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कम उम्र में हार्ट अटैक! कहीं अनियमित नींद, तो नहीं इसकी वजह

आजकल युवाओं को काफी ज्यादा हार्ट अटैक आ रहा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि बुजुर्गों वाली बीमारी युवाओं को क्यों हो रही है। कहीं इसकी वजह अनियमित नींद तो नहीं। आइए एक्सपर्ट से समझते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-05-15, 18:26 IST

हार्ट अटैक, यह नाम ही किसी बुरे सपने जैसा है। वहीं आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, युवा इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं, यह बीमारी कभी उम्रदराज लोगों की बीमारी मानी जाती थी। लेकिन अब नौजवान भी इससे अछूते नहीं है। यह एक चिंताजनक स्थिति है और इसके कई कारण हो सकते हैं। हाल ही में जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी, में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस खतरे के लिए अनियमित नींद को जिम्मेदार ठहराया है। हमने इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट से भी बात की।  Dr. Abhishek Singh, Consultant – Cardiology, Manipal Hospital, Ghaziabad इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

अनियमित नींद की वजह से हार्ट अटैक

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एक्सपर्ट बताते हैं कि स्टडी में पाया गया है कि जिन लोगों की नींद का समय और अवधि सबसे अनियमित थी, उनमें नींद लेने वालों की तुलना में दिल के रोग विकसित होने का खतरा दोगुने से भी ज्यादा था। युवाओं में अनियमित नींद चक्र और बार-बार नींद की कमी दिल से संबंधित रोगों के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकती है, और अक्सर इसके शुरुआती चेतावनी संकेत भी मामूली लगते हैं, जिन्हें अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं।

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अनियमित नींद कैसे दिल को प्रभावित करती है?

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कम नींद लेने से सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम ट्रिगर होती है। इससे दिल की गति और रक्तचाप लंबे समय तक उच्च बने रह सकते हैं, जो समय के साथ दिल पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।

नींद की कमी से प्रो इंफ्लेमेटरी मार्करों, जैसे कि सी रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है। पुरानी सूजन धमनियों को सख्त कर देती है,जो हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है।

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नींद की कमी से कोर्टिसोल और इंसुलिन जैसे हार्मोन के उत्पादन में बाधा डालती है। कोर्टिसोल में तनावपूर्ण वृद्धि रक्तचाप बढ़ा सकती है, जबकि इंसुलिन प्रतिरोध मधुमेह को जन्म देता है, जो दोनों ही दिल के रोग के लिए जोखिम कारक है।

नींद में गड़बड़ी,से एट्रियल फिब्रिलेशन से जुड़ी होती है। ऐसी अनियमित धड़कने रक्त के थक्के,स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती हैं।

नींद की कमी भूख हार्मोन को बाधित करती है, जिसके परिणामस्वरूप भूख बढ़ती है और वजन बढ़ता है। मोटापा युवाओं में हृदय रोग के खतरे को काफी बढ़ा देता है।

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Image Credit:Freepik

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