मोन के रिलीज को भी बढ़ाती हैं। इसे कंट्रोल करने के लिए आप योगा का भी सहारा ले सकती हैं।

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Image Credit:Freepik 

 

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