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प्रेग्नेंसी में हो सकता है जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा, एक्सपर्ट से जानिए बचाव के उपाय

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल चेंजेस और जेनेटिक फैक्टर के कारण महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की शिकार हो सकती है। 
Editorial
Updated:- 2023-10-30, 20:11 IST

Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी एक महिला के लिए बहुत ही नाजुक घड़ी होती है। 9 महीने में महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। हार्मोनल चेंजेस होते हैं। कई बार यह बदलाव बीमारी को भी जन्म दे देते हैं। उन्हीं बीमारियों में से एक है जेस्टेशनल डायबिटीज। क्या होता है जेस्टेशनल डायबिटीज? क्या हैं इसके कारण और बचाव के टिप्स। सबकुछ एक्सपर्ट से विस्तार से जानते हैं। इस बारे में जानकारी दे रही हैं Dr Nancy Nagpal Consultant Gynaecologist Salubritas Medcentre, South Ex -II

क्या है जेस्टशनल डायबिटीज?

PREGNANCY AND DIABETES

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को जो डायबिटीज होती है उसे हम जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जानते हैं। यह डायबिटीज से अलग नहीं है। इस बीमारी में महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। बॉडी इंसुलिन का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होता  है। इसे हम इन्सुलिन रेजिस्टेंस के नाम से भी जानते हैं।

जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या क्यों होती है?

एक्सपर्ट के मुताबिक हार्मोनल चेंजेस की वजह से यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा जेनेटिक फैक्टर भी जिम्मेदार होता है। अगर आपके परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज है तो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान जो महिलाएं ज्यादा शुगर ,आलू, मैदा, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करती है उन्हें भी डायबिटीज का खतरा बना रहता है। प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज ना करना, वजन ज्यादा होने के कारण हर काम बैठे बैठे करने के कारण भी डायबिटीज हो सकती है।

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जेस्टेशनल डायबिटीज के नुकसान

  • जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर सिजेरियन डिलीवरी के चांसेस बढ़ जाते हैं।
  • वक्त से पहले डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है। यानी प्री टर्म डिलीवरी हो सकती है।
  • फ्यूचर में बच्चों में मोटापे और डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है।
  • बच्चा ओवरवेट पैदा हो सकता है।
  • जन्म के समय बच्चे का ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो सकता है।

कैसे करें बचाव

What stage of pregnancy does gestational diabetes start

  • हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें
  • टाइम टू टाइम प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड टेस्ट कराएं
  • वजन ज्यादा है तो वजन कम करके महिलाओं को प्रेग्नेंसी प्लान करना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान खुद को एक्टिव रखें।
  • शुगर इंटेक कम करें
  • लो कैलोरी डाइट को फॉलो करें
  • आहार में फलों, सब्जियों और साबुत आनाज के शामिल करें

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Image Credit- Freepik

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