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    टीनएजर्स के लिए क्यों जरूरी है खुद को पहचानना और अपोजिट सेक्स से अच्छा बर्ताव?

    किसी टीनएजर के लिए अपोजिट सेक्स के साथ सही बर्ताव कितना मुश्किल हो सकता है और उसे कैसे अपनी समस्याओं पर खुद काबू पाना चाहिए इसके बारे में जानें। 
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    Updated at - 2020-09-15,12:43 IST
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    टीनएज जीवन का एक ऐसा समय है जब आप कई बदलावों से गुजरते हैं जिसमें अपने शरीर, भावनाओं, दूसरों के साथ संबंधों और खुद को कैसे देखते हैं जैसी कई चीज़ें शामिल हैं। यह आपके जीवन का बहुत कंफ्यूज करने वाला समय हो सकता है, खासतौर पर तब जब आप अपोजिट सेक्‍स के साथ डील कर रहे हों। अपने दैनिक जीवन में हमें अपोजिट सेक्‍स के साथ कई एक्टिविटी जैसे काम, पढा़ई, सोशल एक्‍टिविटी आदि के लिए डील करने की आवश्यकता होती है और इसलिए किसी को भी अपोजिट सेक्‍स के साथ हेल्‍दी और अच्‍छा रिलेशनशिप बनाना सीखना चाहिए। 

    भले ही ये आसान लगता हो, लेकिन ये टीनएजर्स के लिए आसान होता नहीं है। हो सकता है कि वो अपनी भावनाओं को व्यक्त न कर पाएं, हो सकता है कि वो संकोच या असहजता की भावना से ग्रसित हों, हो सकता है कि उन्हें पसीना आता हो और अपोजिट सेक्स के साथ डील करने में दिक्कत होती हो। अपोजिट सेक्स के साथ कम्युनिकेट करने में टीनएजर्स को समस्या होती है और कई लोगों को ये नेचुरली नहीं आता है। 

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    अपोजिट सेक्‍स के साथ एक अच्छा पारस्परिक संबंध विकसित करना क्‍यों महत्वपूर्ण है?

    प्यूबर्टी की शुरुआत में ही टीनएजर्स का अपोजिट सेक्स के प्रति लगाव होने लगता है। कई अपोजिट सेक्स के साथ रोमांटिक रिश्ते के बारे में सोचते हैं और कई लोग स्ट्रॉन्ग फीलिंग्स या लगाव महसूस करते हैं। हालांकि, अपोजिट सेक्स के साथ रिश्ते सिर्फ डेटिंग या प्यार में पड़ने तक ही सीमित नहीं हैं। इसमें दोस्ती भी बहुत जरूरी है जो एक नॉर्मल सोशल लाइफ का हिस्सा बन सकती है। इसी के साथ, सही पारस्परिक संबंध और अपोजिट जेंडर के साथ दोस्ती भी भविष्य में नॉर्मल सोशल लाइफ के लिए जरूरी है। इससे निम्नलिखित चीज़ों में मदद मिलती है-

    1. अपोजिट सेक्‍स के दोस्तों के माध्यम से अपने बारे में अधिक जानने में मदद मिलती है।

    2. आपका दृष्टिकोण खुलता है और व्यक्तिगत विकास बढ़ता है। 

    3. अपोजिट सेक्‍स की विभिन्न विशेषताओं को सीखने से कम्युनिकेशन में सुधार होता है। 

    4. आपकी सोशल लाइफ बढ़ती है। 

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    अपोजिट सेक्‍स के साथ कैसे घुलें मिलें और डील करें?

    कुछ टीनएजर्स के लिए ये मुश्किल हो सकता है कि वो अपोजिट सेक्स के साथ कैसे रिश्ते बनाएं। हो सकता है कि वो दूसरों से अलग हों। निम्नलिखित दृष्टिकोण और स्वाभाव से अपोजिट सेक्स के साथ हेल्दी बॉन्ड डेवलप करने में मदद मिल सकती है, इससे टीनएजर्स से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं-

    स्टीरियोटाइप न बनें और इसकी बजाय एक-दूसरे के व्यक्तित्व को परखें और समझें। सामाजिक धारणाएं बदल रही हैं और यहां मॉर्डन पुरुष और महिला की इमेज भी बदल रही है। ये ज्यादा फ्लेक्सिबल हो गई है। सभी लड़के सख्त स्वभाव के होंगे या भावनात्मव रूप से मजबूत और इंडिपेंडेंट होंगे ऐसा सोचना गलत है। साथ ही, लड़कियां सौम्य, नाजुक और भावुक हों ऐसा जरूरी नहीं है। आप दोनों हो सकते हैं स्ट्रॉन्ग और कॉन्फिडेंट और साथ ही साथ केयरिंग और शांत। किसी व्यक्ति के साथ बातचीत करने से पहले उसके स्वभाव को जानना जरूरी है और उसी के हिसाब से उससे बात करना जरूरी है।  

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    एक-दूसरे की ताकत और गुणों की प्रशंसा और सराहना करें और एक-दूसरे की कमियों को स्वीकार करें। इससे एक सामंजस्यपूर्ण रिश्ता बन पाएगा।  

    इंटरेस्ट और हॉबीज के मामलों में समानताएं देखें ताकि अनुभव और भावनाओं को शेयर किया जा सके। यह तालमेल स्थापित करने और दोस्ती विकसित करने में भी मदद करता है। 

    दोस्तों को समझदारी से चुनें, जो भरोसेमंद हैं और आपको सुधारने में मदद कर सकते हैं। 

    दोस्‍तों के दबाव में न आएं और दिखावे के लिए बुरी आदतों में न पड़ें। अगर आप किसी को डेट कर रहे हैं तो एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान करें। 

    दोस्त बनाते समय ईमानदार रहें, सराहना करें और उनका सम्मान करें और एक दूसरे के साथ समान व्यवहार करें। अपनी परेशानी बताते समय झिझकें नहीं, एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें और उनकी मान्यताओं को समझें। सपोर्टिव बनें और एक दूसरे को समान अधिकार दें।  

    अपने पेरेंट्स, काउंसलर या करीबी दोस्तों पर विश्वास करें और उनकी सलाह और सपोर्ट लें। अगर आप फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं और अपोजिट सेक्स के साथ बर्ताव को लेकर कुछ कन्फ्यूजन है तो इस बारे में चर्चा जरूर करें।

    सार- 

    नार्मल सोशल लाइफ के लिए अपोजिट सेक्‍स के साथ अच्छे पारस्परिक संबंध का संचार और विकास आवश्यक है। एक दूसरे के अंतर और समानताओं को स्वीकार और सम्मान करने से अच्‍छा और समान रिलेशनशिप स्थापित करने में मदद मिलेगी।  

    डॉक्टर डॉक्‍टर माधुरी द्विवेदी मेहेंडले (एमबीबीएस, डीजीओ, एफसीपीएस, डीएनबी) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।  

    References 

    https://www.familyeducation.com/life/behavior-issues/teaching-kids-how-behave-opposite-sex

    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3111728/

    http://www.cyh.com/healthtopics/healthtopicdetailskids.aspx?p=335&np=289&id=1716

    https://pedsinreview.aappublications.org/content/34/1/29

    https://www.studenthealth.gov.hk/english/health/health_se/health_se_ts.html

     
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