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Effects of bad news on expecting mothers

नेगेटिव न्यूज प्रेग्नेंसी को कैसे करती है प्रभावित?

प्रेग्नेंसी में नेगेटिव न्यूज सुनने से मां और बच्चे पर गंभीर असर पड़ सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-08-30, 19:48 IST

प्रेग्नेंसी एक महिला की जिंदगी का बहुत ही अहम और नाजुक समय होता है। यह खुशियां, उम्मीदें और कभी-कभी चिंताओं से भरा होता है। मां बनने की जो जर्नी होती है उस पर कई कारक असर डालते हैं। जैसे एनवायरमेंट जीवन शैली और यहां तक की जो समाचार हम सुनते हैं। हाल के दिनों में नेगेटिव न्यूज़ काफी ज्यादा बढ़ गई है और यह गर्भवती महिलाओं के लिए चिंता का विषय है। आइए जानते हैं कि नकारात्मक समाचार गर्भावस्था पर कैसे असर डाल सकते हैं।  Dr Prachi Sarin Sethi, Senior Consultant - Obstetrician, Gynecologist & Laparoscopic Surgeon, Motherhood Hospitals, Gurgaon इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

नेगेटिव न्यूज़ गर्भवती महिलाओं को कैसे प्रभावित करते हैं?

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  • नेगेटिव न्यूज़ का गर्भवती महिलाओं की मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है। लगातार तनाव चिंता और डर के संपर्क में रहने से कॉर्टिसोल हार्मोन होता है, उसमें तेजी से वृद्धि होती है जो  शिशु के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
  • जो गर्भवती महिलाएं नेगेटिव न्यूज़ के संपर्क में आती है,  वह बहुत ज्यादा चिंता और डिप्रेशन का सामना कर सकती हैं। यह उनके समग्र स्वास्थ्य और जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
  • ऐसे समाचारों के कारण तनाव और चिंता नींद की समस्याएं पैदा कर सकता है।  इससे गर्भावस्था की शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियां और भी बढ़ सकती है।
  • प्रेगनेंसी में नेगेटिव न्यूज़ के कारण होने वाले तनाव से कॉम्प्लिकेशन बढ़ सकता है। जिसके कारण समय से पहले प्रसव हो सकता है, कम वजन वाला बच्चा पैदा हो सकता है, जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति हो सकती है।

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  • नेगेटिव न्यूज़ के कारण गर्भवती महिला में उच्च रक्तचाप की स्थिति पैदा हो सकती है जो प्री एक्लेमप्सिया का खतरा बढ़ा सकती है। यह स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होती है।
  • लगातार तनाव लेने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिससे गर्भवती महिलाओं को संक्रमण और बीमारियों को खतरा बढ़ सकता है।
  • नकारात्मक समाचारों से पैदा होने वाले तनाव का शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है इस शिशु की हृदय गति और विकास में बदलाव हो सकता है। 

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Image Credit-freepik

 

 

 

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